सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : Mangal Sencha, Bangalore -39 paheli2003@gmail.com

श्रीमान् राजूजी,
जय माताजी री,
सीरवी समाज के प्रबुद्ध नागरिकों की जानकारी संलग्न करने और इन्टरनेट के माध्यम से उपलब्ध करवाने में आपका प्रयास बेजोड़ है। ताकि सीरवी नागरिकों का सम्पर्क बढ़े। सीरवी एक मंच पर पहुँचे और आपसी तालमेल तथा मेलजोल की भावना का विकास हो। साफ सुथरी भावना से बनाई हुई यह वेब साईट अपना काम बखुबी कर रही है। इसके लिए आप और मंगलजी साधुवाद के पात्र है।
पिछले जून माह से मैं सीरवी समाज वेब साईट के सम्पर्क में आया तब से ही लगातार इस साईट पर उपलब्ध विभिन्न जानकारियों और समाचारों से अवगत होता रहा हूँ। मंगलजी ने भी सीरवी समाज साईट के लिए समाचार भेजने हेतु प्ररित किया और मेरे साथी श्री रमेशजी के सहयोग से जब भी अवसर मिला समाचार भेजने का कार्य किया।
मेरे निजी विचारों को प्रकाशित करने के उद्देश्य से सीरवी अकादमी नाम से वेब साईट बना कर उस पर एक आवासीय विद्यालय की रुपरेखा का मॉड़ल प्रारुप प्रकाशित किया है। जिसके माध्यम से शिक्षा के वर्तमान प्रचलित स्वरुप में छात्रावास व्यवस्था के आदर्श प्रारुप का ताना बाना प्रस्तुत किया है। अगर कोई विद्यालय प्रबनधक इससे प्रभावित हो तो वे इसे अपना कर शिक्षण व्यवस्था में सुधार के प्रयास को गति दे सकते है। माध्यमिक स्तर तक की यह शिक्षण व्यवस्था बालकों के लिए सर्वोत्तम शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास को यथेष्ठ स्वरुप तक पहुंचाने के उद्देश्य से निरुपित करने की परिकल्पना है। जिसमें विज्ञान, वाणिज्य और कम्प्यूटर विषयों को प्रभावी ढ़ग से पढ़ाकर बालकों में इन विषयों में दक्ष बनाने का सोद्देश्य प्रयास करने की योजना है। ताकि विद्यालयी शिक्षा समाप्ति पर बालक अपनी आजिविका कमाने के प्रति सक्षम हो सके।
हमारा समाज जिस तेजी से आगे बढ़ रहा है उसी तेजी से नवीन विचारधाराओं और जातियों के सम्पर्क में आ रहा है। ऐसे में सीरवी नवधनाढ्य वर्ग के बालक बालिकाऐं विजातीय संक्रमण से प्रभावित होकर अपनी संस्कृति और संस्कारों की संचित पूंजी से अलग राह पर जा रहे है। हो सकता है यह भटकाव उन्हें मूल सीरवी सामाजिक ताने बाने से विचलित कर दे। ऐसे में शिक्षण के बुनियादी स्वरुप में मानवीय मूल्य, जातिय एकता, और संस्कारित आचरण ही उन्हें भोगवाद के उश्रृखल वातावरण सें बचा पायेगा। सीरवी अकादमी को इसी अवधारणा के नितित्त विचारों से श्रृजित किया है।
पत्र के साथ श्री रमेश लचेटा का फोटो भेज रहा हूँ। मेरा फोटो अभी तैयार नहीं है। अतः बाद में प्रेषित कर दूंगा।
आपका
लालाराम काग

(uploaded by Mangal Senacha,Bangalore, on 19Feb2010 at 10.26PM )