सीरवी समाज - मुख्य समाचार
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 18 Dec 2011, 12:22:49
सोजत। मरूधर मारवाड़ क्षेत्रवासियों की आकांक्षाओं के साथ युवाओं के सपनों को भी पूरा करेगा। वर्तमान समय में पश्चिम राजस्थान की दुर्दशा ने यहां के निवासियों के जीवन स्तर को बुरी तरह से प्रभावित किया है। दूर-दूर तक रेत के टीलों एवं चिलचिलाती धूप में नंगे बदन अपनी रोजी रोटी के जुगाड़ के लिए मेहनत करते काश्तकार, गरीब, मजदूर एवं इस क्षेत्र के होनहार युवाओं का भविष्य रेत की तपीस में धूमिल होता देख खून के आंसू बहा रहा है।
आशाएं अभी भी अधूरी
कई वर्ष लगे वर्तमान राजस्थान के निर्माण को परन्तु आशाएं अभी भी अधूरी ही है। वर्तमान राजस्थान का निर्माण 7 चरणों में पूर्ण हुआ। प्रथम चरण में मत्स्य संघ का निर्माण मार्च 1948 मेहुआ द्वितीय चरण में संयुक्त राजस्थान मार्च 1948 एवं तृतीय चरण में मेवाड़ विलय अप्रैल 1948 में तथा चतुर्थ चरण में वृहद राजस्थान के तहत जोधपुर, जयपुर, बीकानेर व जैसलमेर को मिलाकर वृहद राजस्थान का उद्घाटन गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने मार्च 1949 में किया गया। इसी प्रकार पांचवें चरण में मत्स्य संघ का विलय मई 1949 में हुआ। छठे चरण के तहत 1950 में माउंट आबू व सिरोही वाला भाग मुम्बई में मिला दिया था, लेकिन जनआंदोलन के बाद 1 नवंबर 1956 को राज्य पुर्नगठन आयोग की सिफारिश के बाद यह क्षेत्र राजस्थान में मिलाया। सातवें चरण में अजमेर मेवाड़ा का विलय हुआ। इस प्रकार यह विलय एवं राजस्थान का निर्माण सात चरणों में जाकर 1956 में पूर्ण हुआ। लेकिन इसके बावजूद पश्चिम राजसथान की जो आकांक्षाएं थी वो पूरी नहीं हुई।
इनका कहना है
मारवाड़ क्षेत्र का युवा वर्ग वर्तमान में जीवन की मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है। राजस्थान के पूर्वी क्षेत्र का जिस तेजी से विकास हुआ है उतना ही पश्चिमी क्षेत्र पिछड़ा रहा है। मरू भूमि में उद्योगों को जैसा वातावरण मिलना चाहिए वैसा वातावरण नहीं मिल पाया है। रोटी, कपड़ा और मकान जैसी मूलभूत समस्याआें सहित रोजगार की तलाश में मारवाड़ का युवा वर्ग दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। मरूधर मारवाड़ अलग राज्य बनता है, तो इससे इस भाग का कायाकल्प होगा। वर्तमान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी मरू प्रदेश से ही मुख्यमंत्री है तथा राज्य एवं केन्द्र में कांग्रेस की सरकार है। कांग्रेस की शुरू से नीति जनकल्याण की रही है। अत: छोटे राज्य के निर्माण से ही इस भाग का चहुंमुखी विकास हो पाएगा। अब समय आ गया है कि अलग से मरूधर मारवाड़ राज्य का निर्माण हो।
सीडी देवल, जिला कांग्रेस अध्यक्ष, पाली।
पश्चिम राजस्थान पिछड़ा हुआ भाग है। रोजगार के अवसरों की कमी, पेयजल की किल्लत व उद्योग धंधों को प्रोत्साहन का अभाव सहित अन्य कठिनाईयों को समझते हुए मारवाड़ संभाग को विशेष पैकेज देने की आवश्यकता है।
पुष्पेन्द्रसिंह राणावत, विधायक, बाली।
पश्चिमी क्षेत्र का समुचित विकास नहीं होने के कारण पशुपालकों एवं नौजवानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पशुपालक पानी की कमी के चलते एवं काश्तकारों के युवा पढे लिखे नौजवान रोजगार के अभाव में बाहरी प्रदेशों में भटकने के लिए मजबूर हो रहे है। भाजपा शुरू से छोटे-छोटे राज्यों के निर्माण की सर्मथक रही है। मरूधर मारवाड़ राज्य का निर्माण होता है तो वह भी इस क्षेत्र के लिए मिल का स्तम्भ होगा।
ओटाराम देवासी, विधायक, सिरोही।
पश्चिमी राजस्थान की समृद्ध संस्कृति है। पर्यटन का अकुत भंडार है। पर्याप्त विकास के अभाव में यहां के लोग पिछड़े हुए है तथा अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे है। यहां पाली में कपड़ा उद्योग, सोजत में मेहन्दी उद्योग तथा फालना का छाता उद्योग सब्सिडी एवं संरक्षण के अभाव में पिछड़ा हुआ है। रणकपुर सहित कई दर्शनीय पर्यटन स्थलों को और विकसित करने की आवश्यकता है। पाली जिला शूरवीर महाराणा प्रताप सहित कई शूरवीरों की जन्म एवं कर्मभूमि रही है। जोधपुर संभाग भी पर्याप्त विकास के अभाव में पिछड़ा हुआ है। अत: इस क्षेत्र को विशेष पैकेज देने के साथ अलग राज्य बनाना चाहिए।
ताराचंद गहलोत, पार्षद, सोजत।
साभार - दैनिक नवज्योति