सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : 31 Aug 2025, दुर्गाराम पंवार

पाली/सीरवी समाज की होनहार प्रतिभा,वीरांगना प्रियंका सीरवी का संक्षिप्त परिचय
किसी कवि ने ठीक ही कहा की *"बेटियाँ सिर्फ़ घर की इज़्ज़त नहीं।*
*समाज और राष्ट्र का गौरव होती हैं।*
*जब हाथों में किताब हो और तलवार भी।*
*तब वो 'प्रियंका' जैसी वीरांगना होती हैं।"*
हंसमुख,व्यवहार कुशल,युवा, महिला और बालिकाओं को आत्मरक्षा की प्रेरणा स्रोत, धार्मिक संस्कृति को बढ़ावा देने वाली✨वीरांगना प्रियंका सिंदड़ा उम्र 21 सुपुत्री श्रीमती कमला देवी,श्री हीरालालजी सुपौत्री श्रीमती अंची देवी श्री राजारामजी सीरवी✨
मूल निवास–गाँव शिवपुरा, वर्तमान,पाली,राजस्थान।
प्रतिभा प्रियंका सिंदड़ा की
*? शिक्षा*
12वीं (Arts, हिन्दी माध्यम, सरस्वती विद्यालय) –78.40%
बी.ए. (Final Year) – 65.18% 1st division
वर्तमान–एम.ए.(भूगोल) की तैयारी+SSC CGL प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी।
*⚔️ उपलब्धियाँ*
Sports: सॉफ्टबॉल (राज्य स्तरीय व राष्ट्रीय स्तर खिलाड़ी)
*अग्निवीर दौड़–द्वितीय स्थान प्राप्त*
भारत रक्षा मंच राजस्थान(जिला पाली) – प्रदेश मंत्री
*RSS, दुर्गा वाहिनी,सनातनी सेना,आर्यवीर दल,गौ पुत्र सेना सहित अनेक संगठनों से जुड़ाव*
भजन गायिका–अनेकों प्रतियोगिताओं की विजेता, राजस्थान,आंध्रप्रदेश,छत्तीसगढ़,गोवा और गुजरात जैसे राज्यों में मंचीय प्रस्तुतियां दी।
*तलवारबाज़ी और आत्मरक्षा प्रशिक्षण–अब तक 500 से अधिक बालिकाओं को तलवार और लाठी चलाना सिखाया।*
अनेक शिविरों और कार्यक्रमों में संस्कार+संस्कृति+आत्मरक्षा की अलख जगाई।
*? विशेष योगदान*
प्रियंका जी ने बालिकाओं में यह विश्वास जगाया कि—"बेटियाँ केवल पापा की परी नहीं,बल्कि पापा की शेरनी भी होनी चाहिए।"
*उन्होंने अपने समाज और गाँव-गाँव की बच्चियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाकर यह साबित किया है कि संस्कार और शक्ति का संगम ही सच्ची नारी शक्ति है।*

*? उनका स्पष्ट संदेश है —*
"संस्कार और परवरिश ही इंसान की असली पहचान है।
सिर्फ़ पढ़-लिख लेना ही पर्याप्त नहीं,
*बल्कि अच्छे संस्कार ही किसी को सच्चा महान बनाते हैं।"*
*? सपना*
हर बालिका को आत्मरक्षा सिखाना
*समाज और संस्कृति का नाम रोशन करना*
पढ़ाई (SSC CGL)व सेवा दोनों क्षेत्रों में आगे बढ़ना
*? संदेश*
"संस्कारों से सजी नारी ही सच्ची नारी है,
*हाथों में वीणा भी हो और शस्त्र भी,*
जब संस्कार और शौर्य एक साथ हों,
*तभी सच्ची 'वीरांगना' कहलाती है।"*
? समाज के हर कार्यक्रम, भजन संध्या,प्राण प्रतिष्ठा या आत्मरक्षा शिविर जैसे कार्यक्रम में बेटी प्रियंका सीरवी (सिंदड़ा)–पाली, आपके आमंत्रण और सहयोग की प्रतीक्षा में सदैव तत्पर।
हम सभी प्रियंका के मातापिता को हृदय से धन्यवाद देना चाहते है कि आपने अपनी बिटिया को धर्म,संस्कृति और आत्मरक्षा जैसी कला में निपुण बनाया।
जरूर समाज का साथ और समाज का आशीर्वाद रहेगा????बेटी प्रियंका सीरवी को चेत बंदे पत्रिका परिवार,अखिल भारतीय सीरवी समाज की ओर से हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं।।खूब आगे बढ़ते रहो और परिवार,समाज,जिला,राज्य और देश का नाम रोशन करती रहो।। मां का आशीर्वाद प्राप्त हो। ऐसी बेटी पर हमसभी को गर्व है।जय हिन्द जय भारत जय श्री राम जय श्री आईजी सा
प्रस्तुति/दुर्गाराम सीरवी