सीरवी समाज - मुख्य समाचार
	
	
	
	 
	Posted By : साभार - दैनिक भास्कर - जोधपुर 
	
	
रायपुर मारवाड़,उत्तर पश्चिम रेलवे फ्रंटकोरिडोर योजना के तहत बीघा के आधार पर अधिग्रहित की जा रही जमीन के क्षेत्रफल में अंतर होने से रायपुर तहसील के कुछ गांव के किसानों को नुकसान हो रहा है। इससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। जानकारी के अनुसार रेल मंत्रालय द्वारा यात्रियों एवं सामान को गतंव्य स्थान तक पहुंचाने के उद्देश्य से दिल्ली—अहमदाबाद वर्तमान रेलवे लाइन के सामानान्तर एक ओर रेलवे लाइन बिछाया जाना प्रस्तावित है। 
उत्तर पश्चिम रेलवे फ्रंटकोरिडोर योजना के तहत एक ओर रेलवे लाइन बनने से माल ढुलाई सुगम हो सकेगी। नई रेलवे लाइन के लिए वर्तमान रेलवे लाइन के सामानान्तर किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है तथा अतिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा डीएलसी की रेट के आधार पर प्रति बीघा दिया जा रहा है। वर्तमान में पाली जिले में ही नहीं लगभग प्रदेश में एक बीघा का क्षेत्रफल 17424 वर्गफीट बनता है लेकिन रायपुर तहसील क्षेत्र की पांच—सात पंचायतों के रियासतकालीन में अजमेर—मेवाड़ा रियासत में शामिल होने के कारण उस समय एक बीघा का क्षेत्रफल 27225 वर्ग फीट वर्तमान में भी प्रचलित है। 
अत: प्रदेश का एक बीघा का क्षेत्रफल 17424 वर्गफीट होता है, जबकि रायपुर तहसील क्षेत्र की सेंदड़ा, चांग, चिताड़, अमरपुरा तथा झालाकी चौकी आदि ग्राम पंचायतों के दर्जनों गांवों में एक बीघा का क्षेत्रफल 27225 वर्गफीट होता है। इस प्रकार अन्य स्थानों की अपेक्षा रायपुर तहसील क्षेत्र की इन ग्राम पंचायतों के गांवों के बीघे में करीब दास हजार वर्गफीट का अंतर है। रेल मंत्रालय द्वारा अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा वर्गफीट अथवा वर्गमीटर में नहीं दिए जाने से उक्त गांवों के किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।
डीएलसी दर अधिक होने से नहीं होगा नुकसान
इन गांवों के प्रति बीघा क्षेत्रफल में अंतर तो जरूर है, लेकिन गांवों की डीएलसी की दर अधिक होने से किसानों को खास नुकसान नहीं होगा।
- बृजलाल मीणा तहसीलदार, रायपुर।
नहीं हो रही सुनवाई
इन गांवों के खेतों का बीघा अन्य गांवों की अपेक्षा अधिक करीब दस हजार फीट अधिक होने के कारण किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। सभी संबंधित अधिकारियों को शिकायत करने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अधिकारियों द्वारा डीएलसी की रेट में अंतर बताकर किसानों को भ्रमित किया जा रहा है।
-लाल मोहम्मद काठात प्रधान, रायपुर। 
(uploaded by Mangal Senacha,Bangalore, on 15 August 2010 at 4.13 PM )