सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : साभार - दैनिक नवज्योति- जोधपुर

जोधपुर। शहर में दोपहर बाद हुई मूसलाधार बरसात से जनजीवन चौपट हो गया। कई क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। मंडोर ब्रिज के पास चल रहे निर्माण कार्य के दौरान पत्थर गिरने से वहां अफरा तफरी मच गई। रामेश्वर नगर में पानी में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना पड़ा। तिंवरी के चंटालिया गांव में ट्रांसफार्मर जलने से क्षेत्र में आग भड़क गई। मौसम विभाग ने रात आठ बजे तक जोधपुर शहर में 47.2 मिमी बरसात रिकार्ड की है। इसके साथ ही शहर में अब तक 592 मिमी बरसात हो चुकी है जो औसत से कई गुना ज्यादा है। शहर के प्राचीन जलाशय राणीसर पदमसर में तीन सीढ़िया ही खाली रह गई है, रात को अगर मूसलाधार होती है तो इस बार इन जलाशयों पर चादर (ओटा) चलने का खतरा मंडराने लगा है। दोपहर को हुई बरसात के कारण शहर में एक दर्जन मकान ढह गए। वहीं संभाग के कई बांधों पर चादर चलने लगी है।
शहर में सुबह से ही काले घने बादल छाए हुए थे, अल सुबह सात बजे हल्की बूंदाबांदी भी हुई, लेकिन दोपहर को एकबारगी बादल छंट गए तो लगा कि बरसात आगे बढ़ गई है, लेकिन दोपहर दो बजे काले घने बादल चढ़ आए और ढाई बजे पूरे जोधपुर में मूसलाधार बरसात से जोधपुर में जल प्लावन की स्थिति हो गई। ढाई घंटे से अधिक समय तक एक ही रफ्तार से चली बरसात से जहां शहर के भीतर बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं वहीं शहर के बाहर स्थित पाली रोड़ और शास्त्रीनगर व रातानाडा पुलिस लाइन के मकानों सहित एक दर्जन बस्तियों में पानी भर गया। सड़कों पर घुटनों से ऊपर तक पानी बहने से शहर का जनजीवन चौपट हो गया, तिस पर टूटी सड़कों ने आमजन को भारी परेशानी में डाले रखा। शहर में शाम 6 बजे तक 47.2 मिमी बरसात हो चुकी थी।
कहां कितनी बरसात
लूणी - 22.5 मिमी
भोपालगढ- 13 मिमी
बिलाड़ा- 5 मिमी
फलौदी-5 मिमी
ओसिया-15 मिमी
शरेगढ-16 मिमी
सायला-15.2 मिमी
बाड़मेर-35 मिमी
गडरारोड- 20 मिमी
चौहटन- 12 मिमी
सिवाना- 35 मिमी
बालोतरा- 25 मिमी
गुड़ामालानी-25 मिमी
गिड़ा-10 मिमी
धोरीमन्ना-37 मिमी
रामसर- 25 मिमी
रेवदर-29 मिमी
आबूरोड- 20 मिमी
माउंट आबू- 10
बांधों की स्थिति-
जवाईबांध- 45.55 फीट
जसवंतसागर- 9.30 फीट
हरसोर बांध- 13.75 फीट
मेली बांध- 16.20 फीट
बाकंली बांध- 5.90 फीट
मीठड़ी बांध- 25.20 फीट
सादड़ी बांध- 63.00 फीट
(0.30 मीटर की चादर चली)
शिवनाथ सागर बांध- 20.50 फीट
केली की नाल बांध- 20.20 फीट
(0.20 मीटर की चादर चली)
तख्त सागर बांध- 11.10
(0.10 मीटर की चादर चली)
ललाट बांध- 27.20 फीट
(0.45 मीटर की चादर चली)
वेस्ट बनास बांध- 22.20 फीट
कादम्बरी बांध- 21 फीट
वाजना बांध- 5.85 मीटर
किनार बांध- 7.60 फीट
(0.10 मीटर चादर चली)
धवा की ढाणियों में पानी घुसा
धवा और लूणी के बीच हुई मूसलाधार के चलते सड़क किनारे ही दस फीट के क्षेत्र में पानी एकत्रित होने से सड़क मार्ग बाधित हो गया। इसके चलते जिला प्रशासन ने गंतव्य स्थान पर पहुंचकर पानी की निकासी बनाई तो पानी धवा कस्बे से होते हुए पास ही की कई ढाणियों में घुस गया इसके चलते चार फीट तक वहां पानी बहने लगा, तहसीलदार लूणी हेतराम का कहना है कि सड़क किनारे पानी को छोड़ा गया तो कुछ स्थानों पर पानी भर गया था लेकिन थोड़ी ही देर में ये उतर गया।
