सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : साभार- राजस्थान पत्रिका

पाली। परिवार के भरण-पोषण के लिए अध्ययन छोडकर फोल्डिंग का कार्य कर रहे दसवीं की जिला वरीयता सूची में स्थान प्राप्त विद्यार्थी प्रकाश सीरवी की मदद के लिए देश के साथ विदेश में रहने वाले भारतीय नागरिक आगे आए हैं। कोलकाता के विजयसिंह चौरडिया ने पाली निवासी विमल पटावरी के हाथों बुधवार को पत्रिका कार्यालय में बच्चे को पांच हजार रूपए प्रदान किए। उन्होंने पांच हजार की एक और किस्त अक्टूबर में देने का आश्वासन दिया है।
सीरवी के परिवार की स्थिति को लेकर राजस्थान पत्रिका में आठ सितम्बर के अंक में 'नन्हे कंधों पर परिवार का बोझ' शीर्षक से समाचार प्रकाशित हुआ था। इसके बाद बेंगलूरू के अशोक नागौरी, गांधीधाम के सोढीजी और सूरत निवासी (हाल दुबई) नरेश भाई ने सीरवी को आर्थिक सहायता मुहैया कराने के लिए पत्रिका कार्यालय में फोन कर आश्वासन दिया।
बेंगलूरू के प्रवीण सीरवी ने बताया कि विद्यार्थी की सहायता के लिए समाज के लोगों ने बैठक कर चर्चा की है। समाज के लोग बच्चे की पढाई, परिवार खर्च और बीमार पिता के उपचार के लिए व्यवस्था करने का प्रयास कर रहे हैं।
'पत्रिका' को साधुवाद
समाचार में होनहार विद्यार्थी की पीडा को उजागर करने के लिए प्रवासी राजस्थानियों ने 'पत्रिका' को साधुवाद दिया है। प्रवीण सीरवी ने बताया कि पीडित परिवार की मदद का जज्बा लेकर प्रकाशित किया गया यह समाचार दिल को छू गया। पूरा समाज पीडित परिवार की मदद के लिए तैयार है।
यह है मामला
दुर्गा कॉलोनी निवासी प्रकाश सीरवी ने बारहवीं वाणिज्य वर्ग की परीक्षा में जिला स्तर पर दसवां स्थान हासिल किया था। पिता के सडक दुर्घटना में घायल होने के बाद वे बिस्तर से उठने में अक्षम हो गए। वे अपनी याद्दाश्त भी खो चुके है। इस कारण परिवार का बोझ प्रकाश के नन्हे कंधों पर आ गया। वह पढाई छोडकर फोल्डिंग कार्य करने लगा। उसके परिवार में दादी, दो बुआ व चाचा मानसिक विक्षिप्त है। उनका खर्च भी उसे ही उठाना पड रहा है। बडा भाई विकलांग है।