सीरवी समाज - मुख्य समाचार

अखिल भारतीय सीरवी महासभा की बड़वानी परगना (जिला) इकाई गठित
Posted By : Posted By KAILASH MUKATI VIP MANAWAR on 24 Feb 2013, 23:06:03
अखिल भारतीय सीरवी महासभा की बड़वानी परगना (जिला) इकाई गठित (प्रस्तुतिः- हीरालाल देवड़ा (सिवई) बड़वानी/09893844571) राष्ट्र एवं प्रांत स्तर पर अखिल भारतीय सीरवी महासभा के गठन पष्चात् अब मध्यप्रदेष में परगना (अर्थात् जिला) स्तर पर इकाईयों के गठन की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। इस क्रम में सर्वप्रथम बड़वानी परगना इकाई से शुरूआत हुई है। परगना इकाईयों क गठन का दायित्व प्रांत इकाईयों को दिया गया है इसलिए मध्यप्रदेष प्रांत इकाई द्वारा बड़वानी जिला इकाई के गठन हेतु जिले में स्थित सीरवी समाज के सभी ग्रामों के सकल पंचो, समाज के सक्रिय कार्यकर्ताओं एवं प्रबुद्धजनों का सम्मेलन अंजड़ में माॅं श्री आईजी मांगलिक भवन में दिनांक 17.जनवरी.2013 रविवार को आहूत किया गया। सम्मेलन की कार्यवाही अखिल भारतीय सीरवी महासभा के मध्यप्रदेष प्रांताध्यक्ष श्री मनोहरलाल मुकाती, उपाध्यक्ष श्री नारायणजी पंवार(गुमानपुरा) एवं महासचिव श्री भगवान लछेटा इन्दौर(सी.ए.) के मुख्य आतिथ्य एवं मार्गदर्षन में प्रारंभ हुई। अतिथियों एवं समस्त मंचासीन गणमान्य वरिष्ठजनों द्वारा सर्वप्रथम माॅं श्री आईजी के चित्र एवं बडेर में गादीपाट का पूजन किया गया। तत्पष्चात् अंजड़ सीरवी समाज सकल पंचो की तरफ से समस्त अतिथियेंा का तिलक लगाकर स्वागत किया गया। षिक्षक एवं प्रबुद्ध विचारक श्री गोविन्दजी भायल द्वारा स्वागत उद्बोधन दिया गया। अखिल भारतीय सीरवी महासभा के म.प्र. प्रांत के महासचिव श्री भगवान लछेटा (सी.ए.-इन्दौर) ने सम्मेलन में अपने उदबोधन में बताया कि- समाज में शोषण की समाप्ति, किसानों के हित साधन एवं षिक्षा प्रसार के पावन उद्देष्यों को लेकर देष आजाद होने के पहले 21.जून 1939 को मारवाड़ सीरवी किसान सभा का गठन हुआ था। समय एवं परिस्थिति के अनुसार बदलते हुए 1993 में वर्तमान स्वरूप में इसका पंजीयन हुआ। वर्ष 2012 में श्री पी.पी.चैधरी इसके राष्ट्रªीय अध्यक्ष बने तथा उन्होंने कार्यकारिणी की सहमति से इसे व्यापक आधार प्रदान किया। संपूर्ण भारतवर्ष को सात प्रांतीय इकाईयों में बांटा गया तथा 32 विभिन्न प्रकोष्ठों का गठन भी प्रस्तावित किया गया। प्रत्येक स्तर पर संरक्षक मार्गदर्षन मण्डल का गठन भी किया गया। इस प्रकार अब सीरवी महासभा देष के प्रत्येक क्षेत्र के रहवासी सीरवी बंधुओं तक पहॅंुचकर उनके विकास के प्रत्येक क्षेत्र में अपनी सहभागिता करेगी। इसी क्रम में मध्यप्रदष को सीरवी आबादी के आधार पर 6 परगनो(जिलो) में विभक्त किया गया है। इसमें आज बड़वानी जिले के गठन से ‘‘सषक्त संगठन सषक्त समाज’’ की भावना का श्री गणेष हो रहा है। श्री भगवान लछेटा ने इन्दौर सीरवी समाज ट्रªस्ट द्वारा इन्दौेर में चलाए जा रहे प्रकल्प की जानकारी भी समस्त उपस्थित समाजजनों को दी। सम्मेलन को सीरवी समाज जिला संगठन बड़वानी के पूर्व अध्यक्ष श्री भगवान चैधरी, वर्तमान अध्यक्ष श्री कालूरामजी लछेटा एवं अ.