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नशा मुक्ति एवं समाज सुधार अभियान माही बीज के कार्यक्रमों मे दो गांव राष्ट्रीय समन्वयक गोपाराम चौधरी की तुलना
Posted By : Posted By कानाराम परिहार कालापीपल on 05 Feb 2015, 15:51:23
नशेडि़यों की हठधर्मिता के आगे कुशालपुरा ड्रग्स फ्री ईण्डिया मिशन की सफलता के प्रयास में नशा नाश की जड़ है सभी धर्मो में नशीली चीजोें का सेवन पूर्णतयाः वर्जित है, इसलिये समाज को नशा मुक्त करने के उद्देश्य से दि 09.04.2006 को बिलाडा में गणमान्य बुद्विजीवियों की उपस्थिति में अफीम मुक्त समाज निर्माण अभियान का शुभारम्भ किया गया। धर्मगुरू श्रीमान दीवान साहब के सानिध्य में इस अभियान को जोरदार गति मिली एव समाज में परगना वाईज बैठकें कर जागृति पैदा की गयी, उससे समाज के अधिकंाश गावों में विभिन्न प्रकार के आयोजनों में अफीम व अन्य नशीले चीजों का प्रचलन बन्द हो गया है।नशा मुक्ति एवं समाज सुधार के इतने वर्षो के प्रयासो के बाद अभी भी कुछ क्षेत्रों में नशेडि़यों की हठधर्मिता एव सामाजिक बन्धुओं द्वारा विरोध नही करने से समारोहों में अफीम व अन्य नशीले पदार्थो का सेवन खुले आम किया जाना जारी है, चाणक्य ने कहा कि - जब समाज का मुख्या ही नशे में हो तो, प्रजा तो नशें में होगी ही, जिस क्षेत्र में युवा व पंच मुखिया अफीम व अन्य नशीली चीजों के सेवन में अग्रणी रहते है या अपना घर ही नही सुधार सकते तो अन्य लोगों को इससे कौन रोकेगा? और समाज सुधार कौन करेगा व किस तरह से होगा? धर्मगुरू श्रीमान दीवान साहब व राष्ट्रीय समन्वयक, नशा मुक्ति के द्वारा दो-तीन बार कुशालपुरा बडेर में एव रायपुर परगना स्तर पर मिटिगं कर समजाईस के प्रयासो के बाद भी अभी भी अफीम की मनुहार को रोका नही जा सका। श्री आई माताजी के अवतरण के 600वी जयन्ती वर्ष - गत भादवा सु. बीज वि.स. 2071, दि.27.08.2014 से आगामी भा. सु. बीज वि.स.2072 दि.15.09.2015 यानी 385 दिन तक के उपलक्ष में धर्मगुरू श्रीमान दीवान साहब के सानिध्य में धर्म एवं समाज सुधार के महा अभियान को सफल बनाने के लिये राष्ट्रीय समन्वयक द्वारा धार्मिक स्थानों, बडेरो, मन्दिरों व समाज के भवनों आदि पर प्रचार-प्रसार हेतु श्री आई माताजी के अवतरण के 600वी जयन्ती वर्ष से सम्बधित महा अभियान के फलेक्स बेनर लगाये जा रहेे है एव जागरूकता बढाने के लिये पेम्पलेटस भी बंाटे जा रहे है।इसी कार्य हेतु दिनाकं 11.01.2015 को बिलाड़ा, पृथ्वीपुरा, जैतारण, भाकरवास, खेड़ा देवगड, करमावास मालियान व कुशालपुरा में भी बेनर लगाये गये। उस समय गांव के मुख्यान सहित काफी तादाद में लोग कुशालपुरा बडेर में मौजुद थे। श्री जोगारामजी व श्री नारायण लालजी, अध्यक्ष प. स. रायपुर ने राष्ट्रीय समन्वयक को अवगत कराया की अब कुशालपुरा में भी कंटालिया की तरह कंाटा निकाला जायेगा क्योकि गांव के एक जागरूक नशेधारी ने अफीम की गुणवता की जाॅच लेबोरेटरी में करवायी जिसमें अफीम की मात्रा सिर्फ पंाच प्रतिशत ही पाई गयी तथा शेष पंन्चानवे प्रतिशत अन्य नशीली दवाईया की मिलावट पायी गयी, को लेकर समाज अब जागरूक हो गया है तथा सभी मुख्यान की राय बनी की माही बीज पर्व दि. 