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दुनिया के बारे में मेरी बढ़ती निराशा कम करने का एक तरीका है यह खेती. अपने मूल्यों के साथ जीने में बहुत शांति मिलती है - जैकब, एक अमेरिकी किसान
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 03 Sep 2013, 14:30:30
अमरीका: शहर छोड़ा खेती के लिए मंगलवार, 3 सितंबर, 2013 एरिक जैकब, खेती को अपनाने वाले मुनाफे से ज़्यादा आत्म-निर्भरता को तवज्जो दे रहे हैं. अमरीकी समाज में एक ऐसा तबका उभर रहा है, जो अपनी जमी-जमाई नौकरी छोड़कर खेती करना पसंद कर रहा है. कुछ तो अपने और अपने समुदाय के लिए बेहतर भोजन उपलब्ध कराना चाहते हैं. कुछ बस आत्मनिर्भर बनने के लिए खेती कर रहे हैं, तो बहुत से लोग अपने पूर्वजों की तरह मेहनत करके जीवन गुज़ारना चाहते हैं. हालाँकि इस ट्रैंड के बारे में अभी तक ठोस आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, मगर खेती-बाड़ी जीवनयापन का हमेशा से श्रमसाध्य तरीका रहा है. ऐसे ही कुछ लोगों में हैं किमबर्ले हार्ट, कैरेन सोमरफ़ील्ड और एरिक जैकब, जिन्होंने अपनी अच्छी-ख़ासी नौकरियां छोड़कर क्लिक करें खेती को अपनाया है. किमबर्ले हार्ट ब्रॉडवे प्रोडक्शन में कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर थीं. वह अपना काम छोड़कर अब न्यूयॉर्क में एक किराए के एक फ़ार्म में सब्ज़ी उगा रही हैं. जैकब बोस्टन के एक अख़बार में स्वतंत्र फोटोग्राफ़र के बतौर काम करते थे. अब वो खेती-बाड़ी सीख रहे हैं. कैरेन सोमेरफ़ील्ड हार्वर्ड विश्वविद्यालय में कैम्पस प्लानिंग की अपनी नौकरी छोड़कर सब्जियां उगा रही हैं. यह चलन ख़ासतौर पर उत्तरी-पूर्वी अमरीका में बढ़ रहा है. ये तीनों भी कैलिफोर्नया में ही रहते हैं. हो सकता है कि इस इलाके में "ईट लोकल" आंदोलन और स्थानीय किसान बाज़ारों के बढ़ने से इस तरह का माहौल बना हो, जिसमें लोग खेती के लिए प्रेरित हो रहे हैं. अमरीका में इस वक़्त करीब चार लाख 56 हज़ार 'नौसिखिए किसान' हैं (सरकार इन्हें यही कहती है) जिन्हें खेती का 10 साल से कम का अनुभव है. अमरीका के कृषि विभाग के अनुसार ऐसे किसानों को स्थापित किसानों से कम सरकारी रियायतें मिलती हैं. ऐसे किसानों में स्नातकों की तादाद ज़्यादा है. इन सबने अपनी नौकरियां छोड़कर खेती को पेशे के बतौर अपनाया है. अपने समवयस्क स्थायी किसानों की तुलना में इन नौसिखिया किसानों की आय भी कम होती है. ये तुलनात्मक रूप से छोटे खेतों में खेती करते हैं. अमरीका में इस समय 8000 से ज़्यादा किसान बाज़ार हैं. पिछले पाँच सालों में ऐसे बाज़ारों की संख्या में 38 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है. मैसाचुसेट्स के एथोल स्थित फ़ार्म स्कूल के एक साल के फ़ार्म प्रोग्राम में प्रवेश लेने वालों की संख्या भी काफी बढ़ गई है. फ़ार्म के निदेशक पैट्रिक कोनर्स के अनुसार पाँच साल पहले तक इस प्रोग्राम में 15 से 20 लोग प्रवेश लेते थे. इस साल क़रीब 50 लोगों ने इसमें प्रवेश लिया. कोनोर्स कहते हैं, "न्यू इंग्लैंड और कैलिफोर्निया में बहुत से लोग अपने फार्मों में अपने सफल छोटे उद्योग चला रहे हैं क्योंकि यह ज़्यादा टिकाऊ पेशा है." नौकरी भी खेती भी खेती, किसान, अमरीका ऐसा भी नहीं है कि खेती करने से कोई अमीर बन जाएगा. सोमेरफ़ील्ड कहती हैं, "हम यह इसलिए कर रहे हैं क्योंकि हमें सब्ज़ी उगाना और लोगों से जुड़ना पसंद है. कमाई हमारी पहली प्राथमिकता नहीं है." नए और पुराने दोनों तरह के किसान खेती के साथ ही गाय के दूध से मक्खन बनाने का काम भी करते हैं ताकि उनकी आय थोड़ी बढ़ सके. कुछ मामलों में पति या पत्नी में से कोई एक शहर में अपनी नौकरी जारी रखता है और कोई एक अपना पूरा समय खेती को देता है. हार्ट और उनके पति थैड भी यही करते हैं. थैड अभी भी न्यूयॉर्क में अपनी प्लास्टर रेस्टोरेशन की नौकरी जारी रखे हैं, जिसमें उन्हें खेती की तुलना में बहुत ज़्यादा आय होती है. फ़ार्म स्कूल के कई स्नातक खेती में अपनी आय बढ़ाने के लिए अपनी पुरानी नौकरी का उपयोग करते हैं. जैकब संपादकीय ग्राहकों के लिए तस्वीरें लेते रहेंगे और अपनी वेबसाइट पर खेती से जुड़े अपने अनुभव दर्ज करते रहेंगे. उनकी योजना है कि वो इस साल से एक वेतनभोगी किसान के रूप में काम करने लगें. उनकी पत्नी अभी भी बोस्टन ग्लोब में एक फोटोग्राफ़र के रूप में काम कर रही हैं. नए किसानों ने खेती में एक और सबक सीखा है. ये किसान खेती की ज़मीन खरीदने के बजाए किराए पर ले रहे हैं. जैकब बताते हैं कि ज़मीन किराए पर लेने से वो कर्ज़ में दबने से बच जाएंगे. सोमेरफ़ील्ड और उनके पति के पास अपनी ज़मीन है, लेकिन उन्होंने खेती के लिए महंगी ज़मीन खरीदने के बजाए अपने घर के पीछे मौजूद आधे एकड़ के बगीचे में ही महंगी सब्जियां उगानी शुरू कर दीं. सोमेरफ़ील्ड कहती हैं, "बाज़ार ज़्यादा भरोसमंद नहीं है इसलिए हम जो सब्जियां उगा सकते थे, बस उन्हें ही चुना. हमने इसे सोच-समझकर चुना ताकि हमें बढ़िया आय हो और हमारे सिर पर छत बनी रहे." इन तीनों नए क्लिक करें किसानों का मानना है उनकी आय कम हो गई है लेकिन खेती करके उन्हें जो खुशी मिली है, वह बहुत मायने रखती है. हार्ट कहती हैं, "हमारा लक्ष्य था आत्मनिर्भर और टिकाऊ व्यवसाय. मैं और मेरे पति खेती करके अपनी ज़िंदगी गुज़ारना चाहते हैं. हम शहर से मुक्त होना चाहते हैं." जैकब कहते हैं, "दुनिया के बारे में मेरी बढ़ती निराशा कम करने का एक तरीका है यह खेती. अपने मूल्यों के साथ जीने में बहुत शांति मिलती है." साभार : बीबीसी हिन्दी http://www.bbc.co.uk/hindi/international/2013/09/130829_professional_becoming_farmers_rns.shtml