सीरवी समाज - मुख्य समाचार

##सोजत तहसील मुख्यालय से 7 किमी की दूरी पर, बिलावास, अजीतपुरा, धाकड़ी, बागावास, बासनी जोधराज और सोजत नगर के मध्य बसा हुआ ग्राम है- धिनावास।
Posted By : 25 Sep 2023, 09:19:25गोविन्द सिंह पंवार रोबड़ी
##सोजत तहसील मुख्यालय से 7 किमी की दूरी पर, बिलावास, अजीतपुरा, धाकड़ी, बागावास, बासनी जोधराज और सोजत नगर के मध्य बसा हुआ ग्राम है- धिनावास। धिनावास गांव में 36 कौम के लगभग 700 घर है, जिनमें सीरवी, मेघवाल, कुम्हार, देवासी, सरगरा, मालवीय लोहार, गोस्वामी, राव, राजपुरोहित, जोगी, हरिजन, वादी और ढोली बसते हैं। धिनावास गांव में सीरवी समाज के लगभग 300 परिवार है, जिनमें भायल, बरफा और राठौड़ गौत्र सर्वाधिक है। इनके अलावा लचेटा, चोयल, काग, सोलंकी, खंडाला और गहलोत यहां पर बसते हैं। यहां पर श्री आई माता जी का श्वेत मारबल में भव्य मंदिर बडेर बना हुआ है, यहां माताजी के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा विक्रम संवत २०७९, माघ सुदी तेरस दिनांक 03 फरवरी 2023 को आई माता जी के धर्म रथ भैल और परम पूज्य दीवान साहब माधव सिंह जी के भव्य बधावे के साथ दीवान साहब के कर कमलों से हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुई थी। यहां श्वेत मार्बल से निर्मित मंदिर के पास में हाॅल, कमरे के साथ सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध है। पुरानी बडेर स्थल पर सभा भवन और भोजन बनाने के लिए भट्टियां और सामग्री रखने के लिए कक्ष वगैरा बने हुए हैं। इस बडेर में वर्तमान में कोटवाल चौथाराम जी बर्फा, जमादारी रतनाराम जी भायल है। पुजारी मोहनलाल जी राठौड़ इसी भादवी बीज से अपनी सेवा दे रहे हैं, जबकि पिछले 10 वर्षों से श्री छगन जी राठौड़ पुजारी के रूप में सराहनीय सेवा दे चुके हैं। स्थानीय ग्राम से नौकरी में दुर्गाराम जी राठौड़ फौजी साहब वर्तमान में दिल्ली रेलवे में बाबू है, स्वर्गीय प्रताप राम जी बरफा पोस्ट ऑफिस में बाबू थे, पूसाराम जी बरफा सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के मैनेजर पद से सेवानिवृत हो चुके हैं। रामलाल जी राठौड़ सोजत नगर में पोस्ट ऑफिस में बाबू है, पारसमल जी बरफा बालोतरा में पोस्ट ऑफिस में बाबू है, तारा पुत्री श्री हेमाराम जी बर्फा बिलावास में मेल नर्स है। भूराराम जी चोयल पाली में सहायक पोस्ट मास्टर है रतनलाल जी बर्फा बिलावास में जलदाय विभाग में पंप चालक है। गीता धर्मपत्नी मोतीलाल जी चोयल आंगनवाड़ी में सहायिका है, हीरालाल जी चोयल पंचायत समिति रानी में बाबू है। राजनीति में भी इस गांव का अच्छा दबदबा रहा है, श्री घीसाराम जी गहलोत धिनावास पंचायत के तीन बार सरपंच रहे हैं, ढगलाराम जी भायल दो बार सरपंच रहे हैं, हेमाराम जी राठौड़ एक बार सरपंच रहे हैं, हस्तीमल जी भायल की मध्यप्रदेश की शिक्षित धर्मपत्नी जोशना भायल एक बार सरपंच रही और दाकू देवी धर्मपत्नी रामलाल जी भायल वर्तमान में धिनावास ग्राम पंचायत की सरपंच है। यहां से व्यापार व्यवसाय में बेंगलुरु, चेन्नई, मैसूर, हुबली, धारवाड़, हैदराबाद, भद्रावती, अहमदाबाद, सूरत, मुंबई, पुणे और सोजत में सीरवी बंधु व्यापार व्यवसाय में लगे हुए हैं। यहां से सर्वप्रथम दक्षिण भारत जाने वालों में श्री चौथाराम जी मादु जी चोयल मैसूर, श्री छैलाराम जी बर्फा, भंवर जी बर्फा बेंगलुरु और नारायण जी चोयल भद्रावती गए थे। दक्षिण भारत में बडेर के पदाधिकारी रूप में बींजाराम जी भायल हनुमंत नगर बेंगलुरु बडेर के अध्यक्ष हैं। मूलाराम जी बर्फा हुबली धारवाड़ बडेर के सचिव हैं। बाबा रामदेव सेवा संघ (विष्णु समाज) से धारवाड़ में मोहनलाल जी राठौड़ उपाध्यक्ष रहे हैं। तथा मालाराम जी बर्फा सूरत बडेर के उपाध्यक्ष रहे हैं। चिमनाराम जी राठौड़ तिरुपति बडेर के उपाध्यक्ष है। धिनावास में श्री आई माताजी सीरवी समाज समिति ग्राम धिनावास के नाम से रजिस्टर्ड संस्था है जिनके अध्यक्ष हस्तीमल जी भायल, उपाध्यक्ष श्री नारायण लाल जी चोयल, सचिव छैलाराम जी भायल, कोषाध्यक्ष पूसाराम जी बर्फा, सह सचिव भूण्डाराम जी खंडाला एवं सह कोषाध्यक्ष बींजाराम जी भायल है। बाईस सदस्य की कार्यकारिणी है, पूर्व कार्यकारिणी को ही यथावत रखा गया है, जिसका पुनर्गठन 18 अगस्त 2023 को हुआ है। स्थानीय ग्राम के भामाशाह में सबसे पहला नाम हस्तीमल जी भायल, जगदीश जी राठौड़ और ओगड़राम जी भायल का है जिन्होंने स्थानीय विद्यालय में 25 लाख की लागत से हॉल निर्माण करवाया है। श्री किशनजी राठौड़ के द्वारा एक कमरा निर्माण, रामलाल जी भायल के द्वारा एक कमरा निर्माण, हस्तीमल जी के द्वारा अजीतपुरा विद्यालय में एक कमरा निर्माण करवाया गया है। सीरवी समाज धिनावास के द्वारा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के मुख्य द्वार का निर्माण करवाया गया है। आई माताजी मंदिर से पहले गांव का मुख्य द्वार सीरवी समाज के द्वारा बना हुआ है और आई माताजी मंदिर जाने के लिए रोड़ का नामकरण भी श्री आई माता रोड़ किया हुआ है, और भामाशाह में पारसमल जी, हस्तीमल जी, दुदाराम जी भायल के द्वारा बिलावास धिनावास मार्ग पर एवं बागावास मार्ग पर अवाले का निर्माण करवाया गया। बींजाराम जी भायल द्वारा आखरिया में अवाला निर्माण करवाया गया, दल्लाराम जी लेरचा द्वारा राईकों की ढाणी में अवाला निर्माण, चौथाराम जी राठौड़ द्वारा धिनावास नागा बेरी मार्ग पर प्याऊ निर्माण एवं लेरचों के बास में अस्पताल के सामने अवाला बनाया गया। सोहन लाल जी राठौड़ द्वारा नागा बेरी रोड पर टांका का निर्माण, सोहनी देवी धर्मपत्नी मोहनलाल जी राठौड़ के द्वारा कबूतरों का चबूतरा निर्माण और टांका निर्माण बिलावास रोड़ पर करवाया गया। दलारामजी लेरचा के द्वारा कबूतरों का चबूतरा निर्माण और मेघाराम जी लेरचा द्वारा धिनावास बस स्टैंड पर प्याऊ का निर्माण करवाया गया है। इस गांव की प्रतिभाओं में दक्षिण भारत से ममता पुत्री लखाराम जी चोयल बेंगलुरु में एमबीबीएस कर चुकी है, श्री सम्पत राज पुत्र श्री रतनलाल जी भायल कनाडा में पायलट है, अशोक रतनलाल जी भायल MBA कर रहे है, भंवरलाल जी के पुत्र तेजाराम जी और उनकी पत्नी मंजू अमेरिका में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। भरत पुत्र श्री चिमनजी राठौड़ CA है। विशेष कर धिनावास की धन्य धरा पर श्रीमती खिंवणी बाई सोलंकी धर्मपत्नी धनाराम जी राठौड़ सती हुए है। आप दीवान साहब मोहन दास जी (पदम सिंह जी) के देवलोक गमन होने पर आसोज सुदी चौदस, बुधवार, विक्रम संवत १८२४ को दीवान साहब के देवलोक होने पर उनके पीछे सती हुए थे। आपके सती होने पर 1828 में चबूतरे का निर्माण करवाया गया और इस समय वहां पर मूर्ति स्थापना भी की हुई है, पूरे गांव के लोग आपको यहां पर नमन करते हैं, धन्य है धिनावास गांव जो अपने पति के पीछे सती होने के बजाय दीवान जी के देवलोक गमन होने पर सती हुए थे।जिनका पट्ट बनाया हुआ है। धिनावास में श्री आई माताजी धर्म रथ भैल का भव्य बधावा किया गया, विशेष कर श्री आई माताजी के इतिहास को सुनने के लिए बड़े बुजुर्ग उत्साहित थे अतः भैल आगमन पर बहुत प्रसन्न हुए। रात्रि में लगभग साढ़े ग्यारह बजे तक बड़ी संख्या में माताओं बहनों और बांडेरुओं ने श्री आई माताजी के इतिहास एवं सीरवी समाज के इतिहास को तन्मयता से सुना और अपने आप को धन्य भागी माना।तब तक गमी (सीरवी समाज के बंधु के देवलोक) हो जाने से बड़े बुजुर्गो ने रात्रि में भजन संध्या को स्थगित रखा गया लेकिन कुछ लोगों को नाम की इतनी चाह रहती है, बिल्कुल ही झूठ लिखा गया हिन्द सागर पाली के समाचार पत्र ने भजनों पर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर समाचार प्रकाशित किया है, जबकि दो घंटे सिर्फ धर्म सभा हुई, बैठे हुए श्रद्धालुओ के समक्ष दो घंटे पैरों पर खड़े रहकर इतिहास सुनाया गया उसे समाचार पत्र में स्थान ही नहीं दिया गया है। धन्य है ऐसे समाचार पत्र एवं समाचार देने वाले पत्रकार।जो हुआ वह समाचार बनता है पर जो नहीं हुआ वह समाचार बनने लगे तब समाचार पत्र की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा होता है। धिनावास गांव में श्री आई माताजी के प्रति पूर्ण आस्था और भक्ति भाव पाया आगामी माघ सुदी तेरस को प्रथम वर्षगांठ की तैयारियां शुरू हो चुकी है, श्री आई माताजी की ग्राम धिनावास पर पूर्ण कृपा बनी रहे, मां श्री आई माताजी से गांव की सदैव खुशहाली की कामना करता हूं -दीपाराम काग गुड़िया।