सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : कैलाश मुकाती kailashvip@gmail.com मो.09993567482

महेश्वर (मध्य प्रदेश) सीरवी समाज के धर्मगुरू स्वर्गीय श्री हरिदास जी की महेश्वर स्थित समाधि के जीर्णोंद्धार एवं श्री आई माता मंदिर निर्माण हेतु समिति गठित की गई। कार्यकारिणी समिति में धार, बडवानी, खरगोन एवं देवास जिले के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। समिति के अध्यक्ष पद पर श्री. पृथ्वीसिहंजी सोलंकी (कोदलियाखेड़ी / महेश्वर ) उपाध्यक्ष पद पर श्री.महेन्द्र्रजी राठौर (कापसी / कुक्षी), जिला धार, सचिव पद पर श्री.कैलाशजी मुकाती (मनावर), जिला धार एवं कोषाध्यक्ष पद पर श्री भगवान जमादारी (छोटी खरगोन / महेश्वर) को मनोनित किया गया है। फरसगांव / महेश्वर के श्री. संजयजी बर्फा को समिति का सह-सचिव मनोनित किया गया है। कार्यरकारिणी समिति को समय-समय पर मार्ग दर्शन देने के लिए 27 सदस्यीय मार्गदर्शक मण्डल का भी गठन किया गया है। मार्गदर्शक मण्डल में म.प्र. के साथ-साथ गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, तमिलनाडु एवं आंध्रप्रदेश के सीरवी समाज के वरिष्ठ एवं प्रबुद्धजनों को शामिल किया गया है। ज्ञातव्य है कि खरगोन जिले के महेश्वर में नर्मदा के किनारे सीरवी समाज के धर्मगुरू दीवान श्री. हरिदासजी की पवित्र समाधि वर्तमान में उपेक्षित हालत में स्थित है। सीरवी समाज, आईपंथ (बिलाड़ा-राजस्थान) का अनुयायी है एवं श्री. हरिदासजी इसी परंपरा के दसवें धर्मगुरू(दीवान) थे, जो कि महेश्वर की धर्मपरायण शासिका अहिल्याबाई होल्कर के समकालीन थे। लोक मान्यता के अनुसार श्री. हरिदासजी सिद्ध एवं चमत्कारी संत थे, जिन्होने मां अहिल्या के समक्ष घोडे से नर्मदा नदी को पार किया था एवं तत्पश्चात वहीं नर्मदा किनारे समाधि ले ली थी। इन्हीं धर्मगुरू श्री. हरिदासजी की स्मृति में अहिल्याबाई ने इस समाधि (छत्री) का निर्माण कराया था जो कि आज भी न सिर्फ मालवा-निमाड़ वरन् समस्त भारतवर्ष के सीरवी समाज की आस्था एवं श्रद्धा का केंद्र है। विगत दिनों महेश्वर में सीरवी समाज का महासम्मेलन आयोजित हुआ था, जिसमें इस पवित्र समाधि के जीर्णोंद्धार एवं आईमाता मंदिर के निर्माण का संकल्प लिया गया था। इसी को साकार करने हेतु मार्गदर्शक मण्डल एवं कार्यकारिणी समिति का गठन किया गया है। इसमें मालवा-निमाड क्षेत्र से श्री. मोहनजी भायल (अजन्दा), श्री. मनोहरलालजी मुकाती (बड़वानी), श्री. टीकमजी पंवार (लोहारी), श्री. भगवानजी चैधरी (बड़वानी), डॉं. दिनेशजी सतपुड़ा (राजगढ), श्री. कानाजी चैधरी (उचावद-बड़वानी), डॉ. श्री. उदयकुमारजी भायल (कुक्षी), श्री. मोहनलालजी परिहार (महेश्वर), श्री. भीमासिंहजी चोयल (महेश्वर),श्री डोंगरसिंह जी खण्डाला (बड़वाह) एवं श्री रामलाल जी पटेल (सिवई) को भी शामिल किया गया है।