सीरवी समाज - मुख्य समाचार
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 23 Jan 2012, 21:58:02
फूलों की नगरी बेंगलोर में चेत-बंदे न्यास परिवार के अध्यक्ष श्री थानाराम गेहलोत के नूतन निवास "लक्ष्मी विला" के मंगल गृह प्रवेश के शुभअवसर पर दीवान श्री माधवसिंहजी का बधावा
बेंगलूरू। आईमाताजी ने लगभग पाँच सौ वर्ष पूर्व आईपंथ की स्थापना कर अपने अनुयायियों को यह उपदेश दिया था कि इहलोक सुधारोगे तो परलोक अपने आप सुधर जायेगा। मानव जीवन के कल्याण हेतु बेल के ग्यारह नियमों का अनमोल मंत्र दिया, जिसका नियमित रूप से पालन कर कोई भी सुखी जीवन जी सकता है। प्रत्येक आईभक्त के घर में प्रतिदिन नियमित रूप से सुबह-शाम घी का दीपक जलाकर माताजी की आरती जरूर होनी चाहिए। इससे घर का वातावरण शुद्ध रहता है और बच्चों में धर्म के प्रति आस्था जगती है। आईमाताजी की आरती में उनके जीवन का पूरा सार निहित है। माताजी के बताये रास्ते पर चलने से जीवन का कल्याण होगा। आज माताजी के आशार्वाद से ही सीरवी समाज दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रहा है। यह विचार आईपंथ के धर्मगुरु दीवान श्री माधवqसहजी ने गुरुवार को थानाराम गेहलोत परिवार की ओर से गृहप्रवेश के उपलक्ष्य में आयोजित धर्मसभा में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि लड़के व लड़की में कोई भेदभाव न करें। दोनों को अच्छी शिक्षा प्रदान कर जीवन में आगे ब‹ढने के लिए प्रेरित व प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि झूठ बोलने, खोटी नियत रखने, अपने माता-पिता तथा घर की लक्ष्मी का अनादर करने से जीवन में कलह और अशान्ति होती है, इसीलिए माताजी ने बेल के नियमों में इन दुर्गुणों से हमेशा दूर रहने की बात कही है।
इस अवसर पर अतिथि के रूप में उपस्थित पाली के सांसद श्री बद्रीराम जाखड़ ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि संतों व धर्मगुरु के पावन सानिध्य में इस तरह के धार्मिक आयोजनों से लोगों को जीवन की सही दिशा मिलती है और धर्म व अध्यात्म की राह पर चलकर अपने जीवन का कल्याण सुनिश्चित करने का मार्ग प्रशस्त होता है। गोवा से आए महात्मा श्री तुरियानन्द ने अपने उद्बोधन में मानव जीवन में संतों के सानिध्य व सत्संग श्रवण के महत्व पर प्रकाश डाला। पुष्कर से आए महात्मा श्री अमृतरामजी ने अपने प्रवचन में मानव जीवन में धर्म के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जो लोग जीवन में धर्म व अध्यात्म के मार्ग का अनुसरण करते हैं, उनका जीवन सुखमय व्यतीत होता है। उद्योगपति श्री हरि एल. खोडे ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इससे पूर्व प्रात:काल गेहलोत परिवार की ओर से पारंपरिक रीति-रिवाज के अनुसार धर्मगुरु दीवान श्री माधवqसहजी व जती भगाबाबा का बधावा किया गया। धर्मसभा में गेहलोत परिवार की ओर से श्री थानाराम गेहलोत ने धर्मगुरु दीवान श्री माधवqसहजी, पाली के सांसद श्री बद्रीराम जाखड़ सहित सभी अतिथियों व सामाजिक संस्थाओं/संगठनों के पदाधिकारियों का साफा पहनाकर तथा माल्यार्पण व शाल्यार्पण द्वारा स्वागत किया गया। इस अवसर पर जती भगाबाबा, श्री भंवर महाराज (नारलाई), महात्मा मुसाफिरानंद (विजयवाड़ा), महात्मा अचिदानंद (कोचीन), महात्मा अश्विनीबाई व महात्मा नीतिबाई (कोयम्बटूर),मानव उत्थान सेवा समिति (बेंगलोर आश्रम प्रभारी) महात्मा श्री सौम्यानंद, प्रोजेक्ट दृष्टि के चेयरमैन डॉ. नरपत सोलंकी, बलेपेट बडेर के अध्यक्ष श्री पेमाराम गेहलोत, बोम्मनहल्ली बडेर के अध्यक्ष श्री फाऊलाल परिहारिया,सचिव श्री लक्ष्मणराम आगलेचा, हेब्बाल बडेर के अध्यक्ष श्री पुनाराम बर्फा, लिंगराजपुरम बडेर के अध्यक्ष श्री तुलसाराम राठौड़ व सचिव श्री मांगीलाल पंवार, सीरवी समाज सियाट कर्नाटक के अध्यक्ष श्री देवाराम गेहलोत, सचिव श्री हिम्मताराम आगलेचा, सीरवी समाज टुमकूर के श्री कुशालराम सेपटा, जागृति दौर के श्री मंगल सैंणचा, चेत-बंदे न्यास परिवार के श्री वीरमराम सोलंकी, चेत-बंदे के संपादक श्री पी.लक्ष्मण पंवार सहित समाज के अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन श्री प्रेमकिशोर बर्फा ने किया।
प्रेषक- वेद प्रकाश पाण्डये