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सांसद श्री पी.पी. चैधरी को लोकसभा अध्यक्ष द्वारा लाभ के पदो सम्बन्धी संयुक्त संसदीय समिति का अध्यक्ष नामित किया गया
Posted By : Posted By कानाराम परिहार कालापीपल on 16 Dec 2014, 15:57:34
दिनांक 15.12.2014 को पाली (राजस्थान) सांसद श्री पी.पी. चैधरी को लोकसभा अध्यक्ष द्वारा लाभ के पदो सम्बन्धी संयुक्त संसदीय समिति का अध्यक्ष नामित किया गया है। इस अवसर पर श्री चैधरी ने लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन व संसदीय कार्य मंत्री श्री वैन्कैया नायडू से मिलकर विश्वास जताते हुए जिम्मेदारी देने पर धन्यवाद दिया। लाभ के पदों की संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष का कार्यकाल लोकसभा के कार्यकाल के समान अर्थात 5 वर्ष के लिए होता है। इस समिति में 10 लोकसभा तथा 5 राज्यसभा सदस्यों को चुनाव प्रणाली द्वारा नामित किया जाता है। समिति अध्यक्ष का चयन लोकसभा अध्यक्ष द्वारा इन 15 सदस्यों में से किया जाता है। इस समिति का कार्यक्षेत्र निम्न प्रकार है:- 1. सभी विद्यमान समितियों तथा इसके पश्चात् गठित को जाने वाली उन सभी ‘समितियों की रचना तथा स्वरूप की जांच करना जिसकी सदस्यता के कारण कोई व्यक्ति संविधान के अनुच्छेद 102 के तहत संसद का सदस्य चुने जाने और सदस्य होने के लिए अनर्ह हो सकता हैः 2. इसके द्वारा जाँच की गई ‘समितियों’ के संबंध में यह सिफारिश करना कि किन पदो ंके कारण अर्हता होनी चाहिए तथा किन पदो ंके कारण नहीः 3. संसद (निरर्हता निवारण) अधिनियम, 1959 की अनुसूची की समय-समय पर समीक्षा करना तथा उक्त अनुसूची में किस भी संशोधन की सिफारिश करना चाहे वह संशोधन परिवर्धन द्वारा हो अथवा लोप द्वारा अथवा अन्य किसी प्रकार से। समिति भारत सरकार के मंत्रालयों/राज्य सरकारों या अन्य संस्थानों से ‘‘लाभ के पदों’’ के सम्बन्ध में प्राप्त प्रश्नों की जांच करते हुए उपयुक्त मामलों में अपनी राय भेजती है। यह समिति अन्य मंत्रालयों/केन्द्र सरकार के विभागों द्वारा गठित समितियों के गठन व कार्यप्रणाली का निरिक्षण करती है। राज्य सरकारों द्वारा गठित समितियों के गठन व कार्यप्रणाली का निरिक्षण भी यह समिति करती है। लाभ के पदों से सम्बन्धित संयुक्त समिति अपने कार्यक्षेत्र के अन्तर्गत सभी केन्द्र सरकार के मंत्रालयों, राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों से उनके द्वारा गठित समितियों/आयोगों/बोर्डों आदि (तथा भविष्य में बनाए जाने वाले) का विवरण प्रस्तुत करने के लिए कहने में सक्षम है। इन सब से प्राप्त जानकारी को संयुक्त समिति के समक्ष विश्लेषण के लिए रखा जाता है। यह समिति लोकसभा अध्यक्ष द्वारा भेजे गए मामलों का भी निरीक्षण करती है। लोकसभा सदस्यों द्वारा ‘‘लाभ के पदों’’ के सम्बन्ध में पुछे गए प्रकरणों का समाधान करती है एवं अपनी राय प्रस्तुत करती है। इस समिति को सभी मंत्रालयों और विभागों से आवश्यक सूचनाएं एवं सामंग्री मांगने का अधिकार भी है।