भा.सीरवी महासभा के प्रांतीय व्यापार सचिव श्री रधुनाथ सिंदड़ा (इन्दौर) ने भी संबोधित किया एवं समाज में षिक्षा के प्रसार एवं व्यापार के क्षेत्र में सामुदायिक सहयोग की आवष्यकता प्रतिपादित की। श्री हरिदासजी स्मारक ट्रस्ट महेष्वर के अध्यक्ष श्री पृथ्वीसिंह सोलंकी ने कहा कि- श्री आईपंथ के दसवे दीवान श्री हरिदासजी आईषक्ति के साक्षात प्रतिरूप थे। महेष्वर में इनके समाधिस्थल का जीर्णोद्धार एवं विकास किया जाना प्रस्तावित है। आपने इसकी पूरी कार्ययोजना से सभी को अवगत कराया। श्री सोलंकी ने इस अभियान के लिए अंजड़ एवं बड़वानी क्षेत्र के सक्रिय समर्थन एवं ग्रामों से प्रति परिवार प्रतिवर्ष 100/-रू. की श्रृद्धा निधि की राषि ट्रस्ट को प्राप्त होने के लिए आभार व्यक्त किया। भारतीय किसान संघ बड़वानी के जिलाध्यक्ष श्री मदन मुलेवा ने कहा कि- आज भी समाज के 80: से अधिक लोग खेती किसानी पर निर्भर है। भरतीय किसान संघ गैर राजनीतिक आधार पर विषुद्ध रूप से किसानों के हित के लिए संघर्ष करता है, जो सीरवी महासभा के उद्धेष्यों के अनुरूप है। अखिल भारतीय सीरवी महासभा के प्रांतीय उपाध्यक्ष एवं उज्जैन ट्रस्ट के सचिव श्री नारायणजी पंवार (गुमानपुरा) ने सभी उपस्थित समाजजनों से आग्रह किया कि- राजनीति से उपर उठकर समाज कार्यो हेतु समय देना चाहिए। वरिष्ठ नागरिकों से मार्गदर्षन लेना एवं उनके अनुसार कार्य करना समाज हित मे है। षिक्षा एवं धर्म के निमित हमें अपनी आय का 5 प्रतिषत हिस्सा देना चाहिए। बाबुलाल मुलेवा (पेटलावद) ने अपने संदेष में कहा कि- अच्छे कार्य की शुरूआत हमें स्वयं अपने घर से करना चाहिए। समाज कार्य में युवाओं को जोड़ना आवष्यक है। अखिल भारतीय सीरवी महासभा के प्रांताध्यक्ष श्री मनोहरलाल मुकाती ने अपने उदबोधन में कहा कि- सीरवी महासभा,समाज के समग्र विकास में सहयोगी की भूमिका का निर्वाह करना चाहती है। इस हेतु ‘‘युवाओं के जोष एवं बुजुर्गो के होष’’ दोनो के समन्वित उपयोग की आवष्यकता है। सामाजिक संगठन के पद अधिकार नही वरन् कर्तव्य पालन की भावना से ग्रहण किये जाने चाहिए। संगठन के नियम एवं निर्देष मानने से अनुषासन आता है जिससे हम समाज के विकास में सहयोगी का दायित्व निभा सकते हैं। प््राांताध्यक्ष महोदय द्वारा अखिल भारतीय सीरवी महासभा की बड़वानी परगना इकाई के