सीरवी समाज - मुख्य समाचार

##मारवाड़ जंक्शन से 25 किलोमीटर की दूरी पर रडावास पंचायत में 5 किलोमीटर की दूरी पर गुड़ा रामसिंह, गुड़ा दुर्जन,चौकड़िया और गुड़ा रुघनाथ सिंह के मध्य मात्र 200 घर की बस्ती है -गुड़ा प्रेम सिंह।
Posted By : 15 Aug 2023, 09:01:00सीरवी गोविंद सिंह पंवार रोबड़
##मारवाड़ जंक्शन से 25 किलोमीटर की दूरी पर रडावास पंचायत में 5 किलोमीटर की दूरी पर गुड़ा रामसिंह, गुड़ा दुर्जन,चौकड़िया और गुड़ा रुघनाथ सिंह के मध्य मात्र 200 घर की बस्ती है -गुड़ा प्रेम सिंह। यहां पर सीरवी समाज के अलावा राजपूत, देवासी, वैष्णव, सुथार,दर्जी, ब्राह्मण, मेघवाल ढोली, वादी,हाटिया आदि जाति के लोग निवास करते हैं। सीरवी समाज में सर्वाधिक राठौड़, सोलंकी और इक्का दुक्का घर देवड़ा,पंवार गौत्र के परिवार बसते हैं। यहां पर श्री आई माताजी मंदिर बडेर की प्राण प्रतिष्ठा विक्रम संवत २०६२ जेठ बदी ५ सोमवार दिनांक13-06-2005 को परम पूज्य दीवान साहब माधव सिंह जी के कर कमलों से संपन्न हुई थी।उस समय यहां पर मात्र 30 परिवार थे पर आज से 18 साल पहले शानदार बडेर बनाई अब इस पर पुनः रंग रोगन की आवश्यकता है। मंदिर के आस पास नव निर्माण कार्य चल रहा है जिसमें दांयी तरफ अलग से मंदिर और ऊपर गुंबद तैयार हो गया है जिसमें चारों गौत्र की कुल देवियों को विराजमान किया जायेगा।हाल बना हुआ है जिसमें आज से 18 वर्ष पूर्व का दीवान साहब माधव सिंह जी का पेंटर द्वारा बनाया हुआ फोटो आज भी सुन्दर है। शौचालय स्नानागार पलंग बिस्तर पंखे आदि की सुविधा उपलब्ध है।भैल को भी पोल में खड़ा करने की सुविधा है। इस बडेर के कोटवाल और पुजारी वयोवृद्ध श्री मालाराम जी राठौड़ है और जमादारी श्री देवाराम जी सोलंकी है। यहां से सरकारी नौकरी में किसी ने भी अभी तक खाता ही नहीं खोला है। पूरा मोब दक्षिण भारत की तरफ है। जिसमें हैदराबाद, बंगलौर, मुम्बई, पूना, सूरत, जामनगर आदि नगर में सफलता पूर्वक व्यवसाय व्यापार कर रहे हैं। और लगभग एक घर से औसतन दो दुकानें है। यहां बड़े बुजुर्गो में माताजी एवं धर्म के प्रति पूर्ण समर्पण है माताओं बहनों सहित आप सभी ने रात में साढ़े बारह बजे तक धर्म सभा का लाभ लिया और दीपाराम काग गुड़िया द्वारा सीरवी समाज के इतिहास एवं श्री आई माता जी के इतिहास व चमत्कारों को सुना पर युवा गधे के सिर से सींग की तरह नौ दो ग्यारह हो गये जिन्हें सुबह पुनः बडेर पधारने पर भजन सुनाए गए।आज धर्म सभा में महेन्द्र जी कापसी द्वारा संस्कार निर्माण पर उद्बोधन दिया गया।