सीरवी समाज - मुख्य समाचार
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 11 Nov 2011, 13:37:12
पाली में पर्यटकों का बूम
सादड़ी (पाली) पाली में देसी विदेशी पर्यटकों की संख्या ने पिछले छह साल के रिकार्ड को तोड़ दिया है। इस साल पर्यटकों की बूम को देखते हुए पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों में भी अच्छा उत्साह है। अधिकांश जगह होटलों में ठहरने को जगह नहीं मिल पा रही है। रणकपुर के अलावा जिले में ग्रामीण पर्यटन से जुड़े अन्य क्षेत्रों में भी पर्यटकों की रुचि बढ़ रही है।
जिले में खास तौर पर विश्व प्रसिद्ध रणकपुर मंदिर व सूर्य मंदिर सहित कई ऐतिहासिक स्थलों पर देसी व विदेशी सैलानियों की आवक बढ़ी है। दिन-ब-दिन पर्यटकों यह संख्या बढऩे से हेरिटेज होटलों के मालिकों के लिए यह सीजन मानो चांदी बरसाने वाली साबित हो रही है। साथ ही कई धार्मिक स्थानों पर पर्यटकों ठहरने की अच्छी व्यवस्था होने से भी होटल व्यवसायियों की कमाई का ग्राफ एकदम बढ़ गया है। रणकपुर, कुंभलगढ़ तथा अन्य गांवों में स्थित होटलों में तो यह हालत है कि ऊंचे दाम देने के बाद भी पर्यटकों को रूम नहीं मिल रहे हैं। रणकपुर इलाके की होटलों में पिछले सप्ताह भर से नो रूम की स्थिति है। पिछले साल रणकपुर को निहारने के लिए छह लाख से अधिक देसी-विदेशी पर्यटक पहुंचे थे, वहीं इस साल अक्टूबर माह तक ही यहां साढ़े छह लाख से अधिक पर्यटक पहुंच चुके हैं।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार अपने गौरवशाली इतिहास व स्थापत्य कला के लिए पूरे देश में अनूठी पहचान रखने वाला पाली भी विदेशी सैलानियों की पंसद बनने में लगातार कामयाब रहा है। विदेशी सैलानियों का ग्राफ निरंतर ऊंचाइयां छू रहा है। इसके अलावा देश के दूर-दराज स्थानों से राजस्थान को निहारने के लिए पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए जिले के ऐतिहासिक स्थल तथा कई मान्यताओं के लिए प्रख्यात धार्मिक स्थल भी उनकी पसंद में शामिल हो गए हैं।
विश्व में अपनी स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना कहलाने वाला रणकपुर मंदिर राजस्थान आने वाले देसी तथा विदेशी पर्यटकों की पहली पसंद बना हुआ है। यहां पर हर समय देसी-विदेशी पर्यटकों की आवाजाही चलती ही रहती है। लेक सिटी उदयपुर मार्ग पर आबाद इस दर्शनीय स्थल के आसपास पर्यटकों की आवाजाही रहने के कारण दर्जनों होटल तथा रेस्टोरेंट संचालकों की कमाई बढ़ी है।
सरकारी सुरक्षा की दरकार
राज्य सरकार ने रणकपुर तक आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए पुलिस चौकी की स्थापना की थी। यहां पर पूर्व में एसआई स्तर के अधिकारी को सुरक्षा का जिम्मा सौंपा था, मगर वर्तमान में यह पद काफी समय से खाली पड़ा हुआ है। रणकपुर मंदिर आतंकी हिटलिस्ट में होने के बाद भी सुरक्षा के प्रति पुलिस एवं प्रशासनिक अफसर इसकी अनदेखी कर रहे हैं।
जंतुआलय से बढ़ सकती है पर्यटकों की संख्या
रणकपुर मंदिर के समीप राज्य सरकार ने एनीमल ट्रांस-लोकेशन सेंटर बनाकर वहां पर शाकाहारी जानवरों को छोड़ा था। इसके पीछे सरकार का देसी-विदेशी पर्यटकों को जंगली जानवरों से रू-ब-रू कराने का उद्देश्य था। आठ साल तक सरकार को इससे अच्छा-खासा राजस्व भी प्राप्त हुआ, मगर वर्तमान में वह देखरेख के अभाव में उजाड़ पड़ा है। जंगली जानवर भी यहां से गायब हैं। पर्यटकों का मानना है कि अगर इस केंद्र को विकसित कर यहां पेंथर, भालू समेत अन्य जानवरों को रखकर इसे जंतुआलय का रूप दें तो पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होने के साथ ही सरकार को भी राजस्व का फायदा होगा।
यहां भी पहुंचना जारी है पर्यटकों का
राता महावीर मंदिर, रोहटगढ़, मुछाला महावीर मंदिर, हस्ती कुंडी, निम्बोकानाथ, घाणेराव, नारलाई, सालेश्वर महादेव, सिरियारी, सोजत, फुलाद, कुंभलगढ़ अभयारण्य, पावनधाम जैतारण, परशुराम महादेव मंदिर, बांगड़ म्यूजियम, नवलखा जैन मंदिर, सुमेल, निमाज, सोमनाथ मंदिर, कुड़की (मीरा जन्मस्थली), सोनाणा खेतलाजी मंदिर, बिराटियां खुर्द रामदेव मंदिर तथा जवाई बांध।
साभार -दैनिक भास्कर