सीरवी समाज - मुख्य समाचार
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 04 Nov 2011, 11:55:59
पाली,खरीफ की फसल पर हुई इंद्र की मेहर से रबी की फसलें भी खेतों में लहलहाएगी। बांधों और जलस्रोतों में एकत्र पानी के कारण किसानों को रबी में सिंचाई की चिंता नहीं है। जल संसाधन विभाग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग और किसानों के बीच हुए समझौतों के तहत पाली खंड के 17 में से पांच बांधों से तीन पाण पानी दिया जाना तय हुआ है। शेष बांधों से एक-दो पाण पानी से फसलों की प्यास बुझेगी। इन बांधों से 13000 एकड़ से अधिक भूमि पर सिंचाई होगी। जवाई, हेमावास व रायपुर-लूणी बांध से तो सिंचाई के लिए पानी भी छोड़ दिया गया है। दांतीवाड़ा बांध का पूरा पानी पेयजल व पशुओं के लिए आरक्षित रखा गया है।
मीठड़ी से होगी सर्वाधिक सिंचाई : मीठड़ी बांध में आया 300 एमसीएफटी पानी सिंचाई के लिए दिया जाएगा। गजनई व कंटालिया से 88-88 एमसीएफटी, सिरियारी से 26, फुलाद से 123.16, राजपुरा से 80.69, सादड़ी से 167, जूना मलारी से 62, सेली की नाल से 59.22, हरिओम सागर से 27.96, फुटिया से 16.42, लाटाड़ा से 36.29, घोड़ादड़ा से 50.83, केसूली से 70.20 तथा मुथाणा से 70.07 एमसीएफटी पानी सिंचाई के लिए दिया जाएगा। काणा बांध की भराव क्षमता 24.05 फीट में से 5 फीट पानी पशुओं के लिए आरक्षित रखा गया है। शेष पानी सिंचाई में दिया जाएगा।
बैठक में किया तय
बांधों से सिंचाई व पेयजल आदि के लिए पानी देने का निर्णय किसानों के साथ बैठकों में तय किया गया है। उसी की अनुसार पाण दी जाएगी। -राजीव चौधरी, अधिशासी अभियंता, जल संसाधन विभाग, पाली।
इतना है बांधों में पानी
इन बांधों में सबसे अधिक पानी मीठड़ी में 300 एमसीएफटी में है। गजनई में 144.27, कंटालिया में 188, सिरियारी में 45.64, फुलाद में 123.16, राजपुरा में 80.69, सादड़ी में 205, जूना मलारी में 62, सेली की नाल में 92.04, हरिओम सागर में 27.96, दांतीवाड़ा में 24.71, फुटिया में 16.42, लाटाड़ा में 36.29, घोड़ादड़ा में 62.83, केसूली में 70.20 व मुथाणा में 70.07 एमसीएफटी पानी है।
साभार - दैनिक भास्कर