सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : Posted By Mangal Senacha on 15 Jan 2012, 23:59:00

छत्तीस कोम के लोगों ने मृतकों को दी श्रद्धांजली
आरोपियों को 24 घंटे में गिरफ्तार नहीं कर पाने को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग को रोका
पुलिस और गुस्साई भीड़ में जमकर हुआ पथराव
पुलिस ने महिलाओं की चोटियां पकड़ कर जीपों में ठुंसा
अनगिनित आसूगेस के गोले छोड़ गए, रबड़ की गोलियां भी चलाईगई
कस्बा आज भी रहा बंद
महिलाओं से अभद्रता करते जवानों को रोका तो पुलिस पिल पड़ी पत्रकारों पर
बिलाड़ा,दादा-दादी एवं पोती की नृसंस हत्या करने वाले हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर तथा मृतकों को श्रद्धांजली देने के लिए छत्तीस कोम के लोगों ने शोक सभा का आयोजन किया तथा पुलिस प्रशासन की कड़े शब्दों में निन्दा की वहीं पुलिस द्वारा शनिवार को 24 घंटे में आरोपियों को गिरफ्तार करने का किया वायदा पूरा नहीं होते देख कस्बे एवं आस-पास के गांवों से आए सैकड़ों नर-नारी बस स्टेण्ड पर पहुंच गए तथा राष्ट्रीय राजमार्ग के आवागमन को रोक दिया जिस पर पुलिस ने लोगों पर खुब लाठियां चलाई तथा आसूगेस के गोले छोड़े गए तथा रबड़ की गोलियों के फायर किए गए।
पूरे दिन बस स्टेण्ड पर अफरा-तफरी का माहौल रहा तथा पुलिस के जवानों ने बेकसूर लोगों को बूरी तरह से पीटा, महिलाओं की चौटियां पकड़-पकड़ कर जीपों में ठूसा तथा थाने ले गए। राह चलते लोगों को भी जबरन जीपों में डालकर थाने ले गए जिसकी संख्या पचास से अधिक है।
शोक सभा में की भतर््सना
कस्बे के नया बेरा पर शनिवार को हुए तिहरे हत्याकांड को लेकर यहां मोर्चरी के पास कस्बे एवं आस-पास के गांवों सैकड़ों नर-नारियों ने पुलिस प्रशासन की नाकामी की कड़े शब्दों में भतर््सना की तथा पूर्वसांसद पुष्पजैन, मारवाड़ जंक्सन के विधायक केसाराम सीरवी, बिलाड़ा विधायक अर्जुनलाल गर्ग, भूमि विकास बैंक के दुर्गाराम सीरवी, मंडल सदस्य शेषाराम चौधरी, हाजी एवं कांग्रेस नेता फकीर मोहम्मद के अलावा सभी कोमों के प्रतिनिधियों ने अपने संबोधन में बिलाड़ा पुलिस थाने के स्टाफ को बदलने तथा बिगड़ती जा रही कानूनी व्यवस्था को लेकर रोष व्यक्त किया तथा संकल्प लिया की मृतक न केवल मंगलाराम के परिवार के बल्कि ग्रामीणों के अपने परिवार के सदस्य है।
यू बिगड़ा माहौल।
जब मोर्चरी के पास शोक सभा चल रही थी, उसी समय नवयुवकों ने प्रतिनिधियों को एवं पुलिस अधिकारियों को याद दिलाया कि पुलिस महानिरीक्षक उमेश मिश्रा ने शनिवार को 24 घंटे में आरोपियों को गिरफ्तार करने का वचन दिया था और समय अब पूरा हो चुका है और इसी दौरान कुछ महिलाऐं एवं नवयुवक नारेबाजी करते हुए बस स्टेण्ड की ओर रवाना हुए तो काफी संख्या में भीड़ उनके साथ जुटती गई और राष्ट्रीय राजमार्ग 112 पर जाकर नारेबाजी करने लगे, कुछमहिलाओं ने पुलिस को इंगित करते हुए हाय-हाय एवं पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाऐ जिसे एक पुलिस कर्मी बर्दाश्त नहीं कर सका और उसने उस महिला की चोटी पकड़ कर दूर धकेल दिया जिस पर पास खड़ी महिलाएं गुस्सा गई और नारेबाजी तेज कर दी, जिनके स्वर में वहां खड़े लोगों ने भी नारेबाजी में साथ दिया तथा बस स्टेण्ड पर खड़ी पुलिस के केबीन को पलटने लगे तभी एकाएक पुलिस जवानों ने लाठियां भांजनी शुरू कर दी और लोगों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटना शुरू कर दिया इस पर नवयुवकों एवं महिलाओं ने भी जवाबी हमला बोल दिया और पुलिस के आमने-सामने भीड़ गए। लोगों ने तथा पुलिस ने काफी देर तक आमने-सामने पत्थर बाजी की जिसमें कई महिलाओं एवं युवकों के चौटे आई वहीं काफी संख्या में पुलिस जवानों के भी चौटे आई। पुलिस उप अधिक्षक राजेश बेनिवाल के भी काफी पत्थर लगे तो वे अपने जवानों को साथ लेकर भाग छुटे।
पुलिस ने बनाई रणनीति।
