सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : Posted By Mangal Senacha on 27 Mar 2012, 20:29:19

ए भाई! जरा देखके चलो
रेड लाइट... यलो लाइट... ग्रीन लाइट... यानी रुको, देखो और जाओ... बचपन से सुनने और जानने के बावजूद ज्यादातर लोग ट्रैफिक नियमों की अनदेखी कर देते हैं। ऐसा कर हम खुद के साथ-साथ दूसरों की जिंदगी के लिए भी खतरा पैदा करते हैं। ट्रैफिक से जुड़े कायदों और उनकी अनदेखी पर मिलनेवाली सजा के बारे में बता रहे हैं प्रशांत सोनी ...
चालान कैसे-कैसे
ट्रैफिक चालान आमतौर पर तीन तरह के होते हैं - ऑन द स्पॉट चालान, नोटिस चालान और कोर्ट के चालान।
ऑन द स्पॉट चालान
ये ऐसे चालान होते हैं, जिनमें ट्रैफिक नियम तोड़ने पर ट्रैफिक पुलिस आरोपी को मौके पर ही पकड़ लेती है और वहीं पर उसका चालान काट कर जुर्माना वसूल लेती है।
-अगर कोई शख्स ऑन द स्पॉट जुर्माना नहीं भर सकता, तो ट्रैफिक पुलिस वीइकल का कोई दस्तावेज जब्त कर चालान कर सकती है। अगर साथ में कोई दस्तावेज नहीं है तो वीइकल जब्त भी हो सकता है।
नोटिस चालान
वे चालान होते हैं, जिन्हें ट्रैफिक पुलिस डाक से आरोपी के घर भिजवाती है। ये चालान उस हालात में किए जाते हैं, जब आरोपी ट्रैफिक नियम तोड़कर निकल जाता है और ट्रैफिक पुलिसकर्मी आरोपी को मौके पर तो नहीं पकड़ पाती, लेकिन उसके वीइकल का नंबर नोट कर लेती है। बाद में उसी नंबर के जरिए वीइकल की मिल्कियत से जुड़ी जानकारी के आधार पर ट्रैफिक पुलिस आरोपी के घर चालान भेज देती है। आजकल कुछ गंभीर मामलों में खुद ट्रैफिक पुलिसकर्मी आरोपी के घर आकर चालान दे जाते हैं।
-नोटिस चालान के मामले में जुर्माना भरने के लिए अधिकतम 6 महीने का वक्त दिया जाता है। हालांकि अब ट्रैफिक पुलिस ने इस समयसीमा को घटा दिया है और 1 अप्रैल से नोटिस चालान का जुर्माना भरने के लिए अधिकतम एक महीने का वक्त ही दिया जाएगा। अगर आरोपी तय समयसीमा के दौरान भी जुर्माना नहीं भरता, तो चालान कोर्ट में भेज दिया जाता है। नोटिस पर लिखा होता है कि आपको कब और कहां जाकर कितना जुर्माना भरना है।
कोर्ट के चालान
ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन से जुड़े गंभीर मामलों में कोर्ट के चालान किए जाते हैं। ये ऐसे मामले होते हैं, जिनमें जुर्माने की रकम बहुत ज्यादा होती है और सजा का भी प्रॉविजन होता है, मसलन ड्रंकन ड्राइविंग (शराब पीकर गाड़ी चलाना) के चालान। कोर्ट के चालान आमतौर पर ऑन द स्पॉट ही किए जाते हैं, लेकिन इनमें ट्रैफिक पुलिसकर्मी जुर्माने की रकम जमा नहीं कर सकते। इसके लिए कोर्ट जाना ही होगा।
-कोर्ट समन भेजकर आरोपी को बुलाता है। ऐसा होने पर कोर्ट में पेश होकर जुर्माना भरना पड़ता है। हो सकता है कि लापरवाही बरतने के मामले में कोर्ट जुर्माना बढ़ा दे। आरोपी को सख्त सजा भी झेलनी पड़ सकती है।
