सीरवी समाज - मुख्य समाचार

##मेवाड़ और मारवाड़ को जोड़ने वाले काली घाटी मार्ग के करमाल चौराहे के सबसे नजदीक सीरवी आबाद गांव का नाम है -चौकड़िया।
Posted By : 16 Aug 2023, 09:58:16सीरवी गोविंद सिंह पंवार रोबड़
##मेवाड़ और मारवाड़ को जोड़ने वाले काली घाटी मार्ग के करमाल चौराहे के सबसे नजदीक सीरवी आबाद गांव का नाम है -चौकड़िया। मारवाड़ से 36 किमी दूर एवं मेवाड़ में कामली घाट से 15 किलोमीटर और देवगढ़ मदारिया से 20 किलोमीटर की दूरी पर यह गांव पूर्व में अरावली पर्वतमाला की सुरम्य वादियों की तलहटी में पंचायत मुख्यालय का लगभग 400घर की बस्ती वाला गांव है जहां सर्वाधिक सीरवी समाज का बाहुल्य है अन्य जातियों में राजपूत, देवासी, वैष्णव, सुथार,नाई, तेली, ढोली, वादी, कुम्हार, लौहार आदि बसे हुए हैं दर्जी इस गांव को छोड़कर चले गए हैं। सीरवी समाज के लगभग 175 घर है जिनमें से सर्वाधिक 50 घर बर्फा परिवार के है। अन्य गौत्र में आगलेचा,सिंदड़ा खंडाला, राठौड़ और सोलंकी परिवार निवास कर रहे हैं जिनमें से राठौड़ और सोलंकी के अलावा सभी गुड़ा रामसिंह से आये हुए हैं। आज से साठ साल पहले जब आसपास के किसी गांव में श्री आई माताजी का बडेर पक्का नहीं था उस समय विक्रम संवत २०२४ में चौकड़िया के बडेर की प्राण प्रतिष्ठा जति मोती बाबा जी भायल के कर कमलों से सम्पन्न हो गई थी जिसको देखने वाले उस समय चार पांच वर्ष से दस पन्द्रह वर्ष के बीच धुंधली यादें लिए हुए हैं जो बहुत कम लोग बचे हुए हैं प्राण प्रतिष्ठा की तिथि और माह भी किसी को याद नहीं है। एक कमरे व सामने एक बरामदे का बहुत पुराना ये बडेर आज की पीढ़ी से पुनः जीर्णोद्धार की आशा लगाए एक इतिहास है।बडेर के पास एक घर छोड़कर गली के पास शानदार सभा भवन है जिसमें भंडार कक्ष, शौचालय स्नानागार पलंग बिस्तर पंखे आदि की सुविधा उपलब्ध है। इस बडेर में वर्तमान में श्री गिरधारी लाल जी सिंदड़ा कोटवाल एवं श्री भैराराम जी राठौड़ जमादारी है कई वर्षों से वैष्णव परिवार माताजी मंदिर में सेवा पूजा कर रहे हैं वर्तमान में पारसदास वैष्णव सेवा कर रहे हैं। जिन्हें सेवा के समय धोती पहन कर सेवा का महेन्द्र जी कापसी द्वारा कहने पर रातों रात पालना कर सुबह की पूजा धोती पहन कर की, बदलाव होता है लाने वाला एवं कहने वाला चाहिए। नाम अजीब पर है पर भटनागर जी सीरवी (बरफा), जिन्होंने भारतीय डाक विभाग में सुपरवाइजर के पद से 2003 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली आपके बाद से अब तक चौकड़िया में सरकारी सेवा में सीरवी समाज का अकाल है दक्षिण भारत में प्रतिभाएं खाते खोल रही है जिनमें आपका पोता मुकेश साफ्टवेयर इंजीनियर है। इस गांव से व्यापार व्यवसाय में दक्षिण भारत में मुम्बई, सूरत, पुणे, हैदराबाद बेंगलुरु आदि में लगभग 100 से अधिक प्रतिष्ठान हैं जिनमें यहां से सर्वप्रथम मोतीलाल जी आगलेचा बंगलौर,सुजाराम जी बरफा, भैराराम जी राठौड़, दुर्गा राम जी सिन्दड़ा ने हैदराबाद एवं वेनाराम जी बरफा ने मुम्बई में अपने गांव का झंडा गाड़ा एवं भावी पीढ़ी के लिए रास्ता बनाया। युवा पीढ़ी के व्यवसायी में हैदराबाद में पाली जिले के सांसद महोदय श्री पी पी चौधरी के सबसे नजदीक व विश्वस्त के रूप में एक ही नाम है- दिलीप आगलेचा चौकड़िया।उर्फ़ डायाराम। राजनीति में भी वर्तमान उप सरपंच श्री नेमाराम जी आगलेचा के अलावा अकाल ही है। चौकड़िया के आसपास 8-9 एनिकट बने हुए हैं जिनसे कुंओं का जल स्तर अच्छा है फुलाद बांध से नहर की सुविधा भी उपलब्ध है। जमीन पानी का मेल अच्छा है हर सीरवी के पास जमीन है लगभग 25-30 बेरे हैं बेरे पर किसी अन्य जातियों का सीर नहीं है एवं किसान खुशहाल जीवन जी रहे हैं। जीरे की खेती में यहां का नाम है। पास ही में आये हुए एक छोटे गांव गुड़ा दुर्जन के सीरवी समाज की भैल की जात भी चौकड़िया में ही होती है जहां सीरवी समाज के राठौड़,आगलेचा, खंडाला, सोलंकी, पंवार,काग एवं सिंदड़ा गौत्र के केवल 18 परिवार है कोटवाल नगाराम जी खंडाला और जमादारी श्री रामलाल जी राठौड़ है बढेर के लिए एक बीघा जमीन चार दीवारी सहित बडेर निर्माण के लिए शुभ मुहूर्त के इंतजार में तैयार है। ग्राम चौकड़िया में श्री आई माताजी के धर्म रथ भैल के लिए पूर्ण आस्था का सैलाब देखा गया रात्रि में साढ़े ग्यारह बजे तक धर्म सभा में माताएं बहनें और बांडेरुओं की उपस्थिति तथा बाद में सुबह तक देशी वाणियों में भजन संध्या की जितनी प्रशंसा की जाये वह कम है। दिन में भी लगभग तीन घंटे धर्म सभा में महेन्द्र जी कापसी के उद्बोधन, हेमन्त जी सेपटा गादाणा, पूनाराम जी भायल गुड़ा सुरसिंह तथा दीपाराम काग गुड़िया को सुना। माताजी के धर्म प्रचार पर खुशी प्रकट करते हुए परम पूज्य दीवान साहब माधव सिंह जी का आभार प्रकट करते हुए आपके शतायु होने की कामना की- दीपाराम काग गुड़िया।