सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : Posted By Mangal Senacha on 25 Apr 2012, 19:45:26

गिरफ्तारी की जानकारी पुलिस ने छुपाए रखी
बिलाड़ा, तीन माह पहले यहां कस्बे के एक कृषि फार्म पर हुए तिहरे हत्याकांड को लेकर पुलिस द्वारा की जा रही जांच को पूरी कर पांच आरोपियों के विरूद्ध अनुसंधान अधिकारी ने शिविल न्यायालय संदीप शर्मा के समक्ष आरोप पत्र प्रस्तुत किया है। 117 पृष्टों के इस आरोप पत्र में दो चश्मदीद गवाहों के साथ-साथ 44 अन्य गवाहों के बयानों को शामिल किया गया है तथा पुलिस ने आरोपियों को सख्त सजा दिए जाने का आग्रह किया है।
13-14 जनवरी की मध्यरात्रि घटी इस घटना को पुलिस ने अपने जांच में सुनियोजित लूट बताया है तथा आरोपियों द्वारा शाजिस रचने के लिए मोबाईल पर की गई कई बार की बातों की कॉल डिटेल भी प्रस्तुत की है, साथ ही लूटे गए माल को जिसे बेचना था उससे भी लूटेरों ने पहले ही बता दिया था। सम्पूर्ण घटना क्रम में यह भी स्पष्ट हुआ है कि मृतका संगीता (13) पहले से ही मुख्य आरोपी सलीम पुत्र असगर को जानती थी तथा वारदात के दौरान मफलर से ढ़के चेहरे में भी संगीता ने सलीम को पहचान लिया तथा अपनी माँ दरियाव को बताया कि मफलर बांधे सलीमियां है और हत्या का मुख्य कारण भी यहीं बना कि संगीता ने सलीम को पहचान लिया और सलीम ने अपने साथियों से कहा कि इसने मुझे पहचान लिया है, अब इन्हे जिन्दा मत छोड़ो और इसी अफरा-तफरी में महिलाओं के पहने हुए गहने जितने हाथ लगे वे जल्द बाजी में लेकर चले गए।
गहनों को गला दिया।
आनन-फानन में वारदात को अंजाम देकर कुएं पर खड़ी टवेरा गाड़ी से तीनों आरोपी फरार हो गए तथा लूटे हुए गहने जिनमें 4 चांदी के कड़ले, दो पायजेब, एक सोने का बोर तथा सोने की एक तिलड़ व अन्य छोटे-मोटे जेवरात बेचने के लिए दिनेश माली को सोप दिए तथा दिनेश ने यह गहने रास निवासी राजू एवं दिनेश सोनी को बेचने के लिए दिए, जिसे ब्यावर में ले जाकर गलाया गया तथा बेचे हुए गहनों की राशि में से 40 हजार रूपये दिनेश को मिले, जिसके 3 हिस्से किए गए । पुलिस ने राजू एवं दिनेश सोनी को हिरासत में लेकर बेचे हुए सोने-चांदी की ब्यावर दुकानदारों से बरामदगी की, बरादमगी में 27 ग्राम 400 मिलीग्राम सोने की तथा 1539 ग्राम चांदी की डलियां मिली। पुलिस ने मंगलाराम के यहां से चुराए नोकिया का मोबाईल भी सलीम के बताए स्थान से बरामद किया, पुलिस ने तीनों आरोपियों द्वारा हत्या के दौरान उपयोग में ली गई लौहे की पातियां, पहने हुए बूटो-चप्पल तथा खून आलूदा कपड़े जब्त कर बतौर शबूत रखे है।
सलीम ने छकाया पुलिस को।
सलीम द्वारा मंगलाराम के कुएं पर वारदात को अंजाम देकर वहां से उठाई टवेरा गाड़ी की तलाश में पूरे राज्य में नाकेबंदी करवाई गई, इस बीच मांगलियावास पर नाकाबंदी कर रही पुलिस को एक टवेरा चालक द्वारा अन्य गाडिय़ों को ओवरटेक करते देखा, रूकवाने पर भी नहीं रूका तो पीछा किया गया, आगे के थाने ब्यावर को इत्तिला दी तो वहां पुलिस सतर्क हुईलेकिन सलीम ब्यावर सदर थाने की नाकेबंदी तोड़ आगे निकल गया, यहां से दो-तीन गाडिय़ों में फिल्मी अंदाज से पुलिस ने पीछा किया। एक स्थान पर संकरा रास्ता आते ही टवेरा को ओवरटे किया तभी सलीम टवेरा छोड़ जंगल में भागने लगा, जिसे जवानों ने घेर कर दबोचा और जिस जवान ने उसे दबोचा उसके हाथ को सलीम से काट खाया। मांगलिवास तथा ब्यावर पुलिस जवानों के बयानों को भी आरोप पत्रमें शामिल किया गया है। इन जवानों को अजमेर रेंज ने पुरस्कृत भी किया है।
इन्हे बताया गया आरोपी।
अनुसंधान अधिकारी पुलिस उप अधिक्षक राजेश बेनिवाल ने तिहरे हत्याकाड़ को अंजाम देने तथा लूट के माल को खरीदने-बेचने के आरोपी सहित पांच लोगों के विरूद्ध शिविल न्यायाधीश संदीप शर्मा के समक्ष आरोप पत्र प्रस्तुत किया है। इस आरोप पत्र में सलीम पुत्र असगरखां (26 ),घेवरराम पुत्र चुन्नाराम (23) निवासी, दिनेश कुमार पुत्र जगदीश प्रसाद (22) निवासी बर के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता 302, 323, 324, 325, 394, 397, 449, 450, 459, 46 0, 307-34 के तहत तथा दिनेश पुत्र सम्पत राज सोनी (21) एवं राजू पुत्र सम्पतराज (23) निवासी बलाड़ा के विरूद्ध जुर्म धार 411 में आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया।
तो नहीं होती लाठी-भाटा जंग।
तिहरे हत्याकांड को लेकर कस्बे की जनता सड़कों पर आ गई, आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर बाजार बंद रखे, उन्हीं आरोपियों की जानकारी पुलिस को चौबीस घंटों में हो गई, घेवर और दिनेश माली जेतारण थाने ले आए गए और सलीम की गिरफ्तारी के लिए राज्य भर में नाकेबंदी करवाए जाने की जानकारी पुलिस ने स्थानीय लोगों से छुपाए रखी। 15 जनवरी को जब मोर्चरी के सामने सैकड़ों लोगों ने पुलिस अधिकारियों से उनके द्वारा किए गए वायदे चौबीस घंटे में गिरफ्तारी के लिए याद दिलाया तब भी अधिकारी मोन रहे और उत्तेजित भीड़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहुंच गए और जमकर पुलिस और भीड़ के बीच लाठी-भाटा जंग हुआ। जिस समय यह जंग चल रही थी तब तक सलीम को ब्यावर पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया कि जानकारी बिलाड़ा थाने एवं उच्च अधिकारियों को हो चुकी थी, बावजूद गिरफ्तारी की सूचना छुपाए रखा। नतीजतन राजमार्ग रोकने, सरकारी काम काज में बाधा उत्पन्न करने आदि के मामलों में तीन एफआईआर लोगों के विरूद्ध दर्ज हुई तथा 41 बेकसूर लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया जिनकी 12 दिनों बाद जमानत हुई।
प्रेषक - श्री ओमसिंहजी राजपुरोहित, मो. नं. 09414412826