ये रहा अब तक की बरसात का आकंड़ा
- जोधपुर तहसील- अब तक 592 मिमी बरसात
- लूणी तहसील- 465 मिमी बरसात
- बिलाड़ा- 296 मिमी
- भोपालगढ- 475 मिमी
- शेरगढ- 566.5 मिमी
- फलौदी- 301 मिमी
- ओसिया- 412 मिमी बरसा
क्या कहते हैं कलेक्टर
जिले भर में अच्छी बरसात हुई है, जिला प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष सूचना के आधार पर बचाव व राहत के लिए तैयार है। कही से कोई जनहानि की सूचना नही है।
- सिद्धार्थ महाजन, जिला कलेक्टर, जोधपुर। घरों में घुसा पानी, बचाव के लिए पुकारा प्रशासन को
इधर शहर के भीतर स्थित हाथीराम का ओडा से लेकर आडा चौहटा तक दुकानों की रैम्प तक पानी बहने से पूरे क्षेत्र में स्थिति गंभीर हो गई है। इसके बाद बाढ़ नियंत्रण कक्ष से जिला प्रशासन को सूचित किया गया, दस्ते ने पहुंच कर कई दुकानदारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। दूसरी ओर मंडोर ओवरब्रिज के पास हो रहे सरकारी निर्माण से पत्थर गिरने से अफरातफरी मच गई, वहां पर पानी इतना वेग से आया कि पुल के पास व पुल के लिए चल रहे कार्य की सामग्री ही बह गई इससे कुछ बड़े पत्थर नीचे आकर गिरे, इससे एक जना घायल भी हो गया। वहीं माता का थान क्षेत्र में तीन से चार फीट की ऊंचाई तक पानी बहने से लोगों को अपने घरों में संदूकों पर खड़ा होकर बचाव करना पड़ा। क्षेत्र में लोगों को बचाने के लिए निगम के दस्ते को भेजा गया। इसी तरह पाली रोड़ पर कई मकान पानी से घिर गए, निगम प्रशासन ने मौके पर पहुंच कर पानी की निकासी का रास्ता बनाया तब कहीं जाकर आमजन ने राहत की सांस ली। इसी तरह रामेश्वर नगर में प्रेमसिंह नामक व्यक्ति की सूचना पर जेडीए का दस्ता वहां पहुंचा और पानी की निकासी को लेकर उपजे विवाद को निपटाते हुए पानी की निकासी करवाई। शहर में रामेश्वर नगर, कालीबेरी, चांदपोल, मेड़तीगेट आदि स्थानों पर करीब 13 मकान ढह गए, लेकिन कहीं से कोई जनहानि नहीं हुई।
ट्रांसफार्मर से लगी आग
तिंवरी के चंटालिया गांव में भारी बरसात के कारण ट्रांसफार्मर में आग लग गई, इसके चलते वहां लोगों में अफरातफरी मच गई, पूरे क्षेत्र में आग फैलने की आशंका के चलते पहले बिजली कटवाई गई फिर अग्निशमन दल वहां पहुंचा और आग पर काबू पाया।
राणीसर-पदमसर ओटा होने को
शहर के प्राचीनतम जलाशय राणीसर और पदमसर मात्र 3 सीढ़िया ही खाली है। रात को अगर तेज बरसात हो जाती है तो इन जलाशयों पर चादर (ओटा) चलने का खतरा है। इसको देखते हुए जिला प्रशासन ने इन जलाशयों पर रहने वाले लोगों को एलर्ट कर दिया है। गौरतलब है कि जब ओटा होता है तो नगरवासी बाकायदा इस पानी की जलाशयों के पास जाकर पूजा अर्चना करते है। राणीसर में कुल 9 सीढिया है जिसमें से 3 सीढिया तो किनारे पर बनी हुई है जो ही खाली रह गई है, ये पानी सबसे पहले पदमसर में जाकर गिरता है और वहां से ओटा शुरू हो जाता है।
एमडीएम में घुसा पानी
शहर के सबसे बड़े एमडीएम अस्पताल के बाहर पानी की निकासी नहीं होने के कारण नेहरू पार्क से होते हुए शास्त्रीनगर क्षेत्र में आने वाला पानी मथुरादास माथुर अस्पताल में घुस जाता है और फिर ये ट्रोमा में घुसकर मरीजों के लिए परेशानी का कारण बन जाता है, मंगलवार दोपहर को भी ये ही हालात थे इस अस्पताल के।
(uploaded by Mangal Senacha,Bangalore, on 15 sept. 2010 at 12.16noon )