-कोर्ट के चालान पर एक सील लगी होती है, जिसमें कोर्ट का नाम, मैजिस्ट्रेट का नाम और कोर्ट रूम का नंबर भी लिखा होता है। चालान पर दी गई समय-सीमा के अंदर उसी कोर्ट में जाकर आरोपी को जुर्माना भरना पड़ता है। दिल्ली की सभी जिला अदालतों में ट्रैफिक चालानों से जुड़े मामलों के अलग कोर्ट हैं। यहां आरोपी को खुद ही जाना होता है। आरोपी अपनी जगह किसी और को नहीं भेज सकता।
-अगर कोर्ट चालान या कोर्ट में भेजे जा चुके नोटिस चालान के मामले में कोर्ट के समन भेजे जाने के बाद भी आरोपी अदालत में पेश नहीं होता, तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
कौन काट सकता है आपका चालान
-मोटर वीइकल ऐक्ट के मुताबिक एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी तभी आपका चालान काट सकता है, जब उसने वर्दी पहन रखी हो और उस पर अपनी नेम-प्लेट भी लगा रखी हो। अगर ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने वर्दी नहीं पहनी है या उस पर नेम-प्लेट नहीं लगी है, तो आप उसके द्वारा की जा रही कार्रवाई का कानूनन विरोध कर सकते हैं।
-दिल्ली ट्रैफिक पुलिस में कॉन्स्टेबल से लेकर सब-इंस्पेक्टर की रैंक तक के पुलिसकर्मी सफेद रंग की वर्दी पहनते हैं, जबकि इंस्पेक्टर और इससे ऊपर का रैंक के अधिकारी खाकी वर्दी पहनते हैं। ट्रैफिक इंस्पेक्टर को खाकी वर्दी के साथ सफेद रंग की बेल्ट पहननी होती है।
-कॉन्स्टेबल रैंक के किसी भी टैफिक पुलिसकर्मी को किसी भी तरह के चालान काटने का अधिकार नहीं है। वे सिर्फ गाड़ी का नंबर नोट कर सकते हैं। उन्हें कर्मशल वीइकल्स को रोकने का अधिकार भी नहीं है।
-हेड कॉन्स्टेबल यानी हवलदार प्राइवेट वीइकल्स के सभी तरह के चालान काट सकते हैं, लेकिन कमर्शल वीइकल्स के मामले में उन पर कुछ पाबंदियां हैं। हवलदार सिर्फ कमर्शल पैसेंजर वीइकल जैसे- बस, ग्रामीण सेवा, आरटीवी, ऑटो आदि के 100 रुपये तक के जुर्माने वाले चालान ही काट सकते हैं। कमर्शल गुड्स वीइकल के किसी भी तरह के चालान वे नहीं काट सकते।
-एएसआई या उससे ऊपर के रैंक के ट्रैफिक पुलिसकर्मी ही 100 रुपये से ज्यादा जुर्माने वाले चालान काट सकते हैं। कमर्शल वीइकल के चालान काटने का अधिकार भी सिर्फ उन्हीं को है।
- ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के मामले में लोकल पुलिस को भी चालान का अधिकार है, लेकिन सिर्फ एएसआई और उससे ऊपर के रैंक वाले पुलिसकर्मी ही चालान काट सकते हैं और उन्हें भी सिर्फ कोर्ट का चालान काटने का ही अधिकार है। वे जुर्माने की राशि वसूल नहीं कर सकते। हालांकि उन्हें वीइकल के पेपर चेक करने का और वीइकल जब्त करने का भी अधिकार है।
ड्रंकन ड्राइविंग
