सीरवी समाज - मुख्य समाचार

जहां चाह वहां राह - सीरवी समाज मे नशा मुक्ति के बढते कदम
Posted By : Posted By गोपाराम पंवार, राष्ट्रीय समन्वयक,
1. गांधीधाम श्री आईमाताजी मन्दिर प्राण-प्रतिष्ठा आयोजन पूर्णरूप से नशा मुक्त नशा नाश का द्वार है तथा सभी धर्मो में नशीली चीजों का सेवन पूर्णतया वर्जित है। अगर बात धार्मिक आयोजन की करें तो ऐसे आयोजनों में विशाल समुदाय की उपस्थिति को देखते हुए बिड़ी, सिगरेट, तम्बाकू व अफीम-तिजारा सहित अन्य नशीली चीजों को दूर रखना बहुत ही कठिन काम हो जाता है लेकिन अगर कार्यक्रम के अग्रणीय व समाज के मुख्या यह सोच लेते है कि आयोजन पूर्ण नशा मुक्त ही होगा व रहेगा तो फिर क्या कहना, कहते है कि जहाॅ चाह वहाॅ राह, जैसी सोच होगी वैसा ही व्यक्ति कर के दिखा सकता है और यह कारनामा करके दिखाया है मेरी नजर में समाज के दूसरे गांधी के रूप में पहचान बना चुके एव समाजसेवी, भामाशाह व उद्योगपति श्री रामलालजी सैणचा(रामपुरा) अध्यक्ष सीरवी समाज, गांधीधाम ने 14 दिसम्बर 2015 को आयोजित श्री आईमाताजी मन्दिर प्राण-प्रतिष्ठा में। श्री रामलालजी सैणचा स्वय शुरू से ही नशा विरोधी है तथा जैन समाज के साथ रहते हुऐ तथा अपने प्रभाव से सीरवी समाज गांधीधाम में नशीली चीजों को शुरू से दूर रखा। नतीजा आप सभी के सामने है कि मन्दिर प्रतिष्ठा व इससे सम्बधित सभी आयोजन में न तो बिड़ी, सिगरेट व तम्बाकू रखे गये, न ही अफीम-तिजारा तथा एक आर्दश आयोजन सम्पन्न हो गया पूर्ण नशा मुक्त। 2. नशा मुक्ति अभियान की प्रेरणा से बूसी-पाली में नशेड़ियों के बीच में अफीम मुक्त बारहवा। समाज में अभी अफीम का प्रच्चलन पूर्ण रूप से बन्द नही हो पाया है अभी भी बहुत से गांवो में मौत-मृतक व शादी समारोह के आयोजनों मे मनुहारों का दौर जारी रहता है। गिने चुने गांवों में पाली तहसील के बूसी गांव का नाम आसानी से आ ही जाता है लोग तो यहा तक कहते है यह गांव अफीम को लेकर काफी बदनाम हो गया है क्योंकि यहा के कुछ लोग इसके अवैध व्यापार में लिप्त हो जाने से इस गांव में कोई भी आयोजन हो, नशा मुक्त या अफीम मुक्त रखना लोहे के चना चबाने से कम काम नही होता है। लेकिन नशा मुक्ति अभियान की प्रेरणा से बूसी-पाली में नशेड़ियों के बीच में अफीम मुक्त बारह दिन का आयोजन का कारनामा करके दिखाया है समाजसेवी श्री मोहनलाल बर्फा व श्री पुनाराम बर्फा हाल वसई-बोम्बे जिनकी माताजी के अपे्रल 2016 के तीसरे सप्ताह में स्र्वगवास हो जाने पर आयोजित शोक सभा की बैठकों सहित अन्य आयोजनों में लोगों की भरसक मांग व सामाजिक दबाव को नजर अन्दाज कर, जहा तीन से पाॅच किलो अफीम खर्च हो जाता, एक पैसा भी इस पर खर्च नही किया। कहते है कि जहाॅ चाह वहाॅ राह, जैसी सोच होगी वैसा ही व्यक्ति कर के दिखा सकता है और यह कारनामा भी करके दिखा दिया। अपीलः- मेरा पूरे समाज के सभी बुद्धिजीवी एवं युवा वर्ग से अनुरोध है कि आप भी समाज हित में कुछ ध्यान देवे तथा आपके समस्त प्रकार आयोजनों को स्वय प्रेरित होकर नशा मुक्त रखवाये तथा समाज में कुरीतियां एवं रूढिवादी परम्पराओं सहित अंधविश्वास मिटाने हेतु समय की नजाकत को देखते हुये समाज हित में विशेष अभियान के रूप में जाग्रति लाने के प्रयास में सहयोग दिरावें। प्रस्तुतिः- गोपाराम पंवार, राष्ट्रीय समन्वयक, नशा मुक्ति एवं समाज सुधार अभियान मो.-94144-12815, 99297-17343