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Posted By : राजस्थान पत्रिका..... पाली

पाली/बगडीनगर। आठवीं बोर्ड पैटर्न परीक्षा का गुरूवार को परीक्षा परिणाम घोषित हुआ। जिले की वरीयता सूची में ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों ने शहरी क्षेत्र के विद्यार्थियों को पछाड दिया। गत वर्ष की तुलना में जिले का परीक्षा परिणाम छह प्रतिशत कम रहा। जिले के छोटे से गांव खीमेल के विद्यार्थी ने जिले सर्वश्रेष्ठ अंक प्राप्त किए। प्रथम दस की जिले की वरीयता सूची में आए चौदह जनों में से ग्यारह छात्रों ने बाजी मारी।
आठवीं बोर्ड परीक्षा के परीक्षा परिणाम में इस बार फिर से निजी विद्यालयों के विद्यार्थियों ने बाजी मारी। आठवीं बोर्ड परीक्षा का परिणाम इस बार 68.84 प्रतिशत रहा।
जबकि गत वर्ष परीक्षा परिणाम 74.90 प्रतिशत रहा था। इस बार का परीक्षा परिणाम 6.06 प्रतिशत कम रहा। हालांकि गत वर्ष परीक्षा परिणाम घोषणा के समय परिणाम 69.41 प्रतिशत था। पूरक परीक्षा तथा पुनर्गणना के बाद परिणाम में सुधार हुआ था। जिले में सर्वो"ा अंक पाने वाला सरकारी स्कूल का विद्यार्थी रहा। चौदह विद्यार्थियों में से तीन विद्यार्थी सरकारी विद्यालय के रहे।
सरकारी व निजी पिछडे
गत वर्ष की तुलना में इस बार निजी व सरकारी दोनों विद्यालयों का परीक्षा परिणाम गिरा है। गत वर्ष सरकारी विद्यालय का परीक्षा परिणाम 72.06 (पूरक व पुनर्गणना के बाद) प्रतिशत था। इस वर्ष 65.28 प्रतिशत रहा। परिणाम इस वर्ष 6.78 प्रतिशत कम रहा। निजी विद्यालयों का परीक्षा परिणाम गत वर्ष 85.48 प्रतिशत रहा था। इस वर्ष 4.64 प्रतिशत गिरकर 80.84 प्रतिशत रहा।
प्रथम श्रेणी सर्वाघिक
आठवीं बोर्ड परीक्षा में जिले के 37,404 विद्यार्थियों का पंजीकरण किया गया था। इनमें से 36,922 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी। 482 विद्यार्थी अनुपस्थित रहे। सरकारी विद्यालयों के 14470, निजी विद्यालय के 7898 नियमित छात्रों ने परीक्षा दी। 545 छात्र स्वयंपाटी विद्यार्थी के रूप में बैठे। जिले में उत्तीर्ण वाले विद्यार्थियों में सर्वाधिक संख्या प्रथम श्रेणी आने वालों की रही। परीक्षा में बैठे 36,922 चिद्यार्थियों में से 14826 (40.15 प्रतिशत) प्रथम श्रेणी में रहे। द्वितीय श्रेणी में 10345 (28.01) प्रतिशत तथा तृतीय श्रेणी में मात्र 247 (.66) प्रतिशत विद्यार्थी रहे। पूरक परीक्षा में 5846 (15.83) प्रतिशत तथा 5662 (15.33) प्रतिशत विद्यार्थी अनुत्तीर्ण हुए।
छात्राएं पिछडी
जिले की वरीयता सूची में छात्राएं इस बार पिछड गई। प्रथम दस स्थान पर आए चौदह विद्यार्थियों में से मात्र तीन स्थान पर ही छात्राएं बाजी मार पार्ई। शेष स्थानों पर छात्रों ने बाजी मारी। परीक्षा में इस बार सरकारी विद्यालयों की 9899 व निजी विद्यालयों की 3455 छात्राएं नियमित विद्यार्थी के रूप में परीक्षा में बैठी। 655 स्वयंपाठी छात्राओं ने परीक्षा दी।
इन्टरनेट पर माथाप"ाी
सेवाडी। स्थानीय कस्बे सहित आस-पास के गांवों में आठवीं का परिणाम आते ही कस्बे में स्थित इन्टरनेट कम्प्यूटर की दुकानों पर भीड लग गई, लेकिन परिणाम उपलब्ध नहीं होने से परीक्षार्थियों को हताश होना पडा। कई अभिभावकों व विद्यार्थियों ने एसएमएस कर पैसे भी बिगाडे, लेकिन परिणाम नहीं मिला।
परिणाम जानने की रही उत्सुकता
सुमेरपुर[निप्र]। आठवीं बोर्ड परीक्षा परिणाम को विद्यार्थियों में उत्सुकता रही। परिणाम मिलते ही एक-दूसरे का मुंह मीठा कर खुशी जताई। कई विद्यार्थी पास होने की खुशी पर फूले नहीं समाए तो कइयों को निराशा हाथ लगी। परिणामों को लेकर अभिभावकों में भी खासा उत्साह नजर आ रहा था।
तीन अंकों में सिमटी मेरिट
पाली। आठवीं बोर्ड की प्रथम दस की वरीयता सूची इस बार फिर से तीन अंकों में सिमट गई। वरीयता में सर्वाधिक अंक पाने वाले विद्यार्थी ने 97. 67 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। दसवीं वरीयता 93.89 प्रतिशत पर रूक गई। दस की वरीयता का निर्धारण 3.78 प्रतिशत में ही हो गया।
'सर परिणाम कहां है'
पाली। डाइट द्वारा आठवीं बोर्ड परीक्षा परिणाम देखने की सुविधा नेट पर भी उपलब्ध करवाई थी। इंटरनेट पर विद्यार्थियोंं की भीड लगी रही लेकिन कई घंटों तक विद्यार्थियों को परीक्षा परिणाम देखने को नहीं मिला। विद्यार्थी बार-बार अपने शिक्षकों को फोन करके यही पूछते 'सर रिजल्ट कहां आ रहा है'क् विद्यार्थी डाइट व डाइट के अधिकारियों को फोन करते रहे लेकिन अधिकारियों ने फोन उठाना बंद कर दिया। शाम पांच बजे की बजाय करीब सात बजे परीक्षा परिणाम नेट पर उपलब्ध हो पाया।