सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : Posted By Mangal Senacha on 24 Mar 2012, 17:50:05

दीवान ने की पहली पूजा और बदली केशर ज्योत की बाती
बिलाड़ा, सिंहवाहिनी आईमाता एवं साढ़े पंच सौ वर्षो से जल रही अखण्ड केशर ज्योत के दर्शनों के लिए देश भर से आए श्रद्धालुओं का सेलाब उमड़ पड़ा। माताजी के मुख्य गर्भगृह में दीवान ने पहली पूजा की तथा केशर ज्योत की बाती बदल कर ज्योही मन्दिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खोले तो पूरा परिसर आईमाता के जयकारों से गूंज उठा तथा दीवान से आशीर्वाद प्राप्त किया।
शनिवार को जेसे कस्बे का हर मार्ग माताजी की बडेर की ओर ही जा रहा था तथा हर मार्ग से गुजरना मुश्किल हो रहा था। शुक्रवार की रात भर श्रद्धालुओं के यहां आने का तांता लगा रहा तथा ब्रह्म मुहूर्त की आरती के सााथ ही दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की कतारें लग गई। इस बार आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडू, मध्यप्रदेश, गुजरात के अलावा मारवाड़ के विभिन्न जिलों से अनगिनित श्रद्धालु यहां पहुंचे। पैदल जत्थों के रूप में आए श्रद्धालुओं का मन्दिर ट्रस्ट की ओर से अभिनन्दन किया गया।
सडक़ों पर पगडिय़ा एवु चुनरियां ही चुनरिया।
मुख्य बस स्टेण्डसे सुभाष मार्ग, बिंजवाडिया चौराहा, नई सडक़, सोजती गेट, राजलाव तालाब एवं मोतीसिंह सीरवी स्टेडियम एवं कृषि उपज मंडी तक के तीन किलोमीटर लम्बे मार्ग पर आज भरे मेले में दिन भर लाल-पीली पगडिय़ा एवं रंग-बिरंगी चुनरियां ही चुनरिया नजर आई। प्रात: 11 बजे से शाम 5 बजे के बीच इस मार्ग पर गुजरना मुश्किल था। जानकारों के अनुसार कई वर्षो बाद श्रद्धालुओं की ऐसी भीड़ उमड़ी।
लाखों का हुआ कारोबार।
चैत्री बीज के अवसर पर तीन किलोमीटर क्षेत्र में लगी हजारों दुकानों से लाखों की खरीददारी हुई। विशेष कर महिलाओं ने सौंर्दय प्रशासन, श्रृंगार सामग्री के अलावा घरेलू सामान की जमकर खरीददारी की। मेले में लगे झुलों का भी लोगों ने जमकर लुफ्त उठाया। झुला बाजार के निरीक्षण करने पहुंची पालिकाध्यक्ष एवं पालिका प्रशासन के अधिकारी एवं पार्षद भी अपने आपको नहीं रोक पाए और झुलों का आनन्द लिया।
बेल बधाई।
बारह मास तक देश भर में आईपंथ का प्रचार-प्रसार कर यहां लौटी आईमाता की बेल (धर्मरथ) को बधाने से पहले शाम होते-होते बडेर में गैर मंडी तथा गैर दल नाचता हुआ गाजों-बाजों के साथ, सैकड़ों मंगल कलश लिए मंगल गीत गाती महिलाऐं सोजती गेट पहुंची जहां धर्म संदेश देकर लौटी बैल एवं जत्ती भग्गा बाबा एवं उनकी बाबा मंडली को बधाया तथा गाजों-बाजों के साथ बेल को बडेर लाया गया।
दीवान ने दिया संदेश।
पहली पूजा कर बडेर में सजे मंच पर दीवान ज्योही पहुंचे उनसे आशीष लेने वालों का तांता लग गया। इस अवसर पर दीवान ने अपनी आशीष में कहा कि मनुष्य के जीवन में जब बुद्धि और विवेक का बदलाव होता है तो वह धर्म के पथ पर चलता है, उन्होने कहा धर्म वहीं जो आईमाता के ग्यारह नियमों की पालना करें, किसी का दिल न दुखाऐं। उन्होने कहा घर में सुख चाहते हो तो किसी को दुख न दो।
प्रशासन रहा चुस्त।
इस वर्ष नौ सतियों का लेता रहा हो या चैत्री बीज का मेला दोनों मेलों में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए उपखण्ड मजिस्ट्रेट छगनलाल गोयल सभी विभागों के प्रशासन को चुस्त-दुरूस्त रखा तथा पुलिस जाब्ते को भी सजग एवं सतर्क रखा। पूरे मेले में आज हर चौराहें, मार्ग तथा भीड़ में पुलिस जवान ही जवान नजर आ रहे थे। पुलिस उपअधिक्षक कार्यालय के भंवरलाल सीरवी एवं थाना स्टाफ पूरे दिन गश्त पर रहे।
कईदिन रहेगा यह मेला।
चैत्री बीज के अवसर पर भरने वाला यह मेला और यहां लगी दुकाने अभी कईदिनों तक रहेगी तथा कस्बे के लोग अब खरीददारी करेंगे। मेले में मिट्टी के बर्तन, सुखी सब्जियां एवं नई फस्ल की सब्जियां के अलावा मिठाई एवं खिलौने की दुकाने भी कई दिन लगी रहती है।
प्रेषक - श्री ओमसिंहजी राजपुरोहित ( मो. नं. 09414412826)