सीरवी समाज - मुख्य समाचार
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 18 Feb 2012, 10:49:08
पाली। इसे जिले की बदकिस्मती ही कहा जाएगा कि बीस लाख की आबादी और पर्याप्त यात्री भार के बावजूद दिल्ली के लिए सीधी ट्रेन के अभाव में लोग सड़क पर असुरक्षित सफर करने को मजबूर हैं। ट्रेन के अभाव में साधन सम्पन्न लोग तो खुद के वाहनों से ही जयपुर-दिल्ली का सफर करना पसंद करते हैं, लेकिन यह सफर सुरक्षित नहीं है। सेंदड़ा-ब्यावर तक नेशनल हाइवे पर बदहाल सड़क के कारण अक्सर हादसे होते हैं। हादसों के कारण यहां रोजाना जाम लगना आम बात है। ऎसे में सफर तो बाधित होता ही है। कई बार गन्तव्य पर होने वाले काम भी अटक जाते हैं।
पाली जिले से यात्री भार
- 700 लोग करते हैं औसतन रोजाना जयपुर तक की यात्रा रोडवेज से।
- 80 लोग करते हैं औसतन दिल्ली तक की यात्रा रोडवेज से।
- 200 से अधिक लोग करते हैं रोजाना जयपुर की यात्रा निजी बसोंं से।
- 100 लोग करते हैं औसतन दिल्ली की यात्रा निजी बसों से।
(आंकड़े रोडवेज व ट्रैवल एजेंसियों से बातचीत के आधार पर।
इनमें जोधपुर होकर ट्रेन व अन्य साधनों से से जयपुर-दिल्ली जाने वालों की संख्या शामिल नहीं हैं)
पाली से दिल्ली के लिए वाया जयपुर ट्रेन होनी आज की जरूरत है। पर्याप्त यात्री भार के बावजूद यहां से ट्रेन नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। समय रहते यह निर्णय नहीं लिया गया तो जिले का समग्र विकास बुरी तरह से बाधित होगा। इस संबंध में मैंने मंडल रेल प्रबंधक को ज्ञापन भेजकर इसी बजट में दिल्ली के लिए ट्रेन प्रारंभ करवाने की मांग की है।
नगेन्द्र संचेती, पूर्व सदस्य, जोनल व मंडल रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति, उत्तर-पश्चिम रेलवे, जोधपुर
पाली से दिल्ली-जयपुर के लिए सीधी रेल सेवा नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। रेल सेवा की मांग को लेकर मैं दिल्ली जा रहा हूं। रेल की मांग को लेकर मैं दिल्ली में ही डेरा दाल दूंगा।
खुशवीरसिंह, जिला प्रमुख
जयपुर-दिल्ली के लिए टे्रन नहीं होने से अक्सर परेशानी झेलनी पड़ती है। पाली की कपड़ा नगरी के रूप में ख्याति है, लेकिन दिल्ली-जयपुर के लिए सीधी टे्रन नहीं। इस बार हम टे्रन लेकर ही रहेंगे। इसके लिए मैं प्रयास करूंगी।
साभार- पत्रिका