सीरवी समाज - मुख्य समाचार
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 03 Jan 2012, 10:00:59
जोधपुर। घर का चूल्हा संभाल परिवार के खानपान का ख्याल रखने वाली बींदणियां जल्द ही दूसरों के घरों में भोजन का प्रबन्ध करती दिखाई देंगी। राज्य सरकार अब राशन की दुकानों का संचालन महिला स्वयं सहायता समूह एवं सहकारी समितियों के माध्यम से करवाएगी।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत खाद्य सामग्री वितरण में महिलाओं की भागीदारी तय करने के लिहाज से ऎसा किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग में पंजीकृत महिला स्वयं सहायता समूह के अलावा सहकारी अधिनियम के तहत पंजीकृत सहकारी समितियों को भी राशन दुकानों का आवंटन होगा।
अभी ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम सहकारी समितियां तथा शहरी क्षेत्रों में उपभोक्ता सहकारी भण्डार इन दुकानों का संचालन कर रहे हैं। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में यह प्रयोग उपभोक्ताओं के लिए हितकर साबित होने पर सरकार अब महिला स्वयं सहायता समूह व सहकारी समितियों को इस कार्य से जोड़ रही है।
अभी प्रक्रिया स्थगित
राज्य सरकार ने वर्ष 2011 में राज्य में रिक्त एवं नवसृजित राशन की दुकानों के लिए आवेदन आमंत्रित कर आवंटन के लिए साक्षात्कार आदि प्रक्रिया पूरी की थी। फिलहाल यह स्थगित कर दी गई है।
सफलता से उठा चुकी है जिम्मेदारी
ट्रैक्टर चलाने या शराब ठेकों के संचालन से लेकर महानरेगा की सफलता सहित केन्द्र व राज्य सरकार के कामकाज में महिलाओं की भागीदारी अहम रही है। सरकार ने इसी भागीदारी के मद्येनजर महिलाओं को राशन बांटने की जिम्मेदारी सौंपी है।
आदेश जारी किए
महिलाओं के लिए प्राथमिकता तय करने के लिहाज से उचित मूल्य दुकान आवंटन की पूर्व प्रक्रिया स्थगित करने को 23 दिसम्बर को आदेश जारी किए जा चुके हैं।
जे.सी. मोहंती प्रमुख शासन सचिव,खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग-प्रेम पाठक
साभार- पत्रिका