सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : Posted By Mangal Senacha on 08 Jan 2011, 20:14:46

सफलता की पहली सीढ़ी है असफलता
कभी एक जगह शांति से बैठकर विचार करें- क्या इस दुनिया में कोई ऐसा इंसान है, जिसने कभी हार का सामना न किया हो, जिसने कभी दु:ख न देखा हो, जिसकी राहों में कभी कांटे न आए हों। विचार करने पर आप पाएंगे कि ऐसा एक भी इंसान नहीं है।
साथ ही एक और चीज भी पाएंगे कि कुछ लोग तकलीफों में बिल्कुल हार जाते हैं, लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं जो बार-बार असफल होने पर भी हिम्मत नहीं हारते और एक दिन अपनी मंजिल पा ही लेते हैं।
छोटे बच्चों को गेंद खेलते देखा है कभी। गेंद को जब वह जोर से जमीन पर मारते हैं, वह फिर ऊपर उछल जाती है। जितना जोर से उसे जमीन पर मारते हैं, वह उतने ही जोर से और ऊपर उछलती है। यह जिंदगी की बहुत बड़ी सीख है। भले ही आप धड़ाम से गिरें, पर उतनी ही तेजी से उठने की भी कोशिश करें। गिर कर भी उठना सीखें, हार कर जीतना सीखें।
हारने का मतलब यह नहीं होता कि आप उस काम को कर ही नहीं सकते। इसका तात्पर्य यह होता है कि उस काम को, जिसे आपने किया, उसे और सुधारा जा सकता है, कोई और तरीके से भी किया जा सकता है। हर हार से कुछ सीखें। अपनी कमियों को लिखें और फिर उनको दूर करने की कोशिश करें। गलतियों को दोहराने से बचें।
कई बार हम खुद में ओवर कांफिडेंट हो जाते हैं और समझने लगते हैं कि हमें सब कुछ आता है। इस कारण हमारा ध्यान उस काम से कम हो जाता है। परिणाम यह होता है कि हमें असफलता का सामना करना पड़ता है। यदि आपने 100 प्रतिशत दिया, तो हो सकता है कि दूसरे ने 101 प्रतिशत दिया हो और इसी कारण वह सफल रहा। सफलता और आपके बीच में इसी एक प्रतिशत का फर्क है। इस फर्क को पाटें। ध्यान रखें:
- आप खुद पर विश्वास बनाए रखें। इससे आप डगमगाएंगे नहीं।
- असफलता के बाद लोग चाहे कुछ भी कहें, ध्यान मत दें। नए हौसले के साथ अभियान में जुट जाएं।
- ऐसे लोगों के साथ रहें, जिन्होंने मेहनत और हिम्मत से जीवन में कुछ पाया है। इससे आपको भी बाधाओं से लड़ने की प्रेरणा मिलेगी।
- हर वक्त कुछ न कुछ नया सीखते रहें। यही आदत आपकी सफलता की लड़ी बन जाएगी।