सीरवी समाज - मुख्य समाचार
	
	
	
	 
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सोजत रोड,कस्बे में शनिवार दोपहर को तेज बारिश के साथ आए अंधड़ से प्रभावित हुआ जनजीवन लगातार तीसरे दिन भी प्रभावित रहा। अचानक आई प्राकृतिक आपदा से अभी तक लोग उबर नहीं पाए हैं। इधर, शनिवार दोपहर से कस्बे में गुल हुई बिजली आपूर्ति व्यवस्था सोमवार को भी पूरी तरह बहाल नहीं हो सकी। कस्बे में बिजली आपूर्ति व्यवस्था को सुचारू करने के लिए सोमवार को भी डिस्कॉमकर्मी खंभे लगाने व लाइनों की मरम्मत में जुटे रहे। हालांकि शाम तक कुछ स्थानों पर बिजली व्यवस्था सुचारू होने के समाचार हैं। गत तीन दिनों से बिजली आपूर्ति बंद रहने से आम नागरिक परेशान हैं। सांझ ढलते ही पूरा कस्बा अंधेरे में डूब जाता है। व्यवसायी भी सूर्यास्त होते होते अपने प्रतिष्ठान बंद कर घरों को लौटने लगे हैं। 
बिजली आपूर्ति सूचारू होने में लग सकते हैं एक दो दिन : हालांकि डिस्कॉमकर्मी अलग- अलग टीम बनाकर कस्बे में बिजली आपूर्ति व्यवस्था सुचारू करने का पूरा प्रयास कर रहे हैं, लेकिन प्राकृतिक आपदा से सबसे ज्यादा नुकसान डिस्कॉम को पहुंचा है। बिजली के 60 से अधिक खम्ंभे, तार व 5 ट्रासंफार्मर क्षतिग्रस्त हो गए थे। डिस्कॉम को इससे करीब 25 से 30 लाख रुपए का नुकसान पहुंचा है। सोजत रोड से जुड़े कई गांव इससे प्रभावित हैं। डिस्कॉम के सहायक अभियंता पीएस राठौड़ ने बताया की सोजत रोड, आलावास, धूंधला व खोखरा की बिजली आपूर्ति सोमवार तक शुरू नहीं हो पाई। मांडा, बगड़ी, सवराड़ व अन्य गांवों की बिजली आपूर्ति सोमवार से शुरू कर दी गई है।
सर्वे कार्य जारी : तूफान से प्रभावित परिवारों को राज्य सरकार द्वारा आर्थिक सहायता मुहैया कराने के लिए कस्बे में शुरू किया गया सर्वे कार्य सोमवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। सर्वेकर्मी पूरे दिन पीडि़त परिवारों के बारे में जानकारी जुटाते नजर आए। सर्वे कार्य मंगलवार को पूरा होने की संभावना है।
मोबाइल व फोन सेवा चरमराई : तूफान के बाद कस्बे की बीएसएनएल लैंडलाइन सेवा ठप हो गई थी। अभी भी सैकड़ों फोन बंद पड़े हैं। ऐसे में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लगातार बिजली बंद रहने से लोगों के मोबाइल फोन की बेट्रियां भी जवाब दे चुकी हैं।
पटरी पर लौटने लगी जिंदगी
शनिवार को तूफानी बारिश से तहस- नहस हुए फुटकर व्यवसायी पुन: अपने सामान को व्यवस्थित कर काम शुरू करने मे जुटे हुए हैं। शनिवार को आए तेज अंधड़ व बारिश से बगड़ी मार्ग बस स्टैंड पर लगे केबिन तहस- नहस हो गए थे। इनसे इन व्यवसायियों का हजारों रुपए का सामान बर्बाद हो गया था। 
साभार, दैनिक भास्कार
uploaded by Mangal Senacha,Bangalore, on 16 Nov. 2010 at 10.29AM )