सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : Posted By Mangal Senacha on 18 Feb 2012, 09:59:33

जैतारण. कस्बे व क्षेत्र के ग्रामीणों को रेल सुविधा की दरकार लंबे अर्से से है। यह मांग कई वर्षों से उठ रही कि जैतारण कस्बे को रेलवे सुविधा से जोड़ा जाए। लोगों की उम्मीदें इस सत्र के बजट पर भी टिकी हुई है। साथ ही क्षेत्र के जनप्रतिनिधि व राजनीतिक पार्टियों द्वारा इस सुविधा की मांग व कोशिश की जा रही है। पिछले कई वर्षों से जैतारण बर-बिलाड़ा रेलवे लाइन बिछाने की मांग उठ रही है। इसको लेकर केंद्र सरकार द्वारा सर्वे भी किया जा चुका है, लेकिन अभी तक सफलता हाथ नहीं लगी है। पाली के पूर्व सांसद शंकरलाल वैष्णव, पूर्व सांसद मूलचंद डागा, पूर्व सांसद गुमानमल लोढ़ा, कांग्रेस नेता लक्ष्मीमल सिंघवी, पूर्व सांसद पुष्प जैन, राजसमंद सांसद गोपालसिंह शेखावत, जैतारण विधायक व संसदीय सचिव दिलीप चौधरी, पूर्व मंत्री सुरेंद्र गोयल आदि भी कई बार केंद्रीय रेल मंत्रियों पर दबाव बना चुके हैं। फिर भी रेल सुविधा जैतारण क्षेत्र के बाशिंदों को नसीब नहीं हो पाई है। जोधपुर से बिलाड़ा तक शटल रेल चलाने के बाद भी मात्र 50 किलोमीटर का रास्ता बर से बिलाड़ा तक अधूरा पड़ा है। लोगों की उम्मीद इस बजट सत्र को लेकर कायम है। इस बजट सत्र में अगर रेल सुविधा मिल गई तो क्षेत्र में विकास के नए आयाम स्थापित होंगे।
सोजत रोड. रेलवे को हर वर्ष 2 से 3 करोड़ रुपए की आमदनी देने वाला सोजत रोड रेलवे स्टेशन कई मूलभूत सुविधाओं से आज भी महरूम है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में क्षेत्र भर के करीब सौ गांवों के यात्री इस स्टेशन से आवागमन करते हैं। मेहंदी नगरी सोजत का प्रमुख स्टेशन यही है। मुख्यतया सोजत रोड स्टेशन से निकलने वाली ट्रेनों का ठहराव, अलग से आरक्षण खिड़की, पूछताछ खिड़की, प्लेटफॉर्म पर कोच डिसप्ले, प्लेटफॉर्म नंबर 2 को ऊपर उठाने, प्लेटफार्म नंबर एक पर टीन शेड की लंबाई बढ़ाने तथा नई यात्री गाडिय़ां शुरू करने की दरकरार है। विभिन्न समस्याओं के चलते यात्री अन्य स्टेशनों से आवागमन करने को मजबूर हैं। स्टेशन पर अनारक्षित व आरक्षित श्रेणी का टिकिट देने के लिए एक ही खिड़की है। इसके चलते यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। आरक्षित श्रेणी का टिकिट लेने के लिए कई बार यात्रियों को घंटों तक इंतजार करना पड़ता है। आरक्षण व पूछताछ के लिए एक वर्ष पूर्व बनाई गई खिड़की अभी तक शुरू नहीं हो पाई है। इसके अलावा कई महत्वपूर्ण ट्रेनों का ठहराव नहीं होने से यहां के यात्रियों को अन्य स्टेशनों से ट्रेन पकडऩी पड़ती है। अजमेर-मैसूर व हरिद्वार-अहमदाबाद मेल यहां रुकती है, लेकिन मात्र दो मिनिट के लिए। इन ट्रेनों में यात्री भार अधिक रहता है।
साभार - दैनिक भास्कर