पदाधिकारियों के मनोनयन हेतु सम्मेलन में उपस्थित सभी समाजजनों से विचार विमर्ष करने एवं सर्वसम्मत नामों का प्रस्ताव रखने का अनुरोध किया गया। समाज के वरिष्ठ श्री नेमाजी बरफा(मालवीया/बालकुंआ वाले) ने सम्मेलन में उपस्थित सभी ग्रामों के प्रमुख व्यक्तियों की सहमति से अध्यक्ष पद हेतु श्री कालूरामजी लछेटा के नाम का प्रस्ताव किया। आपने यह भी कहा कि श्री कालूजी को वर्तमान जिला संगठन के अध्यक्ष पद पर तीन वर्ष हेतु नियुक्त किया गया है। यह अवधि अभी पूर्ण नही हुई है। जिला संगठन द्वारा पूर्ण प्रयास करके छात्रावास का निर्माण भी कराया गया है, जिसका वास्तविक उपयोग इस सत्र से किया जाना है। इस स्थिति में जिला संगठन के वर्तमान अध्यक्ष श्री कालूरामजी लछेटा को ही ‘‘अखिल भारतीय सीरवी महासभा परगना-बड़वानी’’ का अध्यक्ष बनाना समाज हित मे ं होगा। (बड़वानी परगने का क्षेत्र भी वही है जो बड़वानी जिले का है, इसलिए अब बड़वानी परगना संगठन ही जिला संगठन के स्थान पर कार्य करेगा।) श्री नेमाजी बरफा द्वारा रखे इस प्रस्ताव का समर्थन- श्री कैलाषजी चैधरी (अंजड़), मांगीलालजी गेहलोत (बड़गांव), रणछोड़ पटेल (सालखेड़ा) एवं हीरालाल देवड़ा (सिवई) द्वारा किया गया। अंततः सर्वसम्मति से सीरवी महासभा की बड़वानी परगना इकाई के पाॅंच पदाधिकारी निम्नवत् चुने गए- 01. श्री कालूरामजी लछेटा(लोनसरा) अध्यक्ष. 02. श्री कैलाषजी चैधरी (अंजड़) उपाध्यक्ष. 03. श्री मुकेष काग, ण्डण्ज्मबीण् (खजूरी) सचिव. 04. श्री कैलाष भायल (तलवाड़ा बुजुर्ग) कोषाध्यक्ष. 05. श्री अषोक राठौर, डण्ज्मबीण् (मण्डवाड़ा) सह-सचिव सम्मेलन में इन पांच पदाधिकारियों को सर्वानुमति से परगना स्तर पर शेष समस्त 28 प्रकोष्ठों के अध्यक्ष एवं संरक्षक सलाहकार मंडल के सदस्यों को मनोनीत करने हेतु अधिकृत किया गया। अंजड़ सम्मेलन में अखिल भारतीय सीरवी महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य श्री नेमाजी बरफा (राजगढ़), श्री मोतीजी पटेल(इन्दौर), श्री हरिहर मोगरे(बागली), श्री भगवान जमादारी (कोषाध्यक्ष-हरिदासजी ट्रस्ट महेष्वर), मोहनलालजी सोलंकी(पेटलावद), श्री नारायणजी चैहान(पूंजापुरा) भी उपस्थित रहे एवं सक्रिय सहभागिता की। सम्मेलन की कार्यवाही का प्रभावपूर्ण संचालन श्री लक्ष्मण काग(लोनसरा) एवं श्री अरूण परमार(अंजड़) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। अंजड़ सम्मेलन की सम्पूर्ण व्यवस्था सीरवी समाज सकल पंच अंजड़ द्वारा की गई थी। प्रान्ताध्यक्ष श्री मनोहरलाल मुकाती एवं संचालकद्वय द्वारा समस्त व्यवस्था हेतु अंजड़ सकल पंचो एवं सम्मेलन में सहभागिता हेतु सभी आगन्तुक समाजजनों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया गया।