सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : 17 Oct 2024, दुर्गाराम पँवार

*लोकप्रिय कथाव्यास/मधुर भजन गायक बालयोगी*
मध्यप्रदेश/
संक्षिप्त परिचय/:-
*सीरवी समाज के अंदर मौजूद अद्भुत प्रतिभा के धनी कथा वाचक एवं मधुर भजन गायक संत श्री बालयोगी मनोज गुरुजी सीरवी*

*बालयोगी संत श्री मनोज कुमार सीरवी का जन्म मध्य प्रदेश के धार जिले में मनावर तहसील के एक छोटे से ग्राम कुराड़ाखाल में दिनांक 20/04/1994 को माता श्रीमती राधाबाई की कोख से पिता श्री बाबूलाल जी राठौड़ के घर हुआ था,आप बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के बालक है।आप बिना स्कूल गए ही प्रवचन ज्ञान प्राप्त कर तत्पश्चात स्कूल गए और मात्र 6 वर्ष की अवस्था में आपने देश के कई बड़े-बड़े शहरों मैं अपने ओजस्वी वाणी के द्वारा अद्भुत प्रवचन और भजन का कार्यक्रम दे चुके हैं,जिसमें मुख्यतः सर्वप्रथम मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले से आप समाज के सम्मेलन में भाषण देकर समाज को सामाजिक एकता में रहने का संदेश दिया तत्पश्चात आप  महाराष्ट्र में कासरवाड़ी ( पुणे ) आईमाता जी का मंदिर बना उसकी प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में आपको वहां से पंचों के द्वारा निमंत्रित करके ले जाया गया और उसके बाद मुंबई,सूरत, हैदराबाद,चेन्नई,बेंगलुरु,मैसूर इत्यादि दक्षिण भारत के कहीं शहरों में अलग-अलग जगह आपके प्रवचन गौ माता के ऊपर एवं श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा के तहत हुए और मध्य प्रदेश में इंदौर, भोपाल, उज्जैन,खंडवा, खरगोन, बड़वानी व धार जिले सहित कई जिले शामिल हैं।। आपने अभी तक 400 कार्यक्रम के लगभग समाज और 36 कोम के लोगों के बीच जाकर के दिए हैं, जिसमें मुख्यतः आप गौ माता की रक्षा के लिए विशेष बल देते हुए ,संगीतमय श्रीमद् भागवत महापुराण की कथा,श्री शिव महापुराण,श्री नर्मदा पुराण,नानी बाई का मायरा,श्री राम कथा, एवं आई माता जी की कथा सहित भक्तमाल और संगीतमय, सुंदरकांड के साथ साथ कई भजन संध्याओं में शामिल होते हुए कार्यक्रम दे रहे हैं,आपका कार्यक्रम कोई भी इच्छुक व्यक्ति करवा सकता है।आने वाले समय में सन्त श्री बालयोगी मनोज गुरुजी भावी पीढ़ी के लिए संस्कार शाला,गाय माता की रक्षा के लिए गौशालाएं और डर-डर की ठोकरे खाते हुए मां-बाप को रोटी कपड़ा और मकान दिलाने हेतु वृद्ध आश्रम की योजना पर विशेष बल देंगे एवं सनातन दृष्टिकोण में सामाजिक बदलाव पर प्रयत्न करेंगे।*
अखिल भारतीय सीरवी समाज आपका कोटि कोटि स्वागत, अभिनंदन,वंदन करता है,समाज को आगे आने वाले समय में भी आपके मुख से मधुर वाणी संगीत,स्वर,प्रवचन सुनने को मिले,बच्चों को श्री आईमाताजी के कहे हुए उपदेश,मार्गदर्शन ओर संस्कार,संस्कृति,सनातन धर्म सम्बधित बाते जरूर मिले।।आपने यह भी कहा कि हमारा जीवन बहुत ही अनमोल उपहार जैसा है हमें हमेशा जीवन को साकारात्मक सोच ओर मूल सिद्धान्तों,उद्देश्य के तहत जीना चाहिए ताकि जीवनमय जिंदगी में हमें सफलता और जीवन पूरा सफल बन जाए।नोट/कोई भी सामाजिक,धार्मिक,शैक्षणिक अनुष्ठान कार्यक्रम के कथा, सुंदरकांड के लिए आप हमसें संपर्क कर सकते हैं।बाबूलाल जी राठौड़ 6261700510/ 9363226458
प्रस्तुति/दुर्गाराम पंवार।