सीरवी समाज - मुख्य समाचार

श्रीमान मंगल सैणचा के आकस्मिक निधन से सम्पूर्ण भारत का मिडिया स्तब्ध ।
Posted By : Posted By कानाराम परिहार कालापीपल on 19 Jan 2016, 15:17:48
श्रीमान मंगल सैणचा अखिल भारतीय सीरवी महासभा के राष्ट्रीय मिडिया सचिव सीरवी समाज के युवा ह्रदय सम्राट,सोशल मिडिया किंग भारतीय अखबार जगत का एनसाइक्लोपिडिया के आकस्मिक निधन से अखबार जगत को अपूरणीय क्षति हुई है। व सीरवी समाज ने एक अनमोल हिरा खो दिया । आपका जन्म पाली जिले के पाटवा गांव बेरा झालरा के श्री भीकारामजी व माता श्रीमती नोजीबाई के घर दिनांक 01-07-71 को हुआ। आपकी प्रारम्भिक शिक्षा पाटवा व अटबड़ा मे हुई अटबड़ा मे आप अपने अध्यापकजी जो सीरवी सन्देश के सदस्य बनाते थे को पैसो के अभाव मे अपने घर से घी लाकर उन्हे देकर सीरवी सन्देश के सदस्य बने थे यह उनकी साहित्य या समाज के प्रति पहली रुची थी। आपने आठवी तक शिक्षा प्राप्त कर आर्थिक मजबूरियो वश पढाई छोड़ दक्षिण भारत का रुख किया । आपने सेठ साहुकार के यहां नोकरी करते हुए जबरदस्त पैठ जमाई रेडिमेड वस्त्र बिक्री मे आपकी कार्यकुशलता के कारण भागीदार बना दिया गया था । बिक्री के कार्यो हेतु आप प्रवास मे भ्रमण करते रहे इस भ्रमणकारिता ने आपकी बचपन की रुची को जगा दिया ओर आपको पत्रकारिता का शौक हो गया आपने अब तक कमाई गई जमा पूंजी जो लगभग 10 लाख थी विश्वसेतु अखबार निकालकर पुरी कर ली ओर अपने उपर कर्ज भी कर दिया कम अनुभव व अत्यधिक बजट के कारण आपका अखबार नही चल पाया। लेकिन आपने हार नही मानीओर पत्रकारिता को ही अपना व्यवसाय बनाने की ठान ली आपने जाग्रति दौर नाम से अखबार जगत मे पुन कदम रखा पहले के कड़वे अनुभवों की सीख ले नया करने की अभिलाषा मे जी जान से जुट गए। आपका मुश्किल से घर खर्च निकलने लगा फिर भी आपने हार नही मानी आपका अनुभव बढता गया ओर आप अखबार जगत के अन्य स्थाई स्तम्भ सामग्री आपूर्ती करने वाले महान कलाकार बन गए जिसमे मुख्य रुप से सुडोकु, दैनिक पंचाग,कुण्डली, वर्ग पहेलियां, चित्र पहेलियां, हैडिंग डिजाइन,कार्टून आदि के बहूत बड़े आपूर्तीकर्ता बन गए आप एक घण्टे मे एक पुरा अखबार तैयार करने की क्षमता रखते थे। अब तो आपने हिन्दुस्तान के लगभग सभी प्रमुख अखबारों को आपकी जरुरत होने लगी ओर आपके द्वारा तैयार सामग्री 450 से अधिक समाग्राचारपत्रों में नियमीत रुप से प्रकाशीत हो रही हैं टाइम्स ऑफ इण्डिया ग्रुप का विजय कर्नाटक, लोकमत ग्रुफ महाराष्ट्र, राजस्थान पत्रिका ग्रुफ का न्यूज टुडे जयपुर, पंजाब केसरी पंजाब व नई दिल्ली, पुण्यनगरी मराठी दैनिक महाराष्ट्र, यशोभूमि मुम्बई, जन्मभूमि ग्रुफ मुम्बई व गुजरात,आज का आनंद व संध्यानंद पूणे, स्वतत्र वार्ता आंध्र प्रदेश,दैनिक नवज्योति राजस्थान , नवभारत महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश, हरिभूमि हरियाणा व छतीसगढ़, प्रभात खबर झांरखण्ड,बिहार व पश्चिम बंगाल, राज एक्सप्रेस मध्य प्रदेश ,दैनिक नई दुनिया भोपाल, अग्निबाण इंदौर, विश्वमित्र कोलकता, जनमत समाचार सिलीगुड़ी, कश्मीर टाइम्स जम्मू,देशोन्ति महाराष्ट्र, प्रतिदिन अखबार अमरावती व अन्य प्रमुख अखबारों में सुडोकु, पहेलिया, दैनिक पंचाग, दैनिक इतिहास और अन्य लोकप्रिय सामग्री प्रकाशित हो रही है । अपने बेबाक तथा खोजपूर्ण तथ्यात्मक लेखों से समाज में एक नई जाग्रति लाई थी आपकी ख्याती इतनी बढ गई की भारत के मिडिया जगत मे हर किसी के जुवान पर मंगल सैणचा का नाम हो गया एक अनुमान