
6 सालों से दे रहे हैं नशामुक्ति का संदेश
पाली.नशामुक्त समाज का सपना संजोकर बीते छह साल से गोपाराम चौधरी हर समाज को नशे से होने वाले नुकसान की जानकारी देते हुए इससे दूर रहने का संदेश दे रहे हैं। जिला परिषद में सहायक अभियंता के पद पर कार्यरत चौधरी अब तक सैकड़ों लोगों को नशा छुड़ा चुके हैं। दैनिक भास्कर के 'एंटी टोबेको मिशन' से प्रभावित होकर भास्कर कार्यालय पहुंचे चौधरी ने बताया कि भास्कर ने यह अभियान चलाकर उनकी हिम्मत और बढ़ा दी है। उनका कहना है कि यह अभियान उनके जीवन पर्यंत चलता रहेगा। बिना किसी लोभ-लालच के लोगों को नशा मुक्ति के लिए प्रेरित करने वाले चौधरी सरकारी नौकरी से समय निकालकर उनके समाज के धर्मगुरु माधोसिंह दीवान के नेतृत्व में नशा मुक्ति के लिए बैठकें आयोजित करते हैं तथा पंफ्लेट वितरित कर स्वस्थ समाज निर्माण के प्रयास करते हैं। सीरवी समाज से संबंध रखने वाले चौधरी सभी धर्म एवं समाजों को नशा मुक्ति का संदेश दे रहे हैं। तभी तो वे कहते हैं 'नशा समाज और शरीर दोनों का ही नाश करता है, इसलिए सभी धर्मों में नशीली चीजों का सेवन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है।' वे आगे कहते हैं कर्म से धर्म बनता है और धर्म से कर्म, दोनों ही अंधे नहीं होने चाहिए। नशा पीड़ादायक अकाल मृत्यु के साथ पारिवारिक कलह व अपराध का कारण भी बनता है। चौधरी कहते हैं कि सरकार एवं पुलिस नशे के खिलाफ नियम एवं कानून भले ही कई बार बना चुकी है, लेकिन उसकी पालना में ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। इस कारण आज गांवों में अफीम व शराब को उपयोग बड़े स्तर पर किया जाता है।
नशा छोड़ दो, जिंदगी संवार दो, ओ संदेश है भास्कर को। -विक्रम चौधरी, पाली
तंबाकू निषेध अभियान में हम हैं भास्कर के साथ, आओ मिल कर नशे का नाश करें मिलाकर कर सब हाथ। -चंपालाल नागल, पाली
बीड़ी तंबाकू री मनवार मत करो, जीवता जीव बिना मौत मत मरो। स्वरूपसिंह राजपुरोहित, निंबला
सुणो रे मोटियारों, सुणो म्हारा काकू, काया ने निर्मल राखजो, छोड़ो थै तंबाकू। पीवै तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट और चिलम, माथौ पकड़ रोवै पछे औ कांई व्हैग्यो जुलम। पन्नालाल कटारिया, बिठौड़ा कलां
हम भी हैं भास्कर के साथ
दैनिक भास्कर की ओर से सामाजिक सरोकारों के तहत चलाए गए अभियान मुझे बेहद पसंद आए। पहले 'बेटी बचाओ' और अब 'एंटी टोबेको मिशन' समाज को नई दिशा देंगे। मैं एक शिक्षक होने के नाते यह मानता हूं कि किसी भी व्यक्ति में व्यवहार लाने के लिए वर्तमान में दो ही पहलू उपयोगी साबित होते हैं, एक शिक्षा और दूसरा मीडिया। भास्कर यह भूमिका बखूबी निभा रहा है। -चंपालाल वैष्णव, शिक्षक