-मोटर वीइकल ऐक्ट के अनुसार अगर किसी के 100 एमएल ब्लड में 30 मिग्रा से ज्यादा ऐल्कॉहॉल पाया जाता है, तो वह ड्रंकन ड्राइविंग यानी शराब पीकर गाड़ी चलाने का आरोपी है।
-ड्रंकन ड्राइविंग के आरोपी को पहली बार पकड़े जाने पर 2 हजार रुपये जुर्माना या 6 महीने की जेल या दोनों हो सकते हैं। अगर किसी को 3 साल के अंदर दोबारा ड्रंकन ड्राइविंग करते हुए पकड़ा जाता है, तो 3 हजार रुपये जुर्माना या दो साल की कैद या दोनों हो सकते हैं।
डेंजरस ड्राइविंग
-अगर कोई शख्स डेंजरस (खतरनाक) ड्राइविंग करता है, तो मोटर वीइकल एक्ट के मुताबिक पहली बार पकड़े जाने पर 1000 रुपये के जुर्माने के अलावा 6 महीने की सजा या दोनों का प्रविज़न है। इसमें ओवर स्पीडिंग और रेड लाइट जंपिंग भी शामिल है। अगर आप तय सीमा से ज्यादा रफ्तार में वीइकल चलाते हैं या रेड लाइट से गुजर रहे वीइकल्स को देखने के बावजूद रेड लाइट जंप करते हैं, तो आपके खिलाफ डेंजरस ड्राइविंग के तहत भी कार्रवाई हो सकती है।
स्पीड लिमिट
-दिल्ली में स्पीड लिमिट प्राइवेट वीइकल्स के लिए 50 से 70 किमी प्रति घंटा और कमर्शल वीइकल्स के लिए 40 किमी प्रति घंटा है। अगर आप दिल्ली में किसी भी सड़क पर इस लिमिट से ज्यादा तेज रफ्तार में वीइकल चला रहे हैं, तो आपके खिलाफ ओवर स्पीडिंग के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
टिंटेड ग्लास
-गाडि़यों में डार्क, ब्लैक या रिफ्लेक्टिव ग्लास या फिल्म लगवा लेना ट्रैफिक नियमों के खिलाफ है। यह नियम फोर-वीलर्स पर लागू होता है। नियमों के मुताबिक वीइकल की विंड स्क्रीन और रियर विंडो के ग्लास की विजिबलिटी कम-से-कम 70 फीसदी होनी चाहिए, जबकि साइड विंडो की विजिबलिटी कम-से-कम 50 फीसदी होनी चाहिए।
-वीइकल की फ्रंट विंडस्क्रीन पर लेमिनेटेड सेफ्टी ग्लास लगा होना जरूरी है, ताकि दुर्घटना की स्थिति में उसके टुकड़े उछलकर इधर-उधर न गिरें और उनसे किसी को चोट न पहुंचे।
गाड़ी में रखें ये दस्तावेज
-अगर टू-वीलर, फोर-वीलर या कमर्शल वीइकल ड्राइव कर रहे हैं, तो आपके पास ड्राइविंग लाइसेंस, पीयूसी (पल्यूशन अंडर कंट्रोल) सर्टिफिकेट और परमिट ऑरिजनल होना चाहिए। इनकी फोटोकॉपी नहीं चलेगी। अगर बैच जारी हुआ है, तो वह भी साथ होना चाहिए। रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) और वीइकल के इंश्योरेंस पेपर्स की अटेस्टेड फोटो कॉपी साथ रख सकते हैं। अगर फोटो कॉपी अटेस्टेड नहीं है, तो उसे वैलिड नहीं माना जाएगा।
-अगर चालान कटने के साथ-साथ आपके वीइकल के दस्तावेज भी जब्त कर लिए गए हैं, तो जुर्माना भरने के बाद अपने दस्तावेज वापस लेना न भूलें। दस्तावेज लेने से पहले एक बार चेक कर लें कि आपको सही दस्तावेज मिले हैं या नहीं।
