Posted By : Posted By Mangal Senacha on 02 Jul 2012, 21:11:27
बेंगलोर। सीरवी समाज के बिखरे हुए हीरे-मोतियों को एक सूत्र में पिरोकर सामाजिक संगठनरूपी मजबूत माला तैयार करने की जरूरत है। हमारे समाज की शक्ति असीमित है। यदि हम अपने समाज की शक्ति को पहचान ले और एकजुट व संगठित समाज के विकास के लिए काम करे तो जीवन के हर क्षेत्र में अपनी कामयाबी का परचम लहरा सकता है। यह विचार अखिल भारतीय सीरवी महासभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्री पी.पी.चौधरी ने शुक्रवार, 29 जून 2012 को बेंगलोर के रेड माऊण्ट होटल में आयोजित कर्नाटक-केरल-गोवा के प्रान्तीय सम्मेलन में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि नवगठित अखिल भारतीय सीरवी महासभा समाज के बिखरे हुए हीरे-मोतियों को एकत्रित कर एक धागे में पिरोने का प्रयास करेगी। हमारे इस प्रयास की सफल बनाने के लिए समाज के सभी लोगों का तन-मन-धन से सहयोग मिलना जरूरी है। समाज के चहुँमुखी विकास के लिए हमें अतीत की कमियों व भूलों को भुलाकर आगे ब‹ढना होगा। चौधरी ने कहा कि सामाजिक संस्थाओं/संगठनों से जुड़े लोगों को सकारात्मक सोच के साथ काम करना चाहिए और हमेशा समाजहित को ही सर्वोपरि रखना चाहिए। पूर्ववर्ती कमेटी के लोगों की गल्तियाँ ढूँ‹ढने की बजाए उनके द्वारा किये गये कार्यों की सकारात्मक समीक्षा करें और जो कार्य अधूरे रह गये हों उन्हें पूरा करने का प्रयास करें। समाजहित के आगे व्यक्तिगत हितों एवं सम्बन्धों को अधिक महत्व नहीं दिया जाना चाहिए, क्योंकि व्यक्ति नहीं समाज बड़ा होता है। उन्होंने कहा कि हमें आपसी मतभेदों को भूलकर समाजहित में सोचना और काम करना चाहिए। सामाजिक दायित्व से जुड़े हुए व्यक्तियों को अपनी आलोचना सुनने की शक्ति जरूर होनी चाहिए। समाजहित को प्रमुखता दें और संगठन की शक्ति को समझते व ध्यान में रखते हुए समाज की एकता को मजबूत करने का प्रयास करें। सम्मेलन में सूचना व तकनीकी सचिव श्री हरीश मुलेवा सहित समाज के कई अन्य व्यक्तियों ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
अखिल भारतीय सीरवी महासभा के हाल ही में सम्पन्न चुनाव के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि महासभा की नई कार्यकारिणी में कुल 64 सदस्य चुने गये हैं। इनमें राजस्थान से 7, गुजरात से 2, महाराष्ट्र से 4, तमिलनाडु से 3, आंध्र प्रदेश से 2, मध्यप्रदेश से 3 तथा कर्नाटक से 4 सदस्य शामिल हैं। राष्ट्रीय संरक्षक एवं सलाहकार मंडल में आईपंथ के धर्मगुरु दीवान श्री माधवसिंहजी सहित कुल 28 सदस्य हैं। इसके अलावा 10 मनोनीत सदस्य हैं। राष्ट्रीय कार्यकारिणी इस प्रकार है:- अध्यक्ष-श्री पी.पी.चौधरी (राजस्थान), उपाध्यक्ष-डॉ. आर.एस.चौधरी (म.प्र.), महासचिव-श्री भंवरलाल चौधरी (राजस्थान), कोषाध्यक्ष-श्री चन्दारामजी (महाराष्ट्र), योजना सचिव-श्री प्रभुलाल मुलेवा (कर्नाटक), संगठन सचिव-श्री फाऊलाल परिहारिया (कर्नाटक), धर्म व समाज सुधार सचिव-श्री गुणाराम सोलंकी (राजस्थान), न्यास सचिव-श्री रामलालजी (गुजरात), न्याय सचिव-श्री गणपतलाल एडवोकेट (राजस्थान), शिक्षा सचिव-श्री फुटरमलजी (राजस्थान), महिला एवं बालिका शिक्षा सचिव-श्री मोडाराम सोलंकी (महाराष्ट्र), स्वास्थ्य सचिव-श्री पुनाराम भारमल राठौड़ (तमिलनाडु), उद्योग सचिव-श्री हरीराम धामली (महाराष्ट्र), व्यापार सचिव-श्री पारसराम बर्फा (आं.