सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : Posted By Mangal Senacha on 22 Dec 2011, 22:29:42

भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान लगातार दूसरे साल पत्रकारों के लिए जानलेवा देश बना हुआ है. एक प्रेस एडवोकेसी ग्रुप का कहना है दुनिया भर में इस साल राजनीतिक उपद्रवों पर रिपोर्ट करना आम तौर पर पत्रकारों के लिए काफी खतरनाक रहा. उपद्रवों के कवरेज के दौरान ही पत्रकारों पर सबसे ज्‍यादा हमले हुए.
कमिटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स ने साल के अंत में अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2011 में विश्व भर में 43 पत्रकार मारे गए. इनमें से सात पत्रकारों की मौत पाकिस्तान में हुई, जहां पिछले पांच सालों में 29 पत्रकार मारे जा चुके हैं. न्यूयॉर्क बेस्‍ड संस्था ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सड़कों पर होने वाले प्रदर्शनों जैसी खतरनाक घटनाओं पर रिपोर्ट करने के दौरान हुई मौतों की संख्या 1992 के बाद से सबसे ज्यादा रही. रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षेत्रों के हिसाब से सबसे अधिक पत्रकारों की मौतें मध्यपूर्व में हुई जहां इस साल डेढ़ दर्जन पत्रकार मारे गए. उनमें से अधिकांश की मौत अरब वसंत जनविद्रोह की रिपोर्टिंग करने के दौरान हुई
-----------