22.01.2015 को पूरा समाज बडेर में सम्मिलित होता है उस समय प्रस्ताव लेकर अफीम-तिजारा की मनुहार पर पुर्ण पाबंन्दी लगायी जायेगी। आप, राष्ट्रीय समन्वयक भी कुशालपुरा आये और हमारे प्रयास को समाज की सामाजिक पत्रिकाओं में छपवाये ताकि अन्य गांव भी कुशालपुरा से प्रेरणा ले सके।माही बीज पर्व दि. 22.01.2015 को समाज बडेर में सम्मिलित हुआ चर्चा उपरान्त अध्यक्षजी के प्रस्ताव पर अफीम-तिजारा की मनुहार पर पुर्ण पाबंन्दी लगायी एव बाल विवाह नही करने आदि अन्य का साथ निर्णय लिया गया तथा उल्लघंन पर भारी जुर्माना का भी निर्णय लिया है हारा, कंटालिया जीता बाकायदा लिखा पढी की गयी, अध्यक्ष, प. स. रायपुर द्वारा पंचो से अफीम-तिजारा की मनुहार पर पाबंन्दी के निर्णय की कठोरता से आज से ही पालना करने हेतु हेतु पाबन्द किया। दि. 27.01.2015 को निम्बहेड़ा कलाॅ क्षेत्र में अध्यक्षजी के पिताजी का व कुशालपुरा में उनके बहुत नजदीकी सम्बधि का एक ही दिन स्र्वगवास पर दाहसंकार किया गया. शौक सभा में माही बीज को लिये निर्णय अनुसार चूर्ण की मनुहारे शुरू की गयी, जो दो दिन तक भी नही चल पाई एव नशेड़ी पंचो को अफीम के बिना रहा नही गया और समाज में बिगाड़ा केसे किया जाये, मंथन होने लगा तथा बिगाड़ा अध्यक्षजी के अपने घर से शौक सभा से ही शुरू हुआ, समाज के निर्णय को दर किनार करते हुऐ नशेडि़यों को चुर्ण की जगह हथेली में अफीम रखकर मनुहारे करवाई जाने लगी, इसकी खबर आग की तरह पुरे कुशालपुरा में फैली। माही बीज को लिये निर्णय की पालना नही किये जाने को लेकर लोगों में घोर नाराजगी हुई, हालात पर काबू पाने व उल्लघंनकर्ताओं में अध्यक्षजी सहित नशेड़ी पंचों से जुर्माना वसुलने के लिये दि.01.02.2015 को सभी पंचो की आपात बैठक बडेर कुशालपुरा में श्री जोगारामजी द्वारा बुलाई गयी, दिन भर चली मैराथन बैठक में सभी पंचगण मोजूद रहे तथा गत माही बीज को लिये निर्णय में अंाशिक संसोधन-चुर्ण की जगह हथेली में अफीम रखकर मनुहारे किये जाने सहित जुर्माना कम करने पर ही अधिकतर नशेड़ी पंच राजी हुऐ। अफीम खाया है तो अध्यक्षजी को खिलाना ही पड़ेगा, नशा अफीम का दुसरों के घर में फोकट का खाना नशेड़ी पंच का हक जो है इसलिये नशेडि़यों की हठधर्मिता के आगे कुशालपुरा समाज हार गया है।अध्यक्षजी से हुई राष्ट्रीय समन्वयक की बात पर अध्यक्षजी ने कहा की चुनावी मौसम होने से कोई भी ऐसा निर्णय नही लिया, कहा गणगोर की बीज को निर्णय लेगे, तब तक अफीम खाने-मनुहार करने वालों पर किसी तरह की कोई समाज की रोक नही रहेगी बल्कि इसमें नशेडि़यों को भारी छुट रहेगी।दूसरी तरफ सीरवी सन्देश पत्रिका के सितम्बर 2014 में छपे लेख-नशेडि़यों की हठधर्मिता से बढा आक्रोश, अफीम मनुहार बन्द, नशा मुक्ति की बैठक कंटालिया में दि. 