सीरवी समाज - मुख्य समाचार

केआरएस रोड़ सीरवी समाज वडेर भवन में मनाया गया नवरात्रि महोत्सव।
Posted By : Posted Byमनोहर राठोड़ मैसूर on 11 Oct 2016, 08:33:27
मैसूर शहर के केआरएस रोड़ स्थित सीरवी समाज के आईमाता मंदिर परिसर में नवरात्री पूर्व के दौरान पुरे 10 दिनों तक चले कार्यक्रम मे कई प्रकार के आयोजन हुए। मनावर ( म.प्र.) से पधारे सीरवी पंथ के संतश्री बालयोगी, मनोजकुमार राठौड़ महाराज द्वारा श्रीमद्ध भागवत कथा वाचन व जागरण का आयोजन हुआ । इसके पूर्व श्रीमद्ध भागवत ज्ञान गंगा के समापन समारोह के ठीक एक दिन पहले श्रीबालाजी मंदिर से रविवार शाम 6 बजे शोभायात्रा प्रांरभ हुई जो गोकुलम रोड़, केआरएस रोड़ होते हुए रात्रि 8 बजे आईमाता मंदिर परिसर पहुँचकर सम्पन्न हुईं। शोभायात्रा में सीरवी समाज के अध्यक्ष मोटाराम सोलंकी के मार्गदर्शन में बैल रथ को रंग बिरंगे फूलो से सजाया गया साथ ही रथ पर कथा वाचक श्री मनोजकुमार राठौड़ महाराज मैसूर पेठा बांध कर विराजमान थे। शोभायात्रा में डीजे की धुन पर गैर नृत्य किये और बच्चों ने अपनी कला का प्रदसन करते हुए भिन्न भिन्न झाकिया सजा कर दर्शको का मन मोह लिया । इस अवसर पर महिलाओ ने गरबा नृत्य व् सुंदर गीत प्रस्तुत किये (केसरिया पधारो म्हारे देश... का खास अंदाज में गरबा के रंग को और अधिक सुनहरा कर दिया..व रामजी की चाल देखो..., पार्टी तो बनती है..., राधा तेरी चुनरी..., अरे दीवाने...) आदि गीतों की प्रस्तुतियाँ दी साथ ही बड़ी संख्या में युवक व युवतियों द्वारा गुजराती गाने पंखिडा रे उड़ी जाजे पावागढ़ रे, महाकाली ने जै ने कह्जो गरबे रमे रे...मारी कालका माँ ने जै ने कह्जो गरबे रमे रे.. आदि पर धूमधाम से गरबा नृत्य किये और लोग गरबा के रंग में डूबते नजर आये। पूरा माहोल ही खुशियों से भरा था। माँ देवी दूर्गा के नो स्वरूपों की बालिकाओं ने अपने विशेष कार्यक्रम के दौरान एक-एक रूप में प्रस्तुतियाँ दी। इस मोके पर महिला मण्डल द्वारा फेन्सी ड्रेस,मेहंदी,चित्रकला,भक्ति गीत,म्यूजिकल चैयर,पिक एण्ड स्पिक,सुलेख, निबंध,भक्ति गीत पर नृत्य,रंगोली, पौराणिक कथा नको की वेशभूषा आदि प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसमे प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान के विजेताओं को पुरुष्कार दिया गया। देर रात तक चले कार्यक्रम में अंकित शर्मा ने कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं, बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा। कभी गिरते हुए को उठाया नहीं, बाद आंसू बहाने से क्या फायदा वः थाली भरकर लाई रे खीचडो......थाली भरकर लाई रे खीचड़ो, ऊपर घी री बाटकी, जीमो म्हारा श्याम धणी,जिमावे बेटी जाट की। आदि भजनों की प्रस्तुतियाँ दी जिस पर श्रदालु झूम उठे। इसके पहले सीरवी पंथ के संतश्री बालयोगी, मनोजकुमार राठौड़ महाराज ने भावगत का महात्मय का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत साक्षात श्री कृष्ण स्वरूप हैं। कथा सुनने का अवसर जीव को जन्म-जन्म के पुण्यों का उदय है। एेसा सुअवसर आम जीव के किस्मत की बात नहीं है। संसार परिवर्तनशील है तथा आनंदमयी है लेकिन इंसान दुखी है। दूसरी तरफ यदि सच्चे आनंद की अनुभव करना है तो श्री मद्भागवत कथा सुनें। संसार का आनंद क्षणमात्र है लेकिन कथा का आनंद चिरमयी है। उन्होंने कहा कि 18 पुराणों में श्री भागवत पुराण वैसे ही सर्वश्रेष्ठ है, जैसे नदियों में गंगा है। जिस तरह गंगा का जल शुद्ध रहता है, उसी तरह कथा का प्रवाह सदैव शुद्ध होता है, जो जीव को चिरमयी आनंद प्रदान करता है लेकिन बिना अच्छे कर्मों के जीव तो भावगत की शरण प्राप्त कर सकता है तथा ही चिरमयी आनंद को प्राप्त कर सकता है। मनोज महाराज जी ने कहा कि जिस जीव पर भगवान की कृपा हो जाती है उसको फिर इस संसार की कृपा की आवश्यकता नहीं पड़ती तथा यदि भगवान की कृपा प्राप्त करनी है तो श्रीमद्भागवत शरणागति आवश्यक है। इसके श्रवण से जीव अहंकार से रहित हो जाता है। समाज के अध्यक्ष मोटाराम सोलंकी ने अपने विचार में कहाँ की व्यक्ति जिस समाज में पैदा होता है उस समाज के प्रति कर्तव्यों को निभाना चाहिए। समाज को एकजुट होकर उस व्यक्ति के लिए तत्पर रहें। इस अवसर पर उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने, बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने, युवाओं को नशे से दूर रहने का आह्वान किया। साथ ही कहा कि आज ही की तरह समाज को समय समय पर एकजुट होकर समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने के प्रयास करने चाहिए। इस अवसर पर समाज के संस्थापक श्री सुराराम सोलंकी द्वारा समाज भवन में अखंड व्रत धारियों का पारणे के साथ सम्मान किया गया। मनावर ( म.प्र.) से पधारे संत मात्माओ का समाज की और से मारवाड़ी साफा वः मालियापण से हार्दिक अभिनन्दन किया । वः सीरवी समाज की और से अमृत प्रसाद भी वितरण किया गया। मंदिर परिसर को महिला मण्डल की अध्यक्ष पुष्पा देवी काग के नेतृत्व में आकर्षक रूप से रंग बिरंगी फूलो से सजाया गया था। इस अवसर पर सचिव सुभाष काग,मोहन लाल सोलंकी,ओगड़राम गहलोत,रूपाराम राठौड़, महिला मण्डल की सचिव शीला सोलंकी, कोषाध्यक्ष शोभा सोलंकी सहीत समाजजनों का सक्रीय योगदान रहा। प्रेषक :- सीरवी समाज डॉट कॉम मैसूर के प्रतिनिधि मनोहर सीरवी राठौड़