सीरवी समाज - मुख्य समाचार

दिशा देने वाले खुद दिग्भ्रमित, कैसे होगा सुधार?
Posted By : Posted By कानाराम परिहार on 07 Apr 2015, 16:02:23
सामाजिक पत्रिकाओं के सम्पादक मण्डल सहित समाज के बुद्धिजीवी-युवा पीढी के ‘‘स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन’’ अन्तगर्त प्रेरित होने की अपेक्षा थी, लेकिन हुआ इसका उल्टा, सम्पादक मण्डलों के किसी भी सदस्य द्वारा आगे आकर समाज सुधार के इस संकल्प कार्यक्रमों में रूचि नही दिखायी, जब कि सामाजिक पत्रिकाओं के माध्यम से समाज में फैली कुरितियां एवं रूढिवादी परम्पराऐं सहित अधंविश्वास मिटाने का उददेश्य लेकर समाज में काम करने उक्त संकल्प कार्यक्रमों का ब्यौरा सहित नशा मुक्ति से सम्बधित वाले व दिशा देने वाले सम्पादक मण्डलों के अधिकांश सदस्य खुद दिग्भ्रमित है, तो समाज में कैसे सुधार होगा तथा कौन सुधार करेगा? सम्पादक मण्डल के अधिकांश सदस्यों की व गणमान्यों की मौजुदगी में अफीम का खुल्लम खुला उपयोग होना तथा सम्पादक मण्डल परिवार के किसी भी सदस्य द्वारा ऐसे कार्यक्रम का बहिष्कार न कर प्रोत्साहन देना बैगंलोर में आयोजित सगाई-हथेन रस्म के कार्यक्रम में सम्पादक मण्डल के अधिकांश सदस्यों की व गणमान्यों की मौजुदगी में अफीम का खुल्लम खुला उपयोग होना तथा यहां भी सम्पादक मण्डल परिवार के किसी भी सदस्य द्वारा ऐसे कार्यक्रम का बहिष्कार न कर अपनी उपस्थिति में प्रोत्साहन देना अभी भी चर्चा का विषय समाज में बना हुआ है। ऐसे कार्यक्रमों से समाज सुधार परिपेक्ष में सामाजिक पत्रिकाओं के सम्पादक मण्डल कैसा सन्देश समाज को देना चाहते है? तथा बुद्धिजीवी एवं युवा पीढी कैसी प्रेरणा लेगें, इस पर सभी सम्पादक मण्डल के सदस्यों को निर्णायक मंथन करना होगा, ताकि भविष्य में ऐसी पुनरावृति न हो। प्रस्तुतिः- गोपाराम पंवार राष्ट्रीय समन्वयक, नशा मुक्ति एवं समाज सुधार अभियान