प्र.), रोजगार एवं अवसर सचिव-श्री मांगीलाल सोलंकी (तमिलनाडु), कृषि सचिव-श्री अभयराम परिहार (राजस्थान), समन्वय सचिव-श्री मगनाराम गहलोत (गुजरात), परिचय सम्मेलन व सामूहिक विवाह सचिव-श्री भोलाराम दौलाजी चोयल (आं.प्र.), खेलकूद सचिव-श्री धनराज पंवार (सेवानिवृत्त-रा.प्र.से.अधिकारी, राजस्थान), मनोरंजन व सांस्कृतिक सचिव-श्री मनोहरलालजी (म.प्र.), युवा संगठन सचिव-श्री तेजाराम लचेटा (महाराष्ट्र), सूचना व तकनीकी सचिव-श्री हरीश मुलेवा (म.प्र.), भवन निर्माण सचिव-श्री प्रेमाराम मुलेवा (तमिलनाडु), मीडिया सचिव-श्री मंगल सेंणचा।
राष्ट्रीय संरक्षक सलाहकार :- धर्मगुरु व पूर्व काबीना मंत्री राजस्थान सरकार दीवान श्री माधवसिंह, सेवानिवृत्त पुलिस महानिरीक्षक एवं पूर्व मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष राजस्थान श्री पुखराज सीरवी, श्री चेनाराम परमार, श्री चतराराम बर्फा (पूर्व जिला प्रमुख-पाली), श्री भंवरलाल रिसाणिया, श्री केसाराम चौधरी (विधायक मारवाड़ जंक्शन), श्री नैनाराम परिहार (पूर्व अध्यक्ष,अ.भा.सी.महासभा), श्री जे.के.चौधरी (सी.ए.महाराष्ट्र), श्री जोगारामजी (कुशालपुरा), श्री गैनाराम परिहार (रायपुर), श्री पीरोसा रावतसिंह बिठौड़ा, श्री मलारामजी (प्रधान पं.स.जैतारण), श्री मिश्रीलालजी (पूर्व राज्य मंत्री,राजस्थान सरकार), श्री विजयसिंह गहलोत (मध्य प्रदेश), डॉ.रामस्वरूप (सेवानिवृत्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी), श्री हेमन्त कुमार सेपटा (बेंगलोर,कर्नाटक), श्री पुनाराम बर्फा (अध्यक्ष हेब्बाल बडेर,कर्नाटक), श्री बाबुलाल मुकाती (मध्य प्रदेश), श्री हीरालाल पंवार (सूरज,गुजरात), श्री भेराराम एडवोकेट (बाली), श्री तेजाराम खिंवाड़ा (पूर्व उप जि.प्र.), श्री खरताराम आगलेचा (आन्ध्र प्रदेश), श्री जीवाराम काग (चेन्नई,तमिलनाडु), श्री नारायणलाल चोयल (चेन्नई,तमिलनाडु), श्री दीपाराम आगलेचा (सूरत,गुजरात), श्री थानाराम गहलोत (बेंगलोर, कर्नाटक), श्री नारायणलाल गहलोत (पूर्व अध्यक्ष बलेपेट बडेर, बेंगलोर कर्नाटक) एवं श्री भूराराम परिहार (सुरायता,सोजत)।
इससे पूर्व सम्मेलन का शुभारंभ श्री आईमाताजी की पूजा-अर्चना, स्तुति व मंगल आरती तथा अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। इसके पश्चात महासभा के अध्यक्ष श्री पी.पी.चौधरी, महासचिव श्री भंवर चौधरी तथा मारवाड़ जंक्शन के विधायक श्री केसाराम चौधरी का माला, साफा, शाल एवं स्मृति चिङ्घ द्वारा बलेपेट बडेर के अध्यक्ष, सचिव सहित विभिन्न बडेरों के पदाधिकारियों द्वारा स्वागत किया गया। इस अवसर पर बलेपेट बडेर के अध्यक्ष श्री पेमाराम गहलोत विभिन्न बडेरों के पदाधिकारी तथा समाज के अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन पत्रकार श्री मंगल सेंणचा ने किया।