उन्मादी भीड़ के आगे भाग खड़े हुए पुलिस कर्मी मार्केटिंग कॉ-ओपरेटिव के पेट्रोल पम्प के पास पहुंचे तथा थाने में इत्तिला देकर जोधपुर एवं पाली से आया अतिरिक्त जाब्ते को बुलवाया, इस बीच पुलिस महानिरीक्षक उमेश मिश्रा, पाली से आए पुलिस अधिक्षक अजयपाल लांबा, जोधपुर देहात पुलिस अधिक्षक नवज्योती गोगोई ने पुलिस पार्टी नेतृत्व संभाला तथा पुलिस के माईक से बस स्टेण्ड पर एकत्र हुई भीड़ को वहां से हट जाने के लिए मुनादी की तथा पन्द्रह मिनट का समय दिया, लेकिन दूसरी ओर उन्मादी भीड़ ने भी मोर्चा संभाल रखा था तथा वे अडिग खड़े रहे, इस पर पुलिस महानिरीक्षक ने पुलिस जवानों ने भीड़ को तितर-बितर करने के निर्देश दिए और दर्जनों जवान हाथ में लाठियां लिए राईफले संभाले तथा आसूगेस के गोले छोडऩे वाली बंदूके लेकर दौड़े और लोगों पर पिल पड़े। अनगिनित आसूगेस के गोले छोडे गए रबड़ की गोलियां चलाईगई तथा दूसरे गांवों की बसों का इंतजार कर रही महिलाओं एवं यात्रियों को बुरी तरह से मारा। भीड़ के साथ आईवृद्धा औरते स्टेट बैंक के पास की गली में दुबकी खड़ी थी वहां से आरएसी के जवानों ने लाठियां से पीटते हुए बाहर लाये तथा पुलिस जीपों में ठुसने लगे। तथा सभी को पुलिस थाने भेज दिया। इस प्रकार करीब पचास स्त्री-पुरूषों को थाने भेजा गया।
निभाया धर्म।
बैंक की गली में खड़ी महिलाओं को जब पुलिस जवान जबरन पकड़ कर सडक़ पर लाए तथा पुलिस जीप में ठुसने लगे, उस समय उक्त घटना की फोटो खींच रहे इस संवाददाता ने ऐतराज किया तथा पुलिस उप अधिक्षक राजेश बेनिवाल, उपखण्ड मजिस्ट्रेट छगनलाल गोयल से कहा कि बेकसूर एवं गर्भवती महिलाओं के साथ जबरदस्ती की जा रही है तथा गलत गिरफ्तारी की जा रही है, इस पर पाली पुलिस अधिक्षक अजयपाल लांबा कुछ जवानों को साथ लेकर आए तथा इस संवाददाता पर बैंते बरसाने लगे तथा पुलिस गाड़ी में ठुस दिया। अन्य जवानों ने उन्हे बताया कि ये संवाददाता है तथा कवरेज कर रहे है, बावजूद लांबा ने अनगिनित गालियां देते हुए कहा किसी पत्रकार को कवरेज मत करने दो तथा इनकी जमकर पिटाईकरो।
समझौते के लिए आए दूत बनकर।
कस्बे में गर्माए माहौल की सूचना जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को हुईतो उन्होने विधायक अर्जुनलाल गर्ग से बात की तथा उक्त प्रकरण पर शोक व्यक्त किया तथा उन्हे लोगों को समझाईश करने एवं शवों का अंतिम संस्कार करवाने का आग्रह किया। जिस पर गर्गने उन्हे जवाब दिया कि पुलिस ने हत्यारो को गिरफ्तार करने के लिए 24 घंटे का समय दिया और वह समय निकल गया। इस पर लोगों में पुलिस के प्रति रोष है तथा छत्तीस कोम के लोगों के निर्णय से बाहर वे भी नहीं जा सकते तथा गर्गने पीडि़त परिवार के मृतकों 10-10 लाख रूपये की आर्थिक सहायता दिलाने की मांग के साथ आरोपियों को अविलम्ब गिरफ्तार करवाने का कहा।
गहलोत एवं मुख्य मंत्री की वार्ता से बात नहीं बनते देख पूर्व पुलिस महानिरीक्षक एवं मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष रह चुके पुखराज सीरवी यहां आए तथा प्रतिनिधियों एवं कस्बे के बड़े-बुजुर्गो एवं मौजिज लोगों के साथ बैठक की तथा शवों का अंतिम संस्कार कर दिए जाने पर चर्चा की जिस पर एक बार फिर लोग गुस्सा गए तथा पुलिस द्वारा आसूगेस के गोले छोडऩे, बेकशूर लोगों को जबरन गिरफ्तार करने तथा घटना की कवरेज कर रहे पत्रकारों से की अभद्रता को लेकर रोष जताया, इस पर जिला कलक्टर सिद्वार्थ महाजन, पुलिस महानिरीक्षक उमेश मिश्रा एवं पुलिस अधिक्षक नवज्योति गोगोई के साथ प्रतिनिधियों ने वार्ता की तथा सभी बेकसूर लोगों को रिहा करने का प्रस्ताव रखा जिस पर प्रशासन ने महिलाओं को छोड़ देने की बात मानी लेकिन पुरूषों को नहीं छोडऩे पर बात अटक गई जिन्हे छोडऩे के लिए न तो पुलिस प्रशासन तैयार था और न ही जिला कलक्टर। इस पर किसी प्रकार का समझौता नहीं हो सका और शवों का अंतिम संस्कार करने की बात टल गई।
बिलाड़ा रहा बंद
रविवार प्रात: नवयुवक मंडल ने माईक घुमाकर कस्बेवासियों से आग्रह किया की वे इस दर्दनाक हादसे के पश्चात मृतकों को श्रद्धांजली देने के लिए चिकित्सालय की मोर्चरी के पास पहुंचे, इस आह्वान के साथ ही आज डेयरी पर दुध संकलन नहीं हुआ और न ही डेयरी के बुथ खुले इसी प्रकार सब्जी मंडी, किराणा मार्केट, कृषि उपज मंडी व्यापार संघ, कपड़ा एशोशिएसन, मिस्त्री मार्केट, मशनरी मार्केट तथा सभी पेट्रोल पंप भी बंद रहे।
प्रेषक - ओमसिंहजी राजपुरोहित