धूम्रपान एवं तंबाकू की जकड़ वर्तमान में युवा पीढ़ी पर इस कदर बढ़ रही है कि समय रहते इसे रोका नहीं गया तो आने वाले समय में इसके परिणाम खतरनाक होंगे। भास्कर की ओर से चलाए गए 'एंटी टोबेको मिशन' सामाजिक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। अभियान के तहत प्रकाशित किए जा रहे समाचार काफी प्रेरणास्पद एवं जानकारी वाले हैं। मैं इसके साथ हूं। -हनुमानसिंह राजपुरोहित, जिलाध्यक्ष, राहुल गांधी ब्रिगेड कांग्रेस, पाली
यूं मिली प्रेरणा
चौधरी बताते हैं कि 2006 में वे जालोर में विकास अधिकारी के पद पर कार्यरत थे। उनके समाज में नशे का बोलबाला बहुत अधिक था। मृत्युभोज व शादी समारोह में हर व्यक्ति को अफीम सहित अन्य नशीली वस्तुओं की मनुहार करनी पड़ती थी। इसमें गरीब व्यक्ति को कर्जा लेकर यह सब व्यवस्था करनी पड़ती थी। उसी दिन उन्होंने इस संबंध में जब समाज के अन्य लोगों से बात की तो उन्होंने यह कार्य असंभव बताया। इस पर चौधरी ने उनकी इस बात को एक चुनौती के रूप में लिया। उस दिन से आज तक यह अभियान जारी है।
कैसे छोड़ें नशा
चौधरी के अनुसार कोई भी व्यक्ति एक दिन में जितनी भी मात्रा में नशा करता हो, चाहे गुटखा, बीड़ी, सिगरेट, शराब या अफीम आदि का नशा हो। एक दिन के नशे की कुल मात्रा को अनुमाित 30 भागों में बांटकर पहले दिन का एक भाग, दूसरे दिन दो भाग, तीसरे दिन तीन भाग नशा कम करके तीस दिन में पूरा नशा छोड़ा जा सकता है। इस प्रकार न तो शरीर पर नशे की कम मात्रा का असर महसूस होगा और न ही किसी डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता होगी।
जिसने पकड़ा, वही छोड़ें
नशीली वस्तुओं के सेवन से परेशान एक व्यक्ति एक साधु के पास जाकर बोला-गुरुजी मुझसे नशा छूटता नहीं, मैं क्या करूं। गुरुजी ने कहा बेटा संकल्प करो और नशा छोड़ दो। नशेबाज व्यक्ति बोला, नशे ने मुझे इतना जोर से पकड़ा है कि छोड़ता ही नहीं। गुरुजी ने कहा, ठीक है आओ मेरे साथ। दोनों जंगल की तरफ जाने लगे। अचानक गुरुजी ने कूदकर पेड़ की डाल पकड़ ली। नशेबाज ने कहा, यह क्या गुरुजी, आप नीचे क्यों नहीं उतरते। गुरुजी ने कहा, क्या करूं बेटा, ये डाल मुझे छोड़ती ही नहीं है। नशेबाज बोला गुरुजी आप समझदार होकर ऐसी अज्ञानता की बातें करते हैं, डाल तो आपने पकड़ी है। आप छोड़ दो तो डाल छूट जाएगी। गुरुजी ने डाल छोड़कर कहा, इसी प्रकार नशे को तुमने पकड़ा है, छोडऩा भी तुझे ही पड़ेगा।
महावीर बाल मंदिर विद्यालय में बुधवार को नशा मुक्ति अभियान के तहत पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। स्कूल के विद्यार्थियों ने चित्रों के माध्यम से धूम्रपान एवं तंबाकू से मनुष्य में होने वाली बीमारियों को कागज पर उकेरा। प्रधानाचार्य डॉ. जितेंद्र रांका के निर्देशन में आयोजित इस प्रतियोगिता राजन जैन ने प्रथम, कृतिका शर्मा ने द्वितीय तथा मोहित बंसल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका शिक्षक ऋषिपाल सिंह, श्रीलता शर्मा तथा योगेंद्र कुमार शर्मा ने निभाई।
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साभार : दैनिक भास्कर