सीरवी समाज - मुख्य समाचार
	
	
	
	 
	Posted By : साभार-- राजस्थान पत्रिका, जोधपुर 
	
	
जोधपुर। राज्य वृक्ष 'खेजडी' को मरने से बचाने के लिए आफरी के समन्वित प्रोजेक्ट के लिए बजट उपलब्ध कराने को राज्य के वन विभाग ने असमर्थता जता दी है। मंजूरी व आवश्यक बजट के लिए अब इस प्रोजेक्ट को केन्द्र सरकार को भेजने की तैयारी की जा रही है।
काजरी, आफरी, जेडएसआई, एआरएस एवं भू-जल वैज्ञानिकों के शोध के आधार पर खेजडी को बचाने के लिए समन्वित प्रोजेक्ट तैयार किया गया। इसमें खेजडी को लगने वाली बीमारियों पर नियंत्रण, कारण, निदान व किसानों को प्रशिक्षण सहित खेजडी विकास के विभिन्न विषयों को शामिल किया गया है।
इस प्रोजेक्ट से जोधपुर संभाग के जिलों सहित प्रदेश के झुंझुनू, सीकर, चूरू, नागौर एवं बीकानेर क्षेत्र के किसान भी लाभान्वित हो सकेंगे। उल्लेखनीय है थार क्षेत्र की 'लाइफ-लाइन' खेजडी के पेडों को बचाने लिए जोधपुर के खेजडली ग्र्राम में सन् 1730 में विश्नोई जाति के 363 लोगों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया था। 
इनका कहना है...
' वैज्ञानिकों की ओर से खेजडी को मरने से बचाने के बहुआयामी प्रोजेक्ट के लिए हमारे पास बजट का अभाव है।'
यूएम सहाय, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (ट्री) राजस्थान
'आफरी सहित अन्य विभागों के वैज्ञानिकों के समन्वित सहयोग से 'खेजडी की मृत्र्यता' विषयक प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। पांच साल का यह प्रोजेक्ट 142 लाख रूपए का है। वन विभाग ने इस प्रोजेक्ट के लिए बजट देने में असमर्थता जताई है। अब इसे केन्द्र सरकार को भेजा जा रहा है। 
डॉ. त्रिलोकसिंह राठौड-निदेशक आफरी एवं योजना समन्वयक।
(upload by Mangal Senacha Bangalore,at 24Dec 2009 .9.31AM)..