12.08.2014 को हुई का साराशं- दि. 12.08.2014 को कंटालिया बडेर में सैेकड़ों की तादाद में जागरूक कार्यकर्ताओं का जमावड़ा हुआ बडेर के अन्तगर्त दांे दर्जन पंचों में से सिर्फ पांच पंच जो नशा नही करते, वे ही आये, सर्वप्रथम दिनाकं 04.08.2014 को जागरूक कार्यकर्ताओं से भैल के सामने अफीम मनुहार को बन्द करने को लेकर नशेड़ी लोगों द्वारा हाथापाई एंव धक्कामुक्की करने की निदां की गयी, तदपश्चात समस्त प्रकार के आयोजनों में अफीम मनुहार को बन्द करने को लेकर विस्तार से अपने-अपने विचार रखे, अभियान के राष्ट्रीय समन्वयक ने विस्तार से अभियान के बारे में समजाईस की तथा कहा की वे अपने यहा आयोजित सामाजिक समारोह में नशा नाम की किसी भी वस्तु को प्रयोग में नहीं लेते है। अतः सामाजिक बन्धुओं आप सभी भी समन्वयक से प्रेरणा ले और यह संकल्प करें कि वे भी अपने यहां पर आयोजित होने वाले समारोह में किसी भी प्रकार की नशीली वस्तु का प्रयोग नहीं करेगें और न ही कही पर भी होने देगंे।सर्वसहमति से यह निर्णय लिया की दि.12.08.2014 से ही बडेर कंटालिया के अधिन आने वाले सभी परिवार सभी प्रकार के आयोजनों में अफीम मनुहार पुर्ण रूप से बन्द रखेगें तथा दोषी पाये जाने पर कठोर आर्थिक फाईन राशि का भी प्रावधान किया गया, इस निणर्य की पालना करवाने हेतु एक निगरानी समिति का भी गठन किया गया जो हर आयोजन पर तीसरी आॅख हर समय लगाये रखते है इससे लोगो में जागरूकता बढी हैं तथा पूरा कंटालिया क्षेत्र में आज नशीली चीजें अफीम -तिजारा की मनुहार से छुटकारा मिल गया है जो जागरूक कार्यकर्ताओं की देन ही है तथा अब पूरा कंटालिया में आमजन सहित महिलायें बहुत ही खुश नजर आ रहे है तथा लोगों की दिनचर्या में भी बदलाव साफ नजर आ रहा है। उपरोक्त के बारे में यही कहा जायेगा की नशेड़ी पंचों की हठधर्मिता के आगे कुशालपुरा समाज ने हार मानी, वही कंटालिया समाज के जागरूक लोगों ने नशेड़ी पचों के हौसले पस्त करके सभी लोग मस्त नजर आ रहे है, अच्छा को अच्छा कहेगें, कहना भी चाहिये तथा गलत को गलत कहेगें,कहना भी चाहिये परन्तु किसी की भी निन्दा नही करें। अपीलः- भारत सरकार ने ड्रग्स फ्री ईण्डिया मिशन की सफलता हेतु दि. 01.04.2015 से डोडा चूरा की सरकारी खरीद व बिक्री पर पूर्ण रोक लगा दी गयी है एव राज्य सरकारों से ऐसे सभी नशाधारी लोगों को दि 31.03.2015 तक हर हाल में सरकारी नशा मुक्ति केन्द्रों के माध्यम से नशा मुक्त करवाने के निर्देश दिये गये है तथा ड्रग्स फ्री ईण्डिया मिशन के बारे में अधिक जानकारी के लिये सामाजिक अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा एक टोल फ्री नम्बर 1800110031 भी आमजन हेतु जारी किया है। आप सभी से भी ड्रग्स फ्री ईण्डिया मिशन में तन, मन व धन से सहयोग की अपेक्षा की जाती है। प्रस्तुतिः- गोपाराम चैधरी राष्ट्रीय समन्वयक, नषा मुक्ति एवं समाज सुधार अभियान 206, राजीव नगर, बासनी प्रथम फेज, जोधपुर-342005