-अगर कोर्ट का चालान कट रहा है, तो ट्रैफिक पुलिसकर्मी मौके पर जुर्माना नहीं वसूल सकते। ट्रैफिक पुलिस सिर्फ वीइकल या वीइकल के दस्तावेज ही जब्त कर सकती है। ऐसे में इसकी रसीद लेना न भूलें।
ऐसी हो नंबर प्लेट
-नियमों के मुताबिक सभी प्राइवेट वीइकल्स की नंबर प्लेट का बैकग्राउंड सफेद रंग का होना चाहिए और उस पर काले रंग से वीइकल का रजिस्ट्रेशन नंबर लिखा होना चाहिए, जबकि सभी तरह के कमर्शल वीइकल्स की नंबर प्लेट का बैकग्राउंड पीले रंग का होना चाहिए और उस पर काले रंग से वीइकल का रजिस्ट्रेशन नंबर लिखा होना चाहिए।
-अगर नंबर दो लाइनों में लिखा हुआ है, तो स्टेट कोड और रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी का कोड पहली लाइन में और बाकी का नंबर दूसरी लाइन में होना चाहिए। नंबर प्लेट पर लिखा नंबर डिजाइनर ढंग से नहीं, बल्कि सामान्य रूप से बोल्ड फॉर्मैट में लिखा होना चाहिए। नंबर प्लेट पर लिखे सभी नंबर रोमन और लेटर इंग्लिश में होने चाहिए।
-अप्रैल से दिल्ली में हाई सिक्युरिटी नंबर प्लेट सिस्टम शुरू होने वाला है, जिसके तहत सभी वीइकल्स पर ऐसी नंबर प्लेटें लगेंगी, जिनमें छेड़खानी, तोड़फोड़ या बदलाव करना मुमकिन नहीं होगा। हर नंबर प्लेट को एक कोड दिया जाएगा। शुरुआत में नए रजिस्टर्ड वीइकल्स पर ये नंबर प्लेटें लगेंगी, जबकि जून से पुराने वीइकल्स पर भी ऐसी ही नंबर प्लेट लगाना अनिवार्य होगा।
ट्रैफिक हेल्पलाइन
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस का हेल्पलाइन नंबर है: 2584-4444
इस नंबर पर कॉल करके आप ट्रैफिक जाम या डायवर्ज़न के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं या अगर कहीं जाम लगा है, तो उसकी सूचना भी दे सकते हैं। यहां से आप ट्रैफिक या ट्रैफिक पुलिस से जुड़ी दूसरी जानकारियां भी हासिल कर सकते हैं और अगर किसी तरह की कोई शिकायत है, तो उसे भी दर्ज करा सकते हैं।
ट्रैफिक अलर्ट
-ट्रैफिक पुलिस की फ्री एसएमएस अलर्ट सर्विस के जरिए आप घर या दफ्तर में बैठे-बैठे यह जान सकते हैं कि कहां जाम लगा है, कहां जुलूस निकल रहा है, कहां ट्रैफिक डायवर्ट होने वाला है और आप कहां से होकर जा सकते हैं। जाम ऐक्सिडेंट की वजह से लगा है या ब्रेकडाउन के कारण, बारिश में जलभराव के कारण लगा है या पेड़ टूटने के कारण, सारी जानकारी आपको एसएमएस के जरिए मिलती रहेगी, ताकि आप उन रास्तों से न जाएं, जहां जाम लगा है।
फ्री एसएमएस अलर्ट पाने के लिए
-अपने मोबाइल के मेसेज बॉक्स में जॉकर JOIN DTP लिखें और उसे 092195-92195 पर भेज दें। आपको ट्रैफिक अलर्ट मेसेज मिलने शुरू हो जाएंगे।
