सीरवी समाज - मुख्य समाचार
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 26 Jan 2012, 11:51:19
बेंगलूरू। सीरवी सेवा संघ ट्रस्ट (रजि.) लिंगराजपुरम का सत्रहवाँ वार्षिक सम्मेलन एवं माही बीज महोत्सव बुधवार को श्री आईमाता टेम्पल रोड, के.एस.एफ.सी. लेआउट स्थित संघ भवन (बडेर) में उल्लासमय वातावरण में श्रद्धा व भक्ति भाव के साथ धूमधाम से मनाया गया। दिन भर चले कार्यक्रम में बड़ी संख्या में समाज के सदस्य सपरिवार शामिल हुए। माही बीज के उपलक्ष्य में मंगलवार की रात्रि में सत्संग व जागरण का कार्यक्रम रखा गया, जिसमें देर रात्रि तक माता जी के भजनों की सुमधुर प्रस्तुति का सिलसिला चला और बीच-बीच में विभिन्न चढ़ावों की बोलियों में सदस्यों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। माघ सुदी बीज बुधवार को प्रात:काल हवन अनुष्ठान हुआ और उसके पश्चात माताजी की भव्य झांकी के साथ शोभायात्रा निकाली गई । परम्परागत तरीके से सजाये गये वाहन पर आईमाता का चित्र रख कर पूजा-अर्चना की गयी और उसके पश्चात शोभायात्रा श्री आईमाता मंदिर से आरंभ हुई। बैंड-बाजे की धुन पर नाचते-गाते युवाओं की टोली आगे चल रही थी और पीछे रंग-बिरंगे राजस्थानी परिधानों में सजे-धजे वृद्धों, महिलाओं और बच्चों का समूह आईमाताजी, आई पंथ व धर्मगुरु की जय का जयकारा लगाते हुए चल रहा था। गैर नृत्य मण्डली के कलाकारों द्वारा गैर नृत्य की मनोहारी प्रस्तुति का नजारा देखने लायक था। रास्ते में जगह-जगह पर स्थानीय लोग भी राजस्थानी छटा का नजारा देखते दिखाई दिये। शोभा यात्रा सदाशिव टेम्पल रोड, रामास्वामी पाल्या, ऑयल मिल रोड एवं आईमाता टेम्पल रोड होते हुए वापस मंदिर पहुंचकर धार्मिक समारोह में परिवर्तित हो गयी।
आईमाता की पूजा-अर्चना, स्तुति व मंगल आरती के साथ वार्षिक सम्मेलन की कार्यवाही आरंभ हुई। समारोह में अतिथि के रूप में उपस्थित बेंगलोर महानगरपालिका में नेता प्रतिपक्ष श्री पद्मनाभ रेड्डी, बेंगलोर पूर्वी क्षेत्र (अलसूर) के पुलिस उपायुक्त श्री एच. चन्द्रशेखर एवं सर्किल इंस्पेक्टर बानसवाड़ी श्री टी.रंगप्पा का संघ की ओर से पदाधिकारियों व कार्यकारिणी सदस्यों ने साफा व माला पहनाकर तथा स्मृति-चिङ्घ भेंटकर स्वागत किया। इस अवसर पर अपने उद्बोधन में विशिष्ट अतिथि श्री पद्मनाभ रेड्डी ने कहा कि सीरवी समाज के लोगों ने अपनी मेहनत व लगन से आर्थिक प्रगति कर अपनी अलग पहचान बनाई है। स्थानीय लोगों के साथ घुल-मिलकर रहते हैं। एक-दूसरे के सुख-दु:ख में हमेशा सहभागी बनते हैं। आपसी सद्भाव बनाए रखना इस समाज के लोगों का विशेष गुण है। उन्होंने कहा कि समाज के लोगों की मदद के लिए उनके दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं। विगत कई वर्षों से इस समाज के लोगों के साथ मेरा करीबी रिश्ता रहा है। पुलिस उपायुक्त श्री एच. चन्द्रशेखर ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारा देश अनेकता में एकता की अद्भुत मिसाल है। इसका वास्तविक रूप कर्नाटक में देखने को मिलता है। यहाँ पर बसे प्रवासी राजस्थानियों का स्थानीय लोगों के साथ आपसी सामंजस्य सराहनीय है। श्री टी. रंगप्पा ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस व समाज के लोगों के बीच होने वाली बैठकों में संघ के प्रतिनिधियों को भागीदारी निभाकर अपनी बात रखनी चाहिए।
संघ के अध्यक्ष श्री तुलसाराम राठौड़ ने अपने अध्यक्षीय भाषण में समारोह में पधारे अतिथियों तथा समाज के सभी लोगों का सीरवी सेवा संघ लिंगराजपुरम की ओर से स्वागत करते हुए कहा कि समाज के लोगों ने उन्हें जो नई जिम्मेदारी सौंपी है, उसे अपनी पूरी टीम के साथ मिलकर पूरा करने के लिए हरसंभव प्रयास करूँगा। सचिव श्री मांगीलाल पंवार ने सचिव रिपोर्ट तथा कोषाध्यक्ष श्री सुरेश कुमार चोयल ने आय-व्यय का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया, जिसे करतल ध्वनि के साथ स्वीकृति प्रदान की गयी। इस अवसर पर संघ की ओर से मेधावी विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया और ८० बच्चों को आईमाता के चित्र वाले चाँदी के सिक्के प्रदान किये गये। समाज के बुजुर्गों तथा उपनगरीय बडेरों से आए प्रतिनिधियों तथा विभिन्न चढ़ावों की बोलियाँ लेने वाले समाज के सदस्यों का भी संघ की ओर से माल्यार्पण द्वारा स्वागत किया गया। इस अवसर पर बलेपेट बडेर के उपाध्यक्ष श्री पुनाराम पंवार, कार्यकारिणी सदस्य श्री लक्ष्मणqसह गेहलोत, बोम्मनहल्ली बडेर के कोषाध्यक्ष श्री ताराराम चोयल, सह कोषाध्यक्ष श्री भुण्डाराम हाम्बड़, श्री मानाराम परिहार, श्री नेमाराम चोयल, पूर्व अध्यक्ष श्री नेमाराम परिहारिया, हेब्बाल बडेर के श्री बाबूलाल लचेटा, श्री सोहनलाल गेहलोत, लिंगराजपुरम बडेर के पूर्व अध्यक्ष श्री प्रभुराम काग, श्री पोकररामजी बर्फा, श्री चोलारामजी चोयल सहित समस्त कार्यकारिणी, सलाहकार, नवयुवक मंडल तथा समाज के अनेक गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सहसचिव श्री अमरचन्द सानपुरा ने किया। आईमाता की प्रसादी के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
(अमरचंद सानपुरा-सहसचिव )मो.९९८६९१८२५९
प्रेषक - वेदप्रकाश पाण्डये