सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : Posted By Mangal Senacha on 20 Apr 2012, 11:40:52

सीरवी समाज का नशा मुक्ति एवं समाज सुधार अभियान
(कुरीतियॉं एवं रूढ़ीवादी परम्पराओं के अधीन होना कायरता है, और विरोध करना पुरुषार्थ है। - राष्ट्रपिता महात्मा गांधी)
प्रेषितः-
श्रीमान जिला कलक्टर, महोदय
जिला पाली।
विषय:- अफीम (ब्लेक गोल्ड) के सार्वजनिक रूप से सेवन को 20 अप्रेल से 5 मई 2012 तक विशेष अभियान के तहत रुकवाने एवं जनता की करोड़ों की राशि अपव्यय होने से बचाने बावत्।
सन्दर्भः- श्रीमानजी को प्रेषित ज्ञापन दिनांक 09.04.2012 के क्रम में (प्रति संलग्न)।
महोदय,
उपरोक्त विषयान्तर्गत निवेदन है कि जिले में अफीम (ब्लेक गोल्ड) नशा प्रचलन की परम्परा अधिकांश गांवों में आज भी व्यापक स्तर पर बनी हुई है। शादी-समारोह हो या मौत-मृतक, त्यौहार हो या कोई अच्छा दिन अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रो में लोगों को सार्वजनिक रूप से अफीम का सेवन करते हुए आसानी से देखा जा सकता है। ऐसे अवसरों की भनक लगते ही तस्कर/केरियर चोरी छुपे आयोजकों को प्रतिबंधित वस्तुऐं (अफीम, डोडा-पोस्त) उपलब्ध करवा देते हैं तथा चोरी छुपे प्राप्त इन वस्तुओं का लोग खुले आम सेवन ऐसे करते हैं जैसे उन्होने कानून से स्वीकृति प्राप्त की हो। ऐसी प्रतिबंधित चीजों का, चाहे गरीब हो या अमीर, सरकारी मुलाजिम हो या जनप्रतिनिधी उन्हें कहीं-कहीं पर सामाजिक परम्पराओं के नाम पर सेवन करवाना बाध्यकारी हो जाता है। प्रतिबंधित नशीली वस्तुओं से सम्बन्धित कानून का किसी भी प्रकार का डर नहीं होने से सख्त कानून को लेकर गलत संदेश लोगो को पहुॅच रहा है। जिसके कारण युवा पीढी भी नशे की गिरफ्त में आती जा रही है।गरीब परिवार और गरीब होते जा रहे हैं। इसका कुप्रभाव विशेषकर महिलाओं एवं बच्चों पर पड़ता है जिससे उनके विकास एवं शिक्षा भी प्रभावित होती है।
अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिबंधित वस्तु अफीम/तिजारा का सेवन मुख्यतः मृत्यु से सम्बन्धित शोक सभा में बड़े पैमाने पर होता है। इन बैठको में तम्बाकू से सम्बन्धित वस्तुओं का भी बडी मात्रा में सेवन किया जाता है। अतः राजस्थान मृत्यु भोज निवारण अधिनियम 1960 की पालना करवा कर भी सामुहिक रूप से नशीली वस्तुओं के सेवन को रोका जा सकता है।
आगामी दिनों में अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में विशेषकर आखातीज पर्व के आस-पास आयोजित शादी समारोहों में फिर बडे पैमाने पर अफीम/तिजारा का खुले आम सेवन होने की पूरी-पूरी सम्भावना है। इसके सेवन को राजस्थान अफीम धूम्रपान प्रतिषेध अधिनियम 1950 के तहत रोका जाकर आम जन को राहत पहुंचाई जा सकती है।
प्रतिबंधित नशीली वस्तुओं के खिलाफ विशेष अभियान चलाने से लोगों में कानून का भय बनेगा तथा लोग नशीली वस्तुओं की ओर अग्रसर होने से भी बचेंगे एवं सार्वजनिक रूप से अफीम का उपयोग नहीं होने से इसकी मांग में भी भारी कमी आने के साथ तस्करी में भी कमी आएगी।
समाज सुधार एंव कुरितीयों को मिटाने के लिए उक्त दोनों अधिनियमों के तहत 20 अप्रेल से 5 मई 2012 तक विशेष अभियान चलाकर बडे पैमाने पर लोगो को नशे के साथ कुरितीयों एवं रूढ़ीवादी परंपराओं से मुक्त करवाने हेतु एवं जनता की करोड़ों की राशि जो कि तस्करों/केरियरों के पास जाने वाली है को रोका जाकर आम जन को राहत पहुंचाने हेतु जनहित में विनम्र निवेदन है।
भवदीय
गोपाराम चौधरी (Aen ZP)
(समन्वयकः-सीरवी समाज का नशामुक्ति एवं समाज सुधार अभियान)
पताः- 206, राजीव नगर, बासनी 1at फेज, जोधपुर- 342005
---------