सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : Posted By Mangal Senacha on 07 Nov 2011, 11:16:43

भैंसदेही/ बैतूल। मध्यप्रदेश के बैतूल के चोपनी गांव में तीन दिनों में चार किसानों ने खेतों में बोर कराए, जिसमें से तीन बोर में 100 से 150 फीट पर पर्याप्त पानी मिला, लेकिन गरीब किसान दादू आठवेकर के बोर में 300 फीट तक पानी नहीं आया। वह निराश हो चुका था, क्योंकि उसका एक साल पहले कपिलधारा योजना में खोदा गया कुआ भी सूख चुका था। उसने आखिरी कोशिश में बोर को और गहरा कराने के लिए 380 फीट तक खुदाई कराई तो ऎसी धारा फूटी कि रूकने का ही नाम नहीं ले रही है। इसमें सात इंची पाइप से लगातार बोर बगैर मोटर ही पानी आ रहा है। बताया गया कि इस बोर के निकट ही एक स्थानीय नदी है।
पीएचई बैतूल के एक्सईएन शकील अहमद खान के मुताबिक तकनीकी भाषा में इसे आर्टिशियन ट्यूबवेल कहा जाता है। जमीन के अंदर जो पानी का बहाव है वह हमारे शरीर की नसों में रक्त जैसे दौड़ता है। जब पानी की नसों पर ही बोर होता है तो पानी एकदम पे्रशर से बाहर आता है और निरंतर बहता है।
मनीष सोलंकी - साभार पत्रिका