सीरवी समाज - मुख्य समाचार
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 16 Feb 2012, 17:32:24
नई दिल्ली. भारत में मरने वाले हर पांच में से दो लोगों की मौत का मुख्य कारण खैनी, गुटखा या तंबाकू है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में खुलासा किया है कि दुनिया भर में 30 साल से ज्यादा उम्र के लगभग 12 फीसदी लोगों की मौत का कारण खैनी, तंबाकू, गुटखा है। भारत में लगभग 16 प्रतिशत लोग इन्हीं तंबाकू उत्पादों के सेवन से मर रहे हैं। धुआं रहित तंबाकू सेवन के मामले में भारत सबसे अव्वल देशों में से एक है।
'मोर्टेलिटी एट्रीब्यूटेबल टू टोबैको' नामक रिपोर्ट के अनुसार, तंबाकू सेवन के कारण हर 6 सेकंड में एक व्यक्ति की मौत हो रही है। पूरी दुनिया में लगभग 50 लाख लोगों की मौत का कारण तंबाकू का इस्तेमाल है। अगले बीस सालों में सिगरेट, गुटखा, खैनी, बीड़ी, तंबाकू और हुक्का पीने से पूरी दुनिया में लगभग 80 लाख लोगों की मौत होगी।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सबसे दुखदायी बात यह है कि पूरी दुनिया में लगभग 6 लाख लोग सेकेंड हैंड स्मोकिंग की वजह से मर रहे हैं। यानी तंबाकू सेवन करने वाले लोग अपनी ही नहीं बल्कि अपने परिवार और आसपास रहने वाले लोगों की भी जान ले रहे हैं।
टाटा कैंसर मेमोरियल अस्पताल के डॉ. पंकज चतुर्वेदी का कहना है कि ग्लोबल अडल्ट टोबैको सर्वे के अनुसार, देश में लगभग 27 लाख लोगों की तंबाकू का सेवन कर रहे हैं। इनमें से लगभग 9 लाख लोगों की असमय मृत्यु तय है। डॉ. चतुर्वेदी का कहना है कि इन संभावित मौतों को रोकने के लिए केंद्र सरकार को अरबों रुपए खर्च करना पड़ सकता है।
इसीलिए सरकार को तुरंत तंबाकू सेवन को रोकने के लिए कड़े कानून बनाने चाहिए। डब्लूएचओ ने अपने रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि धुंआ रहित तंबाकू उत्पादों में सबसे ज्यादा सेवन खैनी का होता है। लगभग 91 प्रतिशत महिलाएं धुआं रहित तंबाकू का सेवन करती हैं। इनमें पान और खैनी शामिल है।