सीरवी समाज - मुख्य समाचार
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 20 Dec 2011, 18:26:38
करोड़ों की लागत से बने अस्पताल व विद्यालय पड़े हैं नाकारा
धनला,उपखंड मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूरी पर स्थित लगभग 200 वर्ष पूर्व धन्ना मीणा के नाम से बसा धनला नाम का गांव आज पूरे जिले में अपनी पहचान बना चुका है। इस गांव में सच्चियाय माता का ख्यातनाम मंदिर है। यहां दर्शनों के लिए पूरे जिले सहित अन्य राज्यों से लोग भी आते हैं। इसके अलावा यहां की प्राचीन धरोहर के रुप में छतरियां भी बहुत ख्यात हैं। इस गांव में खारड़ीया सिरवी जाति का बाहुल्य है और अधिकतर समय इस ग्राम पंचायत में सरपंच पद पर इसी जाति का कब्जा रहा है। वर्तमान में खारची विधानसभा के विधायक केसाराम चौधरी भी इसी गांव के रहने वाले हैं। इतना होने के बाद भी यह गांव अस्पताल में डॉक्टर व विद्यालयों में अध्यापकों एवं रोडवेज बसों जैसी मूलभूत सुविधाओं का मोहताज है। इस गांव के ग्रामीण अतिक्रमणकारियों से भी काफी परेशान हैं।
नाकारा विद्यालय व अस्पताल : सन् 1996 में इस गांव के भामाशाह मेहता सांवतराज, हनवंतराज ने 1.$50 करोड़ रुपए लगा कर यहां एक विद्यालय बनवाया था। जिले का सबसे सुंदर विद्यालय होने बाद भी आज अध्यापकों की कमी के चलते यह नाकारा पड़ा है। सन् 1961 में भामाशाह प्रेम चन्द लुम्बाजी खांटेड़ द्वारा लगभग 70 लाख रुपए लगा कर यहां अस्पताल भवन बनवाया था। यहां पर दो चिकित्सकों की नियुक्ति की गई थी। इस समय यहां एक भी चिकित्सक नहीं है। विगत काफी समय से यह अस्पताल कंपाउंडरों के भरोसे चल रहा है।
क्या कहते हैं - उपसरपंच ग्राम पंचायत के अन्तर्गत विकास करवाना मेरा मुख्य लक्ष्य है। अस्पताल में चिकित्सक एवं सभी विद्यालयों में अध्यापक के रिक्त पदों को भरने का प्रयास चालू है। -चुन्नीलाल लचेटा, उपसरपंच
अब तक यह रहे सरपंच
जसवंत सिंह, जेपाराम, पेमाराम, जेपाराम, प्यारीदेवी सरपंच रहे। वर्तमान में पिस्ता बाई जैन सरपंच हैं।
यह हैं वार्डपंच-
देवेन्द्र सिंह, जेपाराम, मिश्रीलाल, भंवरलाल, कांता मेवाड़ा, छोगा लाल, वेनाराम, पारस कंवर, लालीदेवी, कमला, जसवंत कंवर।
साभार - दैनिक भास्कर