सीरवी समाज - मुख्य समाचार
	
	
	
	 
	Posted By : साभार -राजस्थान पत्रिका पाली 
	
	
पाली। निम्बली (माण्डा) गांव में वृद्धा पुखी देवी सीरवी की हत्या का राजफाश करने में पुलिस को पसीने छूट गए। आरोपियों के झूंठ बोलकर पुलिस को छकाने व आरोपी भीमाराम के लडके के बयानों ने पुलिस का काम आसान कर दिया। 
नहीं चली होशियारी
पुलिस उपअधीक्षक सुमित गुप्ता के अनुसार आरोपी बार-बार झूंठ बोलते रहे। जब संदेह के आधार पर पुलिस ने भीमाराम चौकीदार व उसकी पत्नी से पूछताछ की तो उसने मना कर दिया कि वारदात के दिन घर कोई नहीं आया। हालांकि भीमाराम के 11 वर्षीय लडके ने पुलिस को बता दिया कि उसका मामा धन्नाराम वहां दो दिन से आ रहा था। धन्नाराम को पुलिस ने पकडा। धन्नाराम व भीमाराम ने अपने पास मोबाइल होने से मना कर दिया, लेकिन दोनों के पास मोबाइल मिले। वारदात के दो दिन पहले व दो दिन बाद उनमें बातचीत होना सामने आया। वारदात की रात उनके मोबाइल बंद थे। मृतका के मुंह में ठूंसे रूमाल के बारे में दोनों अनजान बन गए। भीमाराम के लडके ने बताया कि रूमाल उसके मामा का है। यह रूमाल सोजतरोड से खरीदा गया। कडी पूछताछ के बाद आरोपियों ने वारदात कबूल कर ली। धन्नाराम के खिलाफ सदर थाने व कोतवाली में नकबजनी और मारपीट के चार मामले दर्ज हैं। 
स्थानीय होने का संदेह
वृद्धा का मकान गांव के एक तरफ था। वह अकेली रहती थी, उसके पास जेवरात भी थे। वृद्धा के घर की कुछ दूरी पर मिला संदूक ऎसे रास्ते पर मिला, जो गांव का व्यक्ति ही जान सकता है। वहां किसी गाडी के पहियों के निशान नहीं थे। इससे शक हुआ कि वारदात स्थानीय व्यक्ति ने ही की। 
पुलिस को राहत
वारदात के बाद सीरवी समाज ने मृतका का तीन दिन तक शव नहीं उठाया था। उन्होंने दस दिन का अल्टीमेटम दिया था, जो दो दिन बाद पूरा होना था। वारदात खुलने से पुलिस को राहत मिली है। 
(uploaded by Mangal Senacha,Bangalore, on 31August 2010 at 9.44 AM )