के मुताबिक एक दिन मे छपने वाले देश के अखबारों मे सिर्फ मंगल सैणचा का नाम छापने मे एक क्विंटल स्याही खर्च होती है। देशभर के मिडिया हाऊसेज को मिडिया सामग्री बहूत ही सस्ती दर पर ओर कहीं छोटे छोटे अखबारों को तो मुफ्त मे उपलब्ध करने वाले मंगल सैणचा का सोशल मिडिया पर भी विशाल नेटवर्क था आप ट्विटर के ज्यादा शौकिन रहे है एक समय आप राजस्थान मे नम्बर वन ट्विटरबाज रहे है वर्तमान मे भी आपके एक लाख से ज्यादा फोलोवर्स रहे है 40 हजार से ज्यादा ट्विट आप कर चुके है समसामयिक विषयों पर उनकी ज्वलंत टिप्पणीयों को खूब पसन्द किया जाता था भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी आपके ट्विट पसन्द करते रहे है। आप सामाजिक कार्यो मे भी विशेष रुचि रखते थे आप कन्नड़ भाषा के अच्छे ज्ञाता होने से बहूत से कार्यक्रमों मे स्थानीय नेताओं व प्रवासी नेताओं के बीच दुभाषिए का काम भी करते थे मारवाड़ी को कन्नड़ मे ओर कन्नड़ को मारवाड़ी मे बहूत सुन्दर अनुवाद हाथोहाथ कर लिया करते थे आप कुशल मंच संचालक भी रहे है मिडिया जगत के बहूत से बड़े बड़े मंचो का संचालन आप ही किया करते थे । वर्तमान महासभा के गठन मे भी आपने बहूत अच्छा सहयोग किया था महासभा को नया रुप देने मे आपकी महत्वपूर्ण भुमिका रही थी। आप सीरवी समाज डॉट कॉम का भी काम काज देखते थे सबको साथ लेने की भावना का सीरवी समाज डॉट कॉम मे विशेष ध्यान रखा गया आपके व्यक्तीगत विचार नही मिलते हुए भी सीरवी समाज डॉट कॉम को कभी विवादित नही होने दिया यह उनकी महानता थी। आपने अपने पत्रकारिता के व्यवसाय को कभी भी व्यवसायिक रुप नही दिया जो दे उसका भी भला ओर ना दे उसका भी भला यही ध्येय बना दिया था काम करते रहने का सिद्धान्त ही आपना रखा था परिणामस्वरुप आप अपने परिवार के लिए कोई आर्थिक पूंजी नहीं छोड़ पाए हैलेकिन आपने अपने बच्चों को संस्कारों की बहूत बड़ी पूंजी दी है । आज आपके बच्चे आपकी कम्पनी जाग्रती दौर का काम काज संभाल रहे है आपका बेटा दीपक व जुड़वा बेटियां रीता व नीता तथा सबसे छोटी बेटी ज्योती के भरोसे आपका कार्यालय चल रहा है क्योकि आपका अधिकतर काम के सिलसिले मे बाहर ही प्रवास रहता था। आपकी पत्नी सीता बहूत ही धार्मिक सेवाभावी व कुशल ग्रहणी है । तीनों बेटिया अविवाहित है भगवान ने इस परिवार की बहूत बड़ी परीक्षा ली है इस परिवार पर दुखो का जबरदस्त पहाड़ टुट पड़ा है मां आईजी से प्रार्थना करता हूं कि इस दुख की घड़ी मे परिवार को सहनीय शक्ती प्रदान करे । मै इस परिवार का ही एक सदस्य हूं मेरा सम्पर्क आपसे 1993 मे सीरवी छात्रावास पाली मे हुआ तब मै पढता था मै जब भी बंगलोर जाता आपके घर गए बगैर नही रह पाता 5 साल तक लगातार मेरी दीपावली आपके घर बंगलोर मे ही मनाई गई। पैसो के लेनदेन के बारे मे गम्भीर रहने का मैने उनको बहूत बार कहा लेकिन हर बार अनसुना ही किया मुझे विश्वास था कि कभी ना कभी मै यह बात मनवा के रहुंगा पर ईश्वर को मंजूर नही था बीच रास्ते से ही उठा लिया । 23 दिसम्बर को मुझे फोन किया था की कानारामजी मुम्बई कब आ रहे हो मै बोला 25 को तो बोले ठीक है सीधे मेरे ओफिस आना अपन यहां से कुक्षी चलेंगे मैने कहा मै 25 का ठाणे मेरी बहिन के यहां जाकर 26 को आपके पास आउंगा तो बोले ठीक है लेकिन वह 26 तारिख दुनिया के अन्य खतरनाक तबाही भरी 26 तारिखों की तरह ही हुई ओर उनकी पुण्य आत्मा का परमात्मा मे विलय हो गया । ईश्वर के आगे सब बेवश है। ........ कानाराम परिहार (कालापीपल