सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : Posted By Mangal Senacha on 16 Apr 2012, 12:20:28

जयपुर.केंद्रीय पर्यटन मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि देश के पर्यटन में राजस्थान के बिना कुछ नहीं है। राजस्थान पर्यटन का ताज है। राजस्थान को अपने यहां मौजूद हेरिटेज के संरक्षण और इसे बढ़ावा देने की आवश्यकता है। आज भी यहां पर्यटन की इतनी संभावनाएं मौजूद हैं जिनका विकास नहीं हो पाया है। यहां हर जगह हेरिटेज मौजूद है। हेरिटेज टूरिज्म पर विशेष ध्यान देना होगा। सहाय रविवार को यहां रामबाग कन्वेंशन सेंटर में पीएचडी चैंबर की ओर से आयोजित हेरिटेज कॉन्क्लेव के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे।
राजस्थान पर्यटन बनाए यह स्लोगन
राजस्थान आइए शादी कीजिए
सहाय ने कहा कि विदेशी के साथ घरेलू पर्यटन को खास बढ़ावा देने की जरूरत है। राजस्थान में तो पर्यटन की भारी संभावनाएं हैं। यहां शादी भी एक पर्यटन है। राजस्थान पर्यटन को तो यह स्लोगन बनाना चाहिए, राजस्थान आइए, शादी कीजिए, यह स्थायी भी है, टिकाऊ भी है। राजस्थान में धार्मिक पर्यटन, हेरिटेज टूरिज्म, डेजर्ट टूरिज्म, रूरल टूरिज्म और धार्मिक पर्यटन के अलग-अलग सर्किल बन सकते हैं।
पर्यटन विभाग को मिलेंगे उपेक्षित हेरिटेज स्थल, राज्यों में बनेगी कन्वर्जन कमेटी
उन्होंने कहा कि कला और संस्कृति विभाग के पास कई हेरिटेज स्थल हैं जो रख-रखाव के अभाव में बदहाल हैं। इस विभाग के पास हेरिटेज स्थलों के संरक्षण के लिए पैसा नहीं है। इन स्थलों को पर्यटन विभाग को सौंप कर ही इनका विकास हो सकता है। केंद्र ने कला संस्कृति विभाग के पास मौजूद उपेक्षित हेरिटेज स्थलों को पर्यटन विभाग को देने के लिए कन्वर्जन कमेटी बनाने का फैसला किया गया है। ये कमेटियां राज्यों में भी बनेंगी।
गुजरात ने आक्रामक मार्केटिंग से बनाया अलग मुकाम
सहाय ने गुजरात में हेरिटेज पर्यटन के काम की सराहना करते हुए कहा कि हर कोई कोई जानता है कि गुजरात में हेरिटेज के नाम पर कुछ खास नहीं है, लेकिन उन्होंने आक्रामक मार्केटिंग का सहारा लेकर वहां हेरिटेज टूरिज्म के विकास में नया अध्याय जोड़ दिया। आज गुजरात में हेरिटेज स्थलों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए पीपीपी मॉडल पर 400 समझौते किए हैं। जब लोग इस क्षेत्र में पैसा लगाने को तैयार हैं तो क्यों नहीं हमें पीपीपी मॉडल की तरफ जाना चाहिए।
सफाई दें कॉर्पोरेट क्षेत्र के हाथ
उन्होंने कहा कि हमें पर्यटन और हेरिटेज स्थलों की सफाई पर खास जोर देना होगा। पर्यटन स्थल चाहे कितना ही विख्यात क्यों न हो, अगर वहां गंदगी होगी तो पर्यटन पर उसका बुरा असर होगा। पर्यटन स्थलों की सफाई नगर पालिकाओं के बस की बात नहीं है, उनके बूते सफाई नहीं हो सकती। इसलिए हेरिटेज स्थलों की सफाई का काम कॉपरेरेट क्षेत्र को देना होगा।
मिशन मोड पर क्लीन सिटी अभियान
सहाय ने कहा कि जयपुर एक स्वच्छ शहर है लेकिन हेरिटेज स्थलों और बाजारों की सफाई पर ध्यान देना होगा। पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण शहरों की सफाई के लिए पर्यटन मंत्रालय देश भर में मिशन मोड पर क्लीन सिटी अभियान चलाएगा। पर्यटन वाले शहरों में बाजार साफ रहें इसके लिए 100 दुकानों का क्लस्टर बनाकर मॉनिटरिंग की जा सकती है। इनमें साफ सफाई पर दुकानदारों के साथ एनजीओ मॉनिटरिंग करें।
हेरिटेज संरक्षण में पूरा खजाना भी खर्च कर दें तो कम : बीना काक
पर्यटन मंत्री बीना काक ने कहा कि अतीत की थाती ही हेरिटेज है। केवल महल और किले बावड़ियों तक ही हेरिटेज सीमित नहीं है, राजस्थान में हर जगह, हर गांव कस्बे में हेरिटेज है। यहां के जन जीवन में आपको जीवंत हेरिटेज मिल जाएगा। हेरिटेज की अवधारणा को भी केवल भौतिक स्वरूप तक ही सीमित नहीं रखें, इसे जीवंत पहलुओं में भी देखना होगा।
उन्होंने कहा कि पीएचडी चैंबर के प्रतिनिधि ने बताया कि राजस्थान में 250 हेरिटेज स्थल हैं जो संरक्षित नहीं है। यह संख्या तो कुछ भी नहीं है, यहां हर गांव और कस्बे में आपको इतने अवशेष मिल जाएंगे जिनकी गिनती भी मुश्किल है।
राजस्थान में इतने हेरिटेज स्थल हैं कि इन्हें संरक्षित करने में सरकार अपना पूरा खजाना भी लगा दे तो वह कम है। हमें शहरों के हेरिटेज स्वरूप को बचाए रखना होगा। निजी क्षेत्र ने इस काम में सहयोग किया है। राज्य सरकार ने भी हेरिटेज को बचाने में कई प्रयास किए हैं।
साभार - दैनिक भास्कर