सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : Posted By Mangal Senacha on 24 Jan 2012, 21:22:37

बिलाड़ा। आईमाता की माही बीज का मेला यहां कस्बे की बडेर में बुधवार को भरेगा तथा विभिन्न प्रदेशों से सैकड़ों की संख्या में जातरू यहां आने लगे है जो मंगलवार की रात्रि होने वाली भजन संख्या में शामिल होंगे तथा बुधवार को आईमाता की प्रतिमा, अखण्ड केशर ज्योत के दर्शन करेंगे तथा आईपंथ के दीवान से आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।
आईपंथ के बांडेरूओं में (जातरू) माही बीज का बड़ा महत्व माना जाता है। संवत 1557 की माघ सुद बीज के दिन शनिवार को आईमातार ने गोपन्ददास को अपने हाथ से तिलक की दीवान पद के लिए गादी पर बिढाया तथा फरमाया कि दीवान जो कहते है, कहेंगे उसे मेरे ही वचन माना जाए। उसी दिन से यहां स्थापित की गई ज्योत की लौ से काजल के स्थान पर केशर झरने लगा, जिसे अब केश ज्योत कहा जाता है।
बुधवार को भरने वाले मेले के लिए दुकानदारों ने अपनी दुकानें सजा ली है। आईजी ट्रस्ट ने भी जातरूओं द्वारा आसानी से दर्शन कर सके इसके लिए कतार पाईप लगा दिए है। तडक़े से ही आईमाता के श्रद्धालु यहां कतार लगा लेंगे। दीवान माधोसिंह प्रथम पूजा रनिया बेरे पर दीवान रोहिताश्व महाराज के धूणे पर पश्चात जीजी माता की पाळ पर तथा रोहिताश्व महाराज की जोड़ में पूजा अर्चना कर बडेर के गर्भगृह में साढ़े पांच सौ वर्ष से जल रही केशर ज्योत कह बाती भग्गा बाबा जत्ती एवं बाबा मंडली की मौजूदगी में बदलेंगे तथा मंदिर के प ट श्रद्धालुओं के लिए खोल देंगे। मंदिर में कड़ी सूरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस ने अतिरिक्त जवानों को तैनात किया है।
- प्रेषक - ओमसिंहजी राजपुरोहित