सीरवी समाज - मुख्य समाचार
	
	
	
	 
	Posted By : साभार -राजस्थान पत्रिका, जोधपुर 
	
	
जोधपुर । सूर्यनगरी में हर दूसरे साल अच्छी बारिश हो ही जाती है। पिछले पचास सालों में शहर को 26 बार औसत से अधिक मानसूनी बारिश का तोहफा मिला। सन 1917 का साल तो जोधपुर के लिए यादगार है, जब यहां 1176.5 मिलीमीटर बारिश हुई। इसके अगले साल ही शहर को कुदरत की नाराजगी भी झेलनी पडी, जब सदी की सबसे कम 37 मिमी बरसात ही हुई।  जोधपुर की सालाना बारिश का औसत 332.80 है। इस साल अब तक औसत से अधिक बारिश हो चुकी है। सिंचाई विभाग स्थित बाढ नियंत्रण कक्ष में अब तक 627.30 मिमी और मौसम विभाग परिसर में 365 मिमी बरसात रेकार्ड की जा चुकी है। बारिश का यह क्रम अभी बना हुआ है।
नब्बे के दशक में हुई अच्छी बारिश
सूर्यनगरी में नब्बे के दशक में एक साल को छोडकर सभी वर्षो में औसत से अधिक बारिश हुई। वर्ष 1990 में जहां दशक की सर्वाधिक 844 मिमी बरसात हुई, वहीं अगले साल ही 159.3 मिमी बारिश से लोगों को निराशा भी हुई। इसके बाद 1999 तक जमकर बरसात रेकार्ड की गई। 
दो साल भीषण अकाल
वर्ष 1918 के अलावा जोधपुर में 1987 और 2002 में भीषण अकाल पडा। 2002 में 91 मिमी और 1987 में 122.9 मिमी बारिश ही हुई। 
जैसलमेर-बाडमेर भी निहाल
रेतीले धोरों और कम बारिश वाले सम्भाग के जैसलमेर और बाडमेर जिलों में भी इस बार इन्द्रदेव की मेहरबानी रही। इन दोनों जिलों में 22 अगस्त तक सामान्य से ज्यादा बारिश हो चुकी थी। बाडमेर में औसत बारिश 175.9 मिमी की तुलना में 377.1 और जैसलमेर में 113 की तुलना में 309.8 मिमी पानी बरस चुका है। जैसलमेर में औसत से 174 फीसदी और बाडमेर में 114 फीसदी अधिक बारिश हुई है। इसी तरह बीकानेर में औसत से 88, चूरू में 61, श्री गंगानगर में 62, हनुमानगढ में 46, जोधपुर में 38, जालोर में 78, पाली में 20, नागौर में 49, झंझनू में 54, सीकर में 81 फीसदी अधिक बारिश हो चुकी है। देर आयद, दुरूस्त आयद
मानसून भले ही इस बार देरी से आया, लेकिन रूक रूक कर हो रही बरसात से फसलों को भी जीवनदान मिल रहा है। वैसे अल नीनो प्रभाव नहीं होने से मौसम विभाग ने पहले से ही अच्छे मानसून की भविष्यवाणी की थी, लेकिन यह भविष्यवाणी से भी अच्छा मानसून रहा है। आगे आने वाले दिनों में भी बरसात होने की संभावना है। डॉ. एएस राव, मौसम वैज्ञानिक, काजरी
(uploaded by Mangal Senacha,Bangalore, on 13 sept. 2010 at 9.43AM )