सीरवी समाज - मुख्य समाचार
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 14 Apr 2012, 23:04:35
हैदराबाद के हिन्दी दैनिक "स्वतंत्र वार्ता" में फिर किसी ने माताजी के दर्शन का विज्ञापन धपवाया ।
श्री आईमाताजी हमारी पूज्य व आराध्य देवी है आप सब से अनुरोध है कि आस्था को अंधविश्वास में न बदले । आप यज्ञ या अन्य अनुष्ठान जरुर करे व करायें मगर आप को माताजी ने 5 बार दर्शन दिये और आप अखबारों में विज्ञापन देकर समाज व माताजी का तौहीन न करे । अन्य पढ़े - लिखे समाज भी अखबार पढ़ते है क्या असर पड़ेगा कभी सोचा इस बात पर ?
गत दिनों मारवाड़ व गोडवाड़ में भी एक अफवाह फैली थी कि एक देवासी महिला को सपना आया कि सीरवी लोगों का खानपान अब ठीक न रहा इस लिए माताजी देवासी समाज के बेल आ गयी है, इस कारण पांच उपवास करने होगें जिस मेंसे एक उपवास बिलाड़ा मंदिर में खोलना होगा तो पति पर से भार कम होगा । फिर क्या , माताजी के दर्शनों का सिलसिला चल पड़ा । बिलाड़ा के पवित्र मंदिर को छझाड़ा बनाने की यह एक नाकाम कोशिस है । आप उपवास करे, दर्शन करे मगर तरीका आस्था को चोट पहुंचाने का नहीं होना चाहिए ।
"सीरवी संदेश" पत्रिका में कानारामजी वकील का एक लेख छपा जिसमें लिखा कि महेश्वरी समाज के एक ठक्कर परिवार को सपने में आया कि श्री आई माताजी का जन्म स्थान गुजरात के एक गांव के पास जंगल में तलाब की पाल पर है । आज के आधुनिक युग में बहुत सारे साधन है माताजी के जन्म स्थान का पता लगाने के लिए । पुरातन विभाग जैसे सरकारी व गैर सरकारी अनेक संस्थायें है । फिर समाज भी अब सक्शम है इस प्रकार की धरोहरों की खोज करने व कराने के लिए । जब हजारों साल पुराने रामसेतु व द्वारका जैसे स्थानों पर डिस्कवरी व नासा शौध कर सकते है तो 500 -600 साल पुराने हमारे आराध्य देवी के अवतरण स्थल का हम पता क्यों नहीं लगा सकते ? क्यो हम सपनों व दर्शनों का सहारा ले रहे है ?
हमारी श्री आईमाताजी के प्रति अटूट आस्था है और रहेगी भी । कुछ शरारती तत्वों पर अंकुश व अंधविश्वास की रोकथाम के लिए समाज के बुद्धिजीवी लोगों को आगे आना होगा ।