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शहिद तेजारामजी को हार्दिक श्रृदांजली कवि मुकेश मोलवा की कलम से
Posted By : Posted By कानाराम परिहार कालापीपल on 01 Oct 2015, 15:22:06
वीरता के प्रतिमान बन गए मान से बड़े सम्मान बन गए। माँ की आँखों के नूर थे कभी, राष्ट्र के स्वाभिमान बन गए। पिता की गोद में खेलकर जो अमर हुए गोलिया झेलकर जो। बाप का गुरुर अभिमान बन गए, राष्ट्र के स्वाभिमान बन गए। थे सुहागन का सिंगार कभी, वैरियों के लिए अंगार कभी। वीरांगना का अमर मान बन गए। राष्ट्र का स्वाभिमान बन गए। बच्चो का पिता महाकाम हो गया, अमर जग में उसका नाम हो गया। कल तक डटा रहा रायफल लेकर, आज शहीद तेजाराम हो गया। प्राण देकर देश को महान बन गए। राष्ट्र का स्वाभिमान बन गए। मुकेश मोलवा इंदौर