सीरवी समाज - मुख्य समाचार
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 05 Nov 2011, 00:12:16
राजगढ़ (सीरवी बाहूल्य क्षैत्र M.P. ) देवउठनी एकादशी नवंबर को मनाई जाएगी। यह शादी-ब्याह आदि शुभ कार्य प्रारंभ करने का दिन माना जाता है, इसलिए इस दिन से शहनाई की गूँज सुनाई देना प्रारंभ हो जाएगी। नवंबर माह में 3-4 दिन विवाह के लिए शुभ हैं। इन दिनों में क्षेत्र में बहुत शादियाँ हैं। इसके चलते फोटोग्राफरों, बैंडबाजों, घोड़ी वालों की पूछपरख प्रारंभ हो गई है। इन्हें अग्रिम राशि मिलने लगी है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वर्षाकाल के चार माह में शादी-ब्याह नहीं होते। हालाँकि कुछ समाज में होते हैं, पर उनकी संख्या कम है। देव उठनी ग्यारस से वैवाहिक मौसम शुरू होने से बैंड-बाजे वालों को बुक किए जाने का क्रम प्रारंभ हो गया है। बैंड बाजों के संचालकों द्वारा साजो-सामान दुरुस्त कर लिया गया है। आधुनिकता के दौर में वाद्य यंत्रों एवं वाद्य संगीत की शैली में परिवर्तन आया है। इसका प्रमुख कारण परंपरागत वाद्य यंत्रों को छोड़कर नई तकनीक के वाद्य यंत्रों का प्रयोग किया जाना है।
फरवरी तक घोड़ी बुक
उधर घोड़ी मालिक कान्हालाल ओंकारलाल गेहलोत ने बताया कि नवबंर से फरवरी तक बुकिंग हो चुकी है। जबकि फोटोग्राफर नीलेश वागरेचा ने कहा कि इस नवंबर माह में 11, 21, 27 को होने वाली शादियों की बुकिंग हो चुकी है। दिसंबर एवं जनवरी माह में लग्न मुहूर्त की संख्या अधिक होने से कार्य अधिक मिलने की संभावना है।
बाजार में चहल- पहल बढ़ेगी
दीपावली पर्व के पश्चात वर्तमान में बाजारों में ग्राहकी का अभाव है। देवउठनी ग्यारस के आसपास एक बार फिर से बाजारों में रौनक लौटने की उम्मीद है। इसके चलते व्यापारी वर्ग ने अभी से तैयारियाँ प्रारंभ कर दी हैं। कपड़ा, सोना-चाँदी, श्रृंगार सामग्री आदि व्यवसायों में अच्छा कारोबार होने की उम्मीद है।-निप्र