-ट्रैफिक पुलिस की वेबसाइट पर जाकर भी आप इस सर्विस को सबस्क्राइब कर सकते हैं। वेबसाइट के होम पेज पर बनी पीली पट्टी में आपको लाल रंग का एक लिंक JOIN DTP 092195-92195 दिखेगा। इस लिंक पर क्लिक करते ही एक पेज खुलेगा, जिसके सबसे ऊपरी हिस्से में एक विंडो होगी। इस विंडो में subscribe पर क्लिक करते ही एक और विंडो खुलेगी, जिसमें अपना मोबाइल नंबर लिखने के बाद GO पर क्लिक करें। आपकी सर्विस शुरू हो जाएगी।
सर्विस बंद करने के लिए
अगर आप सर्विस बंद करना चाहते हैं तो अपने मोबाइल के मेसेज बॉक्स में जॉकर LEAVE DTP लिखें और 092195-92195 पर भेज दें। आपको ट्रैफिक अलर्ट मेसेज मिलने बंद हो जाएंगे।
पेंडिंग चालान की जानकारी के लिए
- अगर आप यह जानना चाहते हैं कि आपका कोई चालान पेंडिंग तो नहीं है, तो आप घर बैठे-बैठे यह जानकारी हासिल कर सकते हैं। अपने मोबाइल के मेसेज बॉक्स में जाकर कैपिटल लैटर में पहले N लिखें, फिर एक स्पेस देकर गाड़ी का पूरा रजिस्ट्रेशन नंबर एक साथ बिना कोई स्पेस दिए लिखें (मसलन DL4CD 2562 ) और इस मेसेज को 98114-52220 पर भेज दें। जवाब में ट्रैफिक पुलिस की तरफ से आपको जो मेसेज आएगा, उससे आपको यह पता चल जाएगा कि आपका कोई चालान पेंडिंग है या नहीं।
- ट्रैफिक पुलिस की वेबसाइट www.delhitrafficpolice.nic.in पर जाकर भी इस बारे में पता कर सकते हैं। वेबसाइट के होम पेज पर बनी पीली पट्टी में आपको नीले रंग का ब्लिंक करता हुआ एक लिंक Pending notices दिखेगा। इस लिंक पर क्लिक करते ही एक सर्च विंडो खुलेगी। उसमें अपनी गाड़ी का नंबर बिना कोई स्पेस दिए लिख दें और फिर सर्च बटन क्लिक करें।
- एसएमएस और वेबसाइट के जरिए आपको सिर्फ पेंडिंग नोटिस चालानों के बारे में ही जानकारी मिलेगी।
दिल्ली की सड़कों पर स्पीड लिमिट
हम सभी के लिए यह जानना जरूरी है कि राजधानी में किस सड़क पर स्पीड लिमिट क्या है? आप यह आसानी से जान सकते हैं ऑग्मेंटेड रिऐलिटी के जरिए।
ट्रैफिक रूल तोड़ने पर जुर्माना
100 रुपये तक जुर्माना
- रेड लाइट जंप करना - 100 रुपये
- स्टॉप लाइन का उल्लंघन - 100 रुपये
- बिना हॉर्न वाली गाड़ी चलाना - 100 रुपये
- बिना साइलेंसर वाली गाड़ी चलाना - 100 रुपये
- इंडिकेटर दिए बिना मुड़ना - 100 रुपये
- पल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट के बिना ड्राइविंग - 100 रुपये
-गाड़ी से तय सीमा से ज्यादा धुआं निकलना - 100 रुपये
-वीइकल में प्रेशर हॉर्न लगाना - 100 रुपये
-मल्टी-टोन वाले हॉर्न का इस्तेमाल करना - 100 रुपये
-सनसेट के बाद बिना लाइट ऑन किए ड्राइविंग- 100 रुपये
-बिना सीट बेल्ट कार चलाना/फ्रंट सीट पर बैठना - 100 रुपये
-बिना हेलमेट टू-वीलर चलाना या पीछे बैठना - 100 रुपये
- रजिस्ट्रेशन सर्टिर्फिकेट के बिना ड्राइविंग -100 रुपये
-टूटी-फूटी या अधूरी नंबर प्लेट लगी गाड़ी चलाना - 100 रुपये
-नंबर प्लेट सही तरीके से डिस्प्ले नहीं होना - 100 रुपये
-गाड़ी पर अवैध तरीके से लाल बत्ती लगाना - 100 रुपये
-गाड़ी में टिंटेड ग्लास लगे होना - 100 रुपये
-गाड़ी में तेज आवाज में म्यूजिक बजाना - 100 रुपये
- ' नो हॉकिंग जोन' में हॉर्न बजाना - 100 रुपये
-वीइकल के अंदर स्मोकिंग करना - 100 रुपये
- टू-वीलर पर तीन सवारियां - 100 रुपये
-वन-वे का उल्लंघन - 100 रुपये
-येलो लाइन का उल्लंघन - 100 रुपये
- गलत तरीके से पार्किंग करना - 100 रुपये
-वीइकल से जानवरों को परेशान करना - 100 रुपये
-शहर में रात को हाई बीम ऑन कर गाड़ी चलाना - 100 रुपये
-ऑटो टैक्सी ड्राइवर का सवारी से बुरा बर्ताव करना - 100 रुपये
-ऑटो टैक्सी ड्राइवर का तय किराये से ज्यादा लेना - 100 रुपये
-ऑटो टैक्सी ड्राइवर का ले जाने से इनकार करना - 100 रुपये
-बस लेन/बस स्टैंड पर वीइकल रोकना/पार्क करना - 100 रुपये
-बिना बैच के कंडक्टर - 100 रुपये
-बिना यूनिफॉर्म के कंडक्टर - 100 रुपये
-बिना यूनिफॉर्म के ड्राइवर - 100 रुपये
-बस के ड्राइवर/कंडक्टर का स्मोकिंग करना - 100 रुपये
-गुड्स वीइकल में पैसेंजर ले जाना - 100 रुपये
-पैसेंजर वीइकल में सामान लादकर ले जाना - 100 रुपये
-सामान्य पैसेंजर वीइकल में सायरन बजाना - 100 रुपये
-बिना पास या टिकट के बस में यात्रा करना - 100 रुपये
100 रुपये से ज्यादा जुर्माना
-ओवर स्पीड में गाड़ी चलाना - 400 रुपये
-बिना लाइसेंस गाड़ी चलाना - 500 रुपये
-नाबालिग का ड्राइविंग करना - 500 रुपये
-ट्रैफिक पुलिस के कानूनी निर्देशों का उल्लंघन करना - 500 रुपये
-डेंजरस ड्राइविंग - 1000 रुपये
-ड्राइविंग करते वक्त मोबाइल पर बात करना - 1000 रुपये
-अनधिकृत शख्स को वीइकल चलाने देना - 1000 रुपये
-वीइकल के इंश्योरेंस पेपर बिना ड्राइविंग करना - 1000 रुपये
-ट्रैफिक पुलिसकर्मी के साथ गलत बर्ताव करना - 1000 रुपये
- नो ऐंट्री का उल्लंघन करना - 2000 रुपये
-वीइकल के फिटनेस सर्टिफिकेट बिना गाड़ी चलाना - 2000 रुपये
-गैर-रजिस्टर्ड वीइकल चलाना - 2000 रुपये
-गाड़ी में तय सीमा से ज्यादा वजन लादना - 2000 रुपये
इन नियमों के उल्लंघन पर होता है कोर्ट का चालान
-ड्रंकन ड्राइविंग
-रजिस्ट्रेशन या परमिट के बिना कमर्शल वीइकल का इस्तेमाल
-बस या भारी वीइकल्स द्वारा येलो लाइन का उल्लंघन
-आगे चल रहे कमर्शल वीइकल को पीछे से आ रहे दूसरे कमर्शल वीइकल द्वारा ओवरटेक करना
-स्टॉप न होने के बावजूद गाड़ी रोककर पैसेंजर बिठाना
-स्पीड गर्वनर के बिना वीइकल चलाना
-स्कूल बस पर स्कूल का नाम नहीं लिखना
-बिना परमिट के वीइकल चलाना
-बस को बस लेन में नहीं चलाना
नोट: फिलहाल चालान के यही रेट हैं। हाल ही में जुर्माना कई गुना बढ़ाने का प्रस्ताव आया था, जो सरकार के विचाराधीन है।
--- नवभारत टाइम्स, नई दिल्ली