सीरवी समाज - मुख्य समाचार
	
	
	
	 
	Posted By : साभार -राजस्थान पत्रिका, पाली 
	
	
जोधपुर। जैसलमेर जिले के सानू क्षेत्र में लाइम स्टोन के दोहन और परिवहन के लिए सानू को हमीरा के रास्ते सीधे जैसलमेर रेलवे स्टेशन से जोडने के लिए नई लाइन की योजना तैयार हो गई है। करीब साठ किलोमीटर नई रेल लाइन पर पांच स्टेशन प्रस्तावित हैं। योजना की लागत 243 करोड रूपए आंकी गई है। 
इसलिए है जरूरी
जैसलमेर जिले के रामगढ से जुडे सानू खनन क्षेत्र में लाइम स्टोन का अथाह भण्डार है। प्रदेश की सरकारी कम्पनी राजस्थान स्टेट माइंस एण्ड मिनरल लिमिटेड यहां से स्टील ग्र्रेड लाइम स्टोन का दोहन कर देशभर में भेज रही है। सानू से लाइम स्टोन ट्रकों में परिवहन कर जैसलमेर रेलवे स्टेशन तक पहुंचाना पडता है। इस कारण प्रति टन लागत भी करीब एक सौ रूपए ज्यादा आ रही है। लाइम स्टोन की ढुलाई के कारण देश-विदेश से जैसलमेर आने वाले पर्यटकों पर भी बुरा असर पड रहा है। 
पहले मना, अब सर्वे पूरा
जैसलमेर से सानू तक करीब साठ किलोमीटर रेल लाइन बिछाई जानी है। फरवरी 2005 में रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने रामगढ-जैसलमेर रेल लाइन सर्वे की घोषणा की थी। तीन साल बाद फरवरी 2008 में उत्तर-पश्चिम रेलवे जोन ने सर्वे रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को भेजी थी, लेकिन जुलाई 2008 में रेलवे बोर्ड ने इसे खारिज कर दिया था। 
संशोधित परियोजना हुई तैयार
राजस्थान स्टेट माइंस एण्ड मिनरल लिमिटेड के अधिकारियों का कहना है कि आने वाले कुछ सालों में यहां से उत्पादन तीन से चार गुणा बढ जाएगा। ऎसे में ट्रकों की संख्या भी बढेगी, जो पर्यावरण के लिए अच्छी स्थिति नहीं होगी। इसके मद्देनजर उत्तर-पश्चिम रेलवे जोन के निर्माण विभाग ने सानू को हमीरा के रास्ते जैसलमेर से जोडने के लिए पूर्व में हुए सर्वे में कुछ संशोधन किया है। अब यह परियोजना स्वीकृति के लिए रेलवे बोर्ड भेजी जा रही है।
मुख्यमंत्री बना रहे दबाव
सानू रेल परियोजना के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी रेल मंत्रालय पर लगातार दबाव बना रहे हैं। हाल ही उन्होंने इस मुद्दे पर रेल मंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर परियोजना को मूर्त रूप देने का अनुरोध किया था। इसके बाद रेल अधिकारी हरकत में आए और नए सिरे से परियोजना तैयार करवाई गई।
(uploaded by Mangal Senacha,Bangalore, on 24August 2010 at 12.56 PM )  ---