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Posted By : साभार - दैनिक भास्कर - जोधपुर

पाली, पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि पाली से भीमाराम बावरी का साला धन्नाराम घटना के दो दिन पूर्व निंबली मांडा आ गया था।
यहां पर इन दोनों ने मिलकर घटना से पहले मृतका के मकान की लोकेशन देखी। घटना वाले दिन दोनों ने पहले घर पर ही शराब पी तथा मांस खाया था। गांव में जागरण भी था, इसलिए दोनों को वारदात करने में ज्यादा मुश्किल भी नहीं हुई। मृतका का मकान खुला होने के कारण दोनों ने प्रवेश कर पहले वृद्धा को उसके घर में ही पड़ी एक सुतलीनुमा रस्सी से बांध दिया। इसके बाद मुंह में कपड़ा ठूंसकर उसकी हत्या कर दी थी। आरोपियों ने वृद्धा के शरीर पर पहने सोने व चांदी के जेवरात लूट लिए। इसके बाद मकान में ही रखे लोहे के सरिए से संदूक का ताला तोड़ दिया। संदूक से सामान निकालने के बाद सूनसान इलाके में पटक दिया। घटना के बाद दोनों आरोपी अपने घर पर ही आकर सो गए।
एसपी के टिप्स बने राज खोलने के आधार : एसपी ने जांच दल को जो टिप्स दिए थे, वह मामले की गुत्थी सुलझाने में काफी अहम साबित हुए। प्रथम दृष्टया घटना में स्थानीय लोगों का ही राज होना सामने आया था। वृद्धा का मकान सूनसान इलाके में होना, संदूक का घर से आधा किमी दूर ही छोड़कर जाना, आरोपियों द्वारा वाहन का प्रयोग नहीं करना, वृद्धा के मुंह में मिला रूमाल साधारण होना आदि ऐसे कारण थे जिससे साफ हो रहा था कि वारदात स्थानीय व्यक्ति ने की है। इसके साथ ही बाहर से आने वाले लोगों पर भी जांच केंद्रित की गई। इसमें धन्नाराम बावरी अपने बहनोई के यहां आना साबित हुआ था। पहले से ही नकबजनी की वारदात में लिप्त रहे आरोपी धन्नाराम निंबली मांडा गांव में आने से पहले सवराड़ में आयोजित मेले में भी शिरकत करने गया था, ताकि गांव वालों की नजर में वह ज्यादा नहीं आए। शेष&पेज 13
सख्ती बरतने पर टूटे आरोपी
पुलिस ने पूछताछ के लिए भीमाराम व उसके साले धन्नाराम बावरी को बुलाया तो वे पुलिस को भ्रमित करने का प्रयास ही करते रहे। दोनों के पास मोबाइल होने के बाद भी वे अपने पास मोबाइल नहीं होने का तर्क लगातार देते रहे। आखिर में पुलिस ने अपने प्रयासों से दोनों के नंबर तलाश लिए। दोनों के मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल निकलवाई गई तो पता चला कि वे घटना के बाद से ही संपर्क में थे तथा गांव में पुलिस की होने वाली गतिविधियों के बारे में एक दूसरे को जानकारी दे रहे थे। उनके मोबाइल नंबरों पर दोनों के बीच 21, 22 व 23 सितंबर को लंबी बात भी हुई थी। आखिर में पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो दोनों ने पूरा राज खोल दिया।
18 अगस्त को तोड़ा था मां का हाथ
आरोपी धन्नाराम बावरी शुरू से ही आपराधिक प्रवृति का रहा है। उसके खिलाफ सदर थाना क्षेत्र में नकबजनी की वारदात के मामले भी दर्ज हैं। 18 अगस्त को उसकी मां के साथ किसी बात को लेकर विवाद होने पर उसने अपनी मां अमरीदेवी के साथ मारपीट भी की थी, जिससे उसका हाथ फ्रैक्चर हो गया था। घटना के बाद पुलिस निंबली मांडा में विधायक केसाराम चौधरी के आरोपियों के नहीं पकड़े जाने तक शव नहीं उठाने की धमकी देते हुए धरने पर बैठे थे। इस दौरान वह मौका देखकर पाली आ गया तथा पाली में अपने मकान पर ही रह रहा था।
मासूम ने की मामा के रूमाल की पहचान
पुलिस ने आरोपियों की गई पूछताछ के दौरान काफी उलुल-—जलूल बयान देकर भ्रमित करने का प्रयास भी किया। जो रूमाल मिला था, पहले तो आरोपी धन्नाराम बावरी ने अपना होने से साफ इंकार कर दिया। इसके बाद भीमाराम बावरी के मासूम पुत्र को बुलाकर उससे रूमाल के बारे में शिनाख्त कराई गई तो उसने रूमाल अपने मामा का होने की पहचान कर दी। आरोपी ने वृद्धा के मुंह में कपड़ा ठूंसने के लिए अपने रूमाल का ही प्रयोग किया था। वारदात को खोलने में सोजत सीआई पारसराम चौधरी, सिरियारी थाना प्रभारी प्रेमदान रतनू, शिवपुरा थाना प्रभारी मदनलाल चौधरी, रास थाना प्रभारी खलील अहमद, सोजत रोड थाना प्रभारी रामवीर जाखड़ का भी सहयोग रहा।
(uploaded by Mangal Senacha,Bangalore, on 31August 